वी. एन. खरे
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वी. एन. खरे
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पूरा नाम | विश्वेश्वर नाथ खरे |
जन्म | 2 मई, 1939 |
जन्म भूमि | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | न्यायाधीश |
पद | मुख्य न्यायाधीश, भारत- 19 दिसम्बर, 2002 से 2 मई, 2004 तक न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय, भारत- 21 मार्च, 1997 से 1 मई, 2004 तक |
विद्यालय | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण, 2006 |
संबंधित लेख | भारत के मुख्य न्यायाधीश |
पूर्वा धिकारी | गोपाल बल्लभ पटनायक |
उत्तरा धिकारी | एस. राजेन्द्र बाबू |
अन्य जानकारी | जस्टिस वी. एन. खरे प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ी थे, जो सन 1958 में रणजी ट्रॉफी मैचों में उत्तर प्रदेश राज्य के लिए खेल रहे थे। |
अद्यतन | 13:43, 20 अगस्त 2022 (IST)
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विश्वेश्वर नाथ खरे (अंग्रेज़ी: Vishweshwar Nath Khare, जन्म- 2 मई, 1939, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश) भारत के उच्चतम न्यायालय के भूतपूर्व 33वें न्यायाधीश रहे हैं। वह 19 दिसम्बर, 2002 से 2 मई, 2004 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहे। भारत सरकार ने वी. एन. खरे को साल 2006 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
- वी. एन. खरे का जन्म 2 मई, 1939 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में हुआ था।
- अपने जीवन का अधिकांश समय न्यायाधीश वी. एन. खरे ने इलाहाबाद में ही व्यतीत किया।
- उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ कॉलेज, इलाहाबाद से की। बाद में उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
- जस्टिस वी. एन. खरे प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ी थे, जो सन 1958 में रणजी ट्रॉफी मैचों में उत्तर प्रदेश राज्य के लिए खेल रहे थे।
- सन 1961 में वी. एन. खरे ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया, जहां उन्होंने दीवानी, रिट और राजस्व याचिकाओं पर अभ्यास किया।
- उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के लिए मुख्य स्थायी वकील नियुक्त किया गया था।
- 25 जून, 1983 को वी. एन. खरे को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- सन 1996 की शुरुआत में उन्हें कोलकाता उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहाँ से उन्हें एक साल बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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