भूखा भूखा क्या करै -कबीर
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भूखा भूखा क्या करै, कहा सुनावै लोग। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! तू ‘भूखा-भूखा’ की रट क्यों लगाता है? अपनी भूख की कहानी लोगों को क्यों सुनाता है ? जिस कृपालु प्रभु ने तेरे शरीर रूपी घड़े को गढ़कर मुख दिया है, वही उदर-पूर्ति भी करेगा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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