राम नाम जाना नहीं -कबीर
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राम नाम जाना नहीं, लागी मोटी खोरि। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! मानव शरीर पाकर यदि राम-नाम के महत्त्व को नहीं समझा तो यह जीवन ही दोषपूर्ण हो जायेगा। यह शरीर काठ की हाँड़ी के समान है जो कि आग पर सिर्फ एक बार ही चढ़ सकती है। अर्थात् एक बार प्राण निकल जाने पर पुन: जीवन का संचार नहीं हो सकता। साधना के लिए फिर शरीर न मिलेगा, इसलिए हे जीव! इसी जीवन में शरीर रहते ही साधना में प्रवृत्त हो जा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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