शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(Sheikh Abdullah से अनुप्रेषित)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला
शेख़ अब्दुल्ला
शेख़ अब्दुल्ला
पूरा नाम शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला
जन्म 5 दिसंबर, 1905
जन्म भूमि सौरा, श्रीनगर
मृत्यु 8 सितम्बर, 1982
अभिभावक शेख़ मोहम्मद इब्राहिम
पति/पत्नी बेगम अकबर जहाँ अब्दुल्ला
संतान फ़ारुक़ अब्दुल्ला, सुरैया अब्दुल्ला अलि
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ़्रेंस
पद मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर : 9 जुलाई, 1977 से 8 सितम्बर, 1982
शिक्षा स्नात्तकोत्तर
विद्यालय अलीगढ़ विश्वविद्यालय
पुरस्कार-उपाधि साहित्य अकादमी पुरस्कार' (उर्दू)[1]
संबंधित लेख महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू
अन्य जानकारी शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय का समर्थन किया था। सन 1949 में ये राज्य के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए।

शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला (अंग्रेज़ी: Sheikh Mohammed Abdullah, जन्म- 5 दिसंबर, 1905, जम्मू और कश्मीर; मृत्यु- 8 सितम्बर, 1982) भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में केंद्रीय भूमिका निभाई थी। 'शेर-ए-कश्‍मीर'" कहलाने वाले शेख़ अब्‍दुल्‍ला, जो कि नेशनल कांफ्रेंस के संस्‍थापक थे और तीन बार जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री (पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री, जब राज्‍य के सत्‍ता प्रमुख को 'वजीर-ए-आजम' और संवैधानिक प्रमुख को 'सदर-ए-रियासत' कहा जाता था) रहे थे। उनके बाद उनके बेटे फ़ारूक़ अब्दुल्ला भी तीन बार और उनके पोते उमर अब्‍दुल्‍ला एक बार जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री रहे। यह कहा जा सकता है कि अब्‍दुल्‍ला परिवार जम्‍मू-कश्‍मीर की सियासत में फर्स्‍ट फैमिली की हैसियत रखता है और शेख़ अब्‍दुल्‍ला उसके प्रथम पुरुष थे। शेख़ अब्दुल्ला को मरणोपरान्त 1988 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' (उर्दू) से सम्मानित किया गया था, यह पुरस्कार उनके द्वारा रचित आत्मकथा 'आतिशे-चिनार' के लिए दिया गया।

परिचय

शेख़ अब्दुल्ला का जन्म 5 दिसबर सन 1905 को जम्मू-कश्मीर के सौरा नामक स्थान पर हुआ था। उनके प्रारम्भिक जीवन के बारे में मुख्य महत्वपूर्ण स्रोत उनके द्वारा लिखी गया 'आतिश-ए-चिनार' नामक आत्मकथा है। शेख़ अब्दुल्ला का गाँव सौरा श्रीनगर से बाहर था। उनका जन्म उनके पिता शेख़ मोहम्मद इब्राहिम की मौत के ग्यारह दिनों के बाद हुआ था। शेख़ अब्दुल्ला के पिता कश्मीरी शाल बनाने और बेचने का कार्य करते थे। शेख़ अब्दुल्ला ने मैट्रिक की परीक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1922 में उत्तीर्ण की थी। उनकी पत्नी का नाम बेगम अकबर जहाँ अब्दुल्ला था।

राजनैतिक जीवन

शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला ने एक सरकारी अध्यापक के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की, किंतु राजनैतिक गतिविधियों में सक्रिय होने के कारण उन्हें इस पद से बर्खास्त कर दिया गया। सन 1932 में वे मुस्लिम सभा के सदस्य चुने गए। 1939 में यह संगठन राष्ट्रीय सभा में बदल गया। उन्होंने मई, 1946 को कश्मीर के महाराजा को शासन समाप्त करने के लिए उनके अधिकार को चुनौती दी और जेल चले गए। सन 1947 में शेख़ अब्दुल्ला जेल से रिहा कर दिए गए। उन्होंने घोषणा की कि कश्मीर के लोग स्वयं अपने भाग्य का निर्णय लेंगे। पाकिस्तान ने कश्मीर का विलय करने के लिए एक जनजाति हमला किया। शेख़ अब्दुल्ला ने लोकप्रिय प्रतिरोध को संचालित किया। उन्होंने जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय का समर्थन किया।

मुख्यमंत्री

सन 1949 में शेख़ अब्दुल्ला राज्य के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए तथा भारत के संविधान के हस्ताक्षरकर्ता बने। भारत सरकार एवं शेख़ अब्दुल्ला के मध्य बढ़ते अविश्वास की परिणति 9 अगस्त, 1953 में हुई। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयुब खां के साथ बैठकों की एक श्रृंखला की। 26 मई, 1964 में नेहरू की मृत्युपरांत बातचीत की प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई। सन 1971 में शेख़ अब्दुल्ला देश से निष्कासित कर दिए गए। बाद में उनका प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ सामंजस्य होने के कारण एक बार फिर उनको जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया गया। वे 1982, अपनी मृत्यु तक मुख्यमंत्री बने रहे। उनकी मौत के बाद उनके सबसे बड़े बेटे फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद हेतु चुनाव लड़ा।

मृत्यु

शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला का निधन 8 सितम्बर, 1982 को 77 वर्ष की आयु में श्रीनगर में हुआ।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आत्मकथा 'आतिशे-चिनार' के लिए

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू
भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा
भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ
भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी
भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक
बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल
भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत
भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय
भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा
भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल
आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो
एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान
आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी
कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार
जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह
भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव
भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे
शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा
जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा
एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा
भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी
भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022