चकमा लिपि (अंग्रेज़ी: Chakma script) ब्राह्मी लिपि से व्युत्पन्न है, जिसका उपयोग चाकमा भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। 70 प्रतिशत पाण्डुलिपियों को लिखने के लिए अधिकांश भारतीय लिपियों का प्रयोग संस्कृत में किया गया है। अन्य 30 प्रतिशत पाण्डुलिपियां असमी, बंगाली, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मैथेयी/मणिपुरी, मराठी, नेपाली, मेवाड़ी/नेपाल भाषा, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, चकमा इत्यादि भाषाओं में हैं।
- चकमा लिपि को चाकमा भाषा में 'अझापात' कहा जाता है। यह बर्मी भाषा की लिपि से मिलती-जुलती है।
- वर्तमान में इसका प्रयोग कुछ घट गया है और बहुत लोग चकमा को बंगाली-असामी लिपि में लिखने लगे हैं।
- देवनागरी की तरह चकमा लिपि भी ब्राह्मी लिपि की वंशज है।
- उत्तरी थाईलैण्ड में प्रयोगित ताइ थाम लिपि और चीन, लाओस, बर्मा व थाईलैण्ड में प्रयोगित ताइ लुए लिपि चकमा लिपि से सम्बन्ध रखती हैं।
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