"एक नाम अधरों पर आया -कन्हैयालाल नंदन": अवतरणों में अंतर
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अंग-अंग चंदन वन हो गया। | अंग-अंग चंदन वन हो गया। | ||
बोल है कि वेद की ऋचायें | बोल है कि वेद की ऋचायें, | ||
सांसों में सूरज उग आयें | सांसों में सूरज उग आयें, | ||
आँखों में ऋतुपति के छंद तैरने लगे, | |||
मन सारा नील गगन हो गया। | मन सारा नील गगन हो गया। | ||
गंध गुंथी बाहों का घेरा | गंध गुंथी बाहों का घेरा, | ||
जैसे मधुमास का सवेरा | जैसे मधुमास का सवेरा, | ||
फूलों की भाषा में देह बोलने लगी | फूलों की भाषा में देह बोलने लगी, | ||
पूजा का एक जतन हो गया। | पूजा का एक जतन हो गया। | ||
पानी पर खीचकर लकीरें | पानी पर खीचकर लकीरें, | ||
काट नहीं सकते जंजीरें | काट नहीं सकते जंजीरें, | ||
आसपास अजनबी अधेरों के डेरे हैं | आसपास अजनबी अधेरों के डेरे हैं, | ||
अग्निबिंदु और सघन हो गया। | अग्निबिंदु और सघन हो गया। | ||
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11:50, 23 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
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एक नाम अधरों पर आया, |
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