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'''केसरी''' वानर राज और [[अंजना]] (अंजनी) देवी के पुत्र [[हनुमान]] थे। अंजना वास्तव में पुन्जिकस्थला नाम की एक स्वर्ग [[अप्सरा]] थी, जो एक [[शाप]] के कारण नारी वानर के रूप में धरती पर जन्मी। उस शाप का प्रभाव भगवान [[शिव]] के अंश को जन्म देने के बाद ही समाप्त होने का योग था। अंजना केसरी की पत्नी थीं।  
केसरी वानर राज और अंजनी देवी के पुत्र [[हनुमान]] थे। अंजना वास्तव में पुन्जिकस्थला नाम की एक स्वर्ग [[अप्सरा]] थी, जो एक शाप के कारण नारी वानर के रूप मे धरती पर जन्मी। उस शाप का प्रभाव भगवान [[शिव]] के अंश को जन्म देने के बाद ही समाप्त होना का योग था। अंजना केसरी की पत्नी थीं। केसरी एक शक्तिशाली वानर थे जिन्होने एक बार एक भयंकर हाथी को मारा था। उस हाथी ने कई बार असहाय साधु-संतों को विभिन्न प्रकार से कष्ट पँहुचाया था। तभी से उनका नाम केसरी पड़ गया, "केसरी" का अर्थ होता है सिंह। उन्हे "कुंजर सुदान"(हाथी को मारने वाला) के नाम से भी जाना जाता है।
*केसरी एक शक्तिशाली वानर थे जिन्होंने एक बार एक भयंकर [[हाथी]] को मारा था। उस हाथी ने कई बार असहाय साधु-संतों को विभिन्न प्रकार से कष्ट पँहुचाया था। तभी से उनका नाम केसरी पड़ गया, "केसरी" का अर्थ होता है सिंह।  
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11:56, 29 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

केसरी वानर राज और अंजना (अंजनी) देवी के पुत्र हनुमान थे। अंजना वास्तव में पुन्जिकस्थला नाम की एक स्वर्ग अप्सरा थी, जो एक शाप के कारण नारी वानर के रूप में धरती पर जन्मी। उस शाप का प्रभाव भगवान शिव के अंश को जन्म देने के बाद ही समाप्त होने का योग था। अंजना केसरी की पत्नी थीं।

  • केसरी एक शक्तिशाली वानर थे जिन्होंने एक बार एक भयंकर हाथी को मारा था। उस हाथी ने कई बार असहाय साधु-संतों को विभिन्न प्रकार से कष्ट पँहुचाया था। तभी से उनका नाम केसरी पड़ गया, "केसरी" का अर्थ होता है सिंह।
  • केसरी को "कुंजर सुदान" (हाथी को मारने वाला) के नाम से भी जाना जाता है।

इन्हें भी देखें: अंजना एवं हनुमान

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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