अजीत राम वर्मा
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पूरा नाम | अजीत राम वर्मा |
जन्म | 20 सितम्बर, 1921 |
जन्म भूमि | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 4 मार्च, 2009 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भौतिक विज्ञान |
विद्यालय | बीएससी, एमएससी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय पीएचडी, लंदन विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, भारत सरकार, 1982 |
प्रसिद्धि | भारतीय वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सन 1965 में अजीत राम वर्मा को एनपीएल के निदेशक के रूप नियुक्त किया गया था, जहाँ वे 1982 तक बने रहे। जिससे वे एनपीएल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले निदेशक बने। |
अजीत राम वर्मा (अंग्रेज़ी: Ajit Ram Verma, जन्म- 20 सितम्बर, 1921; मृत्यु- 4 मार्च, 2009) भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्हें भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन 1982 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
परिचय
अजीत राम वर्मा का जनम 20 सितंबर, 1921 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पास डलमऊ में हंसराज वर्मा जो एक रेल्वे अधिकारी थे और देवी रानी के यहाँ हुआ था। इलाहाबाद और मेरठ सहित कई स्थानों पर प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने बी.एस.सी. 1940 में और एम.एस.सी. 1942 में की।[1]
स्वैच्छिक निकाय की स्थापना
अजीत राम वर्मा 'सोसाइटी फॉर साइंटिफिक वैल्यूज' के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जिन्होंने विज्ञान की खोज में अखंडता, निष्पक्षता और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की आवश्याकता पर जोर देने के लिए एक स्वैच्छिक निकाय की स्थापना की। एस.एस.वी. की पहली बैठक जून 1984 में आयोजित की गई थी और इसे औपचारिक रूप से 18 अगस्त 1986 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया। एस.एस.वी. के संस्थापक सचिव पी.एन. तिवारी के अनुसार, डॉ. वर्मा ने नैतिक और अध्यात्मिक मूल्यों के बारे में अपने स्पष्ट और कुछ विचारों को व्यक्त किया है।
कार्य
अजीत राम वर्मा ने लंदन विश्वविद्यालय जाने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया। भारत लौटने पर उन्होंने 1955-1959 तक दिल्ली विश्वविद्यालय में भौतिक में रीडर के रूप में कार्य किया। सन 1959 में वे प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी चले गए।[1]
सन 1965 में अजीत राम वर्मा को एनपीएल के निदेशक के रूप नियुक्त किया गया था, जहाँ वे 1982 तक बने रहे। जिससे वे एनपीएल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले निदेशक बने। इसके बाद तीन साल तक उन्होंने आईआईटी, दिल्ली में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया। बाद में वह सीएसआईआर के एमेरिटस साइंटिस्ट और एमपीएल में आईएनएसए सीनियर साइंटिस्ट थे। वह सत्रह साल (1965-1982) तक राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला एनपीएल के निदेशक थे।
पुरस्कार और सम्मान
- पद्म भूषण, भारत सरकार, 1982
- शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, 1964
- आत्माराम पुरस्कार, 1994
- फेलो भारतीय विज्ञान अकादमी, बैंगलोर
- फेलो भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली
- फेलो नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ इंडिया, इलाहाबाद
- सदस्य बोर्ड ऑफ एडिसर्ट–सॉलिड स्टेट कम्यूनिकेशस पेरगामन प्रेस
- भार और माप के लिए अंतर्राष्ट्रीय समिति सीआईपीएम, पेरिस (1966-1982) के निर्वाचित सदस्य।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 अजीत राम वर्मा की जीवनी (हिंदी) jivani.org। अभिगमन तिथि: 17 अक्टूबर, 2022।
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