सात समुंद की मसि करौं -कबीर
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सात समुंद की मसि करौं, लेखनि सब बनराइ। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि यदि सातों समुद्रों की स्याही बना डालूँ, सारे बनराजि की लेखनी और सारी पृथ्वी को काग़ज के रूप में ग्रहण करूँ तो भी प्रभु के गुणों का वर्णन सम्भव नहीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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