"स्वर (व्याकरण)": अवतरणों में अंतर

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*स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं।  
*स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं।  
*परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 मानी गई है।  
*[[व्याकरण (व्यावहारिक)|व्याकरण]] में परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 11 मानी गई है।  
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अ, आ, इ, ई, उ,  
अ, आ, इ, ई, उ,  
ऊ, ए, ऐ, ओ,  
, ऋ, ए, ऐ, ओ,  
, अं, अ:।</poem>
औ</poem>
*उच्चारण की दृष्टि से इनमें केवल 10 ही स्वर हैं।
==स्वरों के भेद==
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स्वरों के दो भेद होते हैं।
, आ, इ, ई, उ,  
;<u>ह्रस्व स्वर</u>
ऊ, ए, ऐ, ओ,  
*वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं।
औ।</poem>
*जैसे- अ, इ, उ,
;<u>दीर्घ स्वर</u>
*वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है।
*जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ,


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09:14, 14 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

  • स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं।
  • व्याकरण में परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 11 मानी गई है।

अ, आ, इ, ई, उ,
ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ,

स्वरों के भेद

स्वरों के दो भेद होते हैं।

ह्रस्व स्वर
  • वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं।
  • जैसे- अ, इ, उ, ऋ
दीर्घ स्वर
  • वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है।
  • जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ


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