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यद्यपि 20वीं [[सदी]] के | यद्यपि 20वीं [[सदी]] के उत्तरार्ध में [[बिहार]] की शिक्षा दर लगभग तिगुनी होकर राज्य की जनसंख्या के क़रीब 48 प्रतिशत तक पहुंच गई है, फिर भी यह देश के अन्य राज्यों की शिक्षा दर की तुलना में काफ़ी नीचे है। महिला साक्षरता दर (33.57 प्रतिशत) की तुलना में पुरुष साक्षरता दर (60.32 प्रतिशत) लगभग दुगनी है। 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को शिक्षित करना राज्य का प्रधान लक्ष्य है। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत बच्चे प्राथमिक स्कूलों में दाख़िला लेने के योग्य हैं, लेकिन इनमें से बहुत कम ही माध्यमिक स्तर तक पहुंच पाते हैं, क्योंकि इनकी आर्थिक आवश्यकताएं इन्हें काम करने के लिए बाध्य करती हैं। व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षण संस्थाएं सरकारी विभागों द्वारा सहायता प्राप्त हैं। बिहार के उच्च शिक्षण संस्थानों में [[पटना]] स्थित प्राचीन व महत्त्वपूर्ण पटना विश्वविद्यालय; मुज़फ़्फ़रपुर में बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय और [[भागलपुर]] स्थित 'तिलका मांझी भालपुर विश्वविद्यालय' शामिल हैं। बाद के दोनों शिक्षण संस्थान विभिन्न विषयों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करते हैं और इनसे अनेक महाविद्यालय संबद्ध हैं। द पटना स्कूल ऑफ़ आर्ट्स ऐंड क्राफ़्ट्स में विशिष्ट विषयों के शिक्षा दी जाती है। | ||
प्राचीन काल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। शिक्षा का प्रमुख केन्द्र [[नालन्दा विश्वविद्यालय]] , [[विक्रमशिला विश्वविद्यालय]], वर्जासन विश्वविद्यालय एवं [[ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय]] थे। | प्राचीन काल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। शिक्षा का प्रमुख केन्द्र [[नालन्दा विश्वविद्यालय]] , [[विक्रमशिला विश्वविद्यालय]], वर्जासन विश्वविद्यालय एवं [[ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय]] थे। |
11:14, 1 जून 2017 के समय का अवतरण
यद्यपि 20वीं सदी के उत्तरार्ध में बिहार की शिक्षा दर लगभग तिगुनी होकर राज्य की जनसंख्या के क़रीब 48 प्रतिशत तक पहुंच गई है, फिर भी यह देश के अन्य राज्यों की शिक्षा दर की तुलना में काफ़ी नीचे है। महिला साक्षरता दर (33.57 प्रतिशत) की तुलना में पुरुष साक्षरता दर (60.32 प्रतिशत) लगभग दुगनी है। 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को शिक्षित करना राज्य का प्रधान लक्ष्य है। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत बच्चे प्राथमिक स्कूलों में दाख़िला लेने के योग्य हैं, लेकिन इनमें से बहुत कम ही माध्यमिक स्तर तक पहुंच पाते हैं, क्योंकि इनकी आर्थिक आवश्यकताएं इन्हें काम करने के लिए बाध्य करती हैं। व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षण संस्थाएं सरकारी विभागों द्वारा सहायता प्राप्त हैं। बिहार के उच्च शिक्षण संस्थानों में पटना स्थित प्राचीन व महत्त्वपूर्ण पटना विश्वविद्यालय; मुज़फ़्फ़रपुर में बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय और भागलपुर स्थित 'तिलका मांझी भालपुर विश्वविद्यालय' शामिल हैं। बाद के दोनों शिक्षण संस्थान विभिन्न विषयों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करते हैं और इनसे अनेक महाविद्यालय संबद्ध हैं। द पटना स्कूल ऑफ़ आर्ट्स ऐंड क्राफ़्ट्स में विशिष्ट विषयों के शिक्षा दी जाती है।
प्राचीन काल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। शिक्षा का प्रमुख केन्द्र नालन्दा विश्वविद्यालय , विक्रमशिला विश्वविद्यालय, वर्जासन विश्वविद्यालय एवं ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय थे।
- बिहार में शिक्षा मध्यकाल से प्रारम्भ हुई थी। इस समय अधिकांशत: मुस्लिम ही उच्च शिक्षा ग्रहण करते थे। शिक्षा का माध्यम फारसी था किंतु कहीं संस्कृत के भी शिक्षण संस्थान थे।
- अजीमाबाद (पटना) बिहार में फारसी का सबसे बड़ा केन्द्र था। बिहार के प्रसिद्ध विद्वानों में क़ाज़ी ग़ुलाम मुज़फ्फर थे।
- आधुनिक शिक्षा का प्रारम्भ 1835 ई. में लॉर्ड विलियम बैंटिक द्वारा किया गया। शिक्षा का माध्यम संस्कृत-फारसी के साथ अंग्रेज़ी भी था लेकिन अंग्रेज़ी भाषा की सर्व प्रमुखता थी।
- पूर्णिया के बिहार शरीफ़ तथा छपरा में एक अंग्रेज़ी शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई।
- शिक्षण संस्थान
- बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय,
- भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय,
- बिहार योग भारती (मानद विश्वविद्यालय),
- बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय,
- चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय,
- जय प्रकाश विश्वविद्यालय,
- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय,
- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,
- मगध विश्वविद्यालय,
- मौलाना मज़हरूल हक अरबी व फ़ारसी विश्वविद्यालय,
- नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय,
- पटना विश्वविद्यालय,
- राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय,
- तिलक मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय,
- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय।
शिक्षा केन्द्र
प्राचीन काल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। शिक्षा का प्रमुख केन्द्र नालन्दा विश्वविद्यालय , विक्रमशिला विश्वविद्यालय, वर्जासन विश्वविद्यालय एवं ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय थे।
- बिहार में शिक्षा मध्यकाल से प्रारम्भ हुई थी। इस समय अधिकांशत: मुस्लिम ही उच्च शिक्षा ग्रहण करते थे। शिक्षा का माध्यम फारसी था किंतु कहीं संस्कृत के भी शिक्षण संस्थान थे।
- अजीमाबाद (पटना) बिहार में फारसी का सबसे बड़ा केन्द्र था। बिहार के प्रसिद्ध विद्वानों में क़ाज़ी ग़ुलाम मुज़फ्फर थे।
- आधुनिक शिक्षा का प्रारम्भ 1835 ई. में लॉर्ड विलियम बैंटिक द्वारा किया गया। शिक्षा का माध्यम संस्कृत-फारसी के साथ अंग्रेज़ी भी था लेकिन अंग्रेज़ी भाषा की सर्व प्रमुखता थी।
- पूर्णिया के बिहार शरीफ़ तथा छपरा में एक अंग्रेज़ी शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई।
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