"सती संतोसी सावधान -कबीर": अवतरणों में अंतर

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सती संतोषी सावधान, सबदभेद सुबिचार।
सती संतोसी सावधान, सबदभेद सुबिचार।
सतगुर के परसाद तैं, सहज शील मत सार॥
सतगुर के परसाद तैं, सहज शील मत सार॥
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12:20, 11 जनवरी 2014 के समय का अवतरण

सती संतोसी सावधान -कबीर
संत कबीरदास
संत कबीरदास
कवि कबीर
जन्म 1398 (लगभग)
जन्म स्थान लहरतारा ताल, काशी
मृत्यु 1518 (लगभग)
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ साखी, सबद और रमैनी
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कबीर की रचनाएँ

सती संतोसी सावधान, सबदभेद सुबिचार।
सतगुर के परसाद तैं, सहज शील मत सार॥

अर्थ सहित व्याख्या

कबीरदास कहते हैं कि जो साधक सत्यनिष्ठ है, सहनशील है और अवधानपूर्वक सभी ध्वनियों के रहस्य पर भली-भाँति विचार करता है, वह सत्गुरु के कृपा से उस सहज अवस्था को प्राप्त करता है जो सब मतों का सार है।


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