अन्नपूर्णा देवी यादव
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पूरा नाम | अन्नपूर्णा देवी यादव |
जन्म | 2 फ़रवरी, 1970 |
जन्म भूमि | झारखंड |
पति/पत्नी | रमेश प्रसाद यादव |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री- 7 जुलाई, 2021 |
संबंधित लेख | नरेन्द्र मोदी का मंत्रिमण्डल |
अन्य पार्टी | राष्ट्रीय जनता दल |
अद्यतन | 17:05, 17 जुलाई 2021 (IST)
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अन्नपूर्णा देवी यादव (अंग्रेज़ी: Annpurna Devi Yadav, जन्म- 2 फ़रवरी, 1970, झारखंड) भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिज्ञ हैं। झारखंड के कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। वह केंद्र में 'शिक्षा राज्य मंत्री' बनाई गई हैं। अन्नपूर्णा देवी कोडरमा की सांसद हैं और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी। वह लोकसभा चुनाव-2019 से पहले राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें पहले झारखंड प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हरियाणा का सह प्रभारी भी बनाया गया।
परिचय
अन्नपूर्णा देवी कोडरमा विधानसभा से चार बार विधायक रह चुकी हैं। विधायक रहते उनके पति रमेश प्रसाद यादव की मौत हो गयी। इसके बाद अन्नपूर्णा ने वर्ष 1998 में पहली बार चुनाव लड़ा। सहानुभूति की लहर चली और अन्नपूर्णा जीत गयीं। इसके बाद वर्ष 2000, 2005 और 2009 में भी वह कोडरमा से राजद के टिकट पर विधायक चुनी गयीं।
वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी की लहर में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में तत्कालीन जिला परिषद उपाध्यक्ष डॉ नीरा यादव को अपना उम्मीदवार बनाया। आमने-सामने की लड़ाई में नीरा यादव ने 13,525 मतों से अन्नपूर्णा को पराजित कर दिया। नीरा यादव को 84,874 मत मिले थे, तो अन्नपूर्णा देवी को 71,349 मत प्राप्त हुआ था। अन्नपूर्णा देवी के पति रमेश प्रसाद यादव का राजद से पुराना रिश्ता था। उस समय राजद नहीं, जनता दल हुआ करता था। लालू यादव की आंधी के समय रमेश यादव पहली बार वर्ष 1990 में जनता दल एवं दोबारा वर्ष 1995 में इसी दल से विधायक चुने गये। वे सामाजिक न्याय के प्रतीक थे। इससे पहले रमेश यादव ने दो बार और भाग्य आजमाया था, पर सफल नहीं हो सके थे।[1]
राजनीति
लगातार 15 साल तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की विधायक रहीं अन्नपूर्णा देवी ने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अचानक पाला बदल लिया। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गयीं। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की और देखते ही देखते महज डेढ़ साल के भीतर भाजपा में उनका कद इतना बड़ा हो गया। वर्ष 1998 में अपने पति स्व. रमेश प्रसाद यादव के निधन के बाद अचानक अन्नपूर्णा देवी ने राजनीति में कदम रखा था। तब उन्होंने सोचा भी नहीं रहा होगा कि वह कभी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। लेकिन ऐसा हुआ। राजद प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़कर वह भाजपा में शामिल हुईं और कोडरमा लोकसभा सीट पर रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की।
अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कोडरमा विधानसभा का लगातार चार बार प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल कर चुकीं अन्नपूर्णा देवी का विजय रथ वर्ष 2014 में भाजपा की डॉ. नीरा यादव ने रोक दिया। जातीय गोलबंदी व गंगा-जमुनी तहजीब की राजनीति करने वाली अन्नपूर्णा के लिए वह पल बहुत ही दुखदायी था, पर विधानसभा चुनावों से ठीक पहले लोकसभा का दंगल जीतकर अन्नपूर्णा ने बड़ी लकीर खींच दी। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ऐसी चर्चा तेज हो गयी थी कि केंद्र में उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। राजद से भाजपा में आयीं अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री एवं झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को पटखनी दी थी। वह मंत्री तो नहीं बन पायीं, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नयी टीम में उन्हें रघुवर दास के साथ पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लगातार 15 साल तक RJD की विधायक रहीं अन्नपूर्णा देवी ने अचानक बदल लिया था पाला, भाजपा में ऐसे बढ़ा कद (हिंदी) prabhatkhabar.com। अभिगमन तिथि: 17 जुलाई, 2021।
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क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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