"समुच्यबोधक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
 
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
{{व्याकरण}}
{{व्याकरण}}
[[Category:व्याकरण]]
[[Category:व्याकरण]]
[[Category:हिन्दी भाषा]]
[[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

09:14, 14 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

  • समुच्यबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में समुच्यबोधक एक अविकारी शब्द है।
  • जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
  • जैसे- और, या, न, पर, किन्तु, परन्तु, वरन्, लेकिन, इसीलिए, अतएव, सो, अत:, क्योंकि, कि, यदि, तो, यद्यपि-तथापि आदि।
उदाहरण
  • राम और श्याम दिल्ली जा रहे हैं।
  • या तो तुम बातें करों या सो जाओ।
  • वह यहाँ अवश्य आता, परन्तु बीमार था।
  • यदि तुम आओगे, तो मैं भी अवश्य आऊँगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख