"कुसुम सरोवर गोवर्धन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
(10 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 25 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''कुसुम सरोवर | [[चित्र:kusum-sarovar-01.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan|thumb|350px]] | ||
'''कुसुम सरोवर''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[मथुरा]] नगर में [[गोवर्धन]] से लगभग 2 किलोमीटर दूर [[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुण्ड]] के निकट स्थापत्य कला के नमूने का एक समूह [[जवाहर सिंह]] द्वारा अपने पिता [[सूरजमल]] (ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। ई. 1675 से पहले यह कच्चा कुण्ड था जिसे [[ओरछा]] के राजा वीर सिंह ने पक्का कराया उसके बाद राजा सूरजमल ने इसे अपनी रानी किशोरी के लिए बाग़-बगीचे का रूप दिया और इसे अधिक सुन्दर और मनोरम स्थल बना दिया। बाद में जवाहर सिंह ने इसे अपने माता पिता के स्मारक का रूप दे दिया। | |||
==स्थापत्य विशेषताएँ== | |||
*मुख्य स्मारक 57 फीट वर्गाकार है। स्मारक का सबसे उत्कृष्ट भाग इसकी कुर्सी है जो कि रूपरेखा में सुस्पष्ट और परिष्कृति में उत्कृष्ट है। राजा के स्मारक के बगल में दोनों ओर कुछ छोटे आकार में उनकी रानियों, हँसिया और किशोरी की छतरियाँ बनी हैं। | |||
* स्मारक 460 फीट लम्बे चबूतरे पर हैं। इसकी पिछली दीवार दोनों किनारों पर पर्दे के सदृश्य प्रतीत होती है और विभिन्न रूपरेखा की दो मंजिली नौ छतरियाँ अग्रभाग में उभार प्रदर्शन को निर्मित की गई हैं। रानी हंसिया के स्मारक के सन्निकट एक विश्वसनीय दासी की छतरी भी है। | |||
*इसके पीछे एक विस्तीर्ण बगीचा है और सामने की ओर वेदिका के निचले हिस्से पर एक मनोरम तालाब है, जिसे कुसुम सरोवर कहा जाता है। यह सरोवर 460 फीट वर्गाकार है। इसके पत्थरों के सोपान चारों ओर मध्यभाग में टूटे हैं और चार छोटे आकार के कक्ष आच्छादित दीवार के साथ पानी में सरोवर जल के 60 फीट अन्दर तक बने हैं। इसके उत्तर में जवाहर सिंह की छतरी निर्माण के लिए प्रगति हुई थी किन्तु तभी मुसलमानों के आक्रमण के चलते उसका दुबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। उसी ओर झील के घाट क्षतिग्रस्त है। | |||
* कहा जाता है कि इसके निर्माण के कुछ वर्ष पश्चात् ही गोसांई हिम्मत बहादुर निर्माण सामग्री [[वृन्दावन]] में घाटों का निर्माण कराने के लिए ले गया। आज भी घाट उसकी स्मृति में क़ायम है। | |||
*कुसुम सरोवर [[गोवर्धन]] के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है। उचित देखभाल न होने के कारण अपनी भव्यता और रमणीकता खोता जा रहा है। | |||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==वीथिका कुसुम सरोवर== | ==वीथिका कुसुम सरोवर== | ||
<gallery | <gallery> | ||
चित्र:Kusum-Sarovar-6.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | चित्र:Kusum-Sarovar-6.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | ||
चित्र:Kusum-Sarovar-Govardhan-39.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | |||
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-12.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-12.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | ||
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-25.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-25.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 30: | ||
चित्र:Kusum-Sarovar-11.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | चित्र:Kusum-Sarovar-11.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | ||
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-24.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-24.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | ||
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-21.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura | |||
</gallery> | </gallery> | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}{{उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल}} | |||
[[Category:ब्रज]] | {{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:ऐतिहासिक_स्थल]] | [[Category:ब्रज]][[Category:ऐतिहासिक_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]][[Category:उत्तर_प्रदेश_के_ऐतिहासिक_स्थान]][[Category:उत्तर_प्रदेश_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]] | ||
[[Category:पर्यटन_कोश]] | |||
[[Category:उत्तर_प्रदेश_के_ऐतिहासिक_स्थान]] | |||
[[Category: | |||
[[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:42, 23 जून 2017 के समय का अवतरण
कुसुम सरोवर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा नगर में गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर दूर राधाकुण्ड के निकट स्थापत्य कला के नमूने का एक समूह जवाहर सिंह द्वारा अपने पिता सूरजमल (ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। ई. 1675 से पहले यह कच्चा कुण्ड था जिसे ओरछा के राजा वीर सिंह ने पक्का कराया उसके बाद राजा सूरजमल ने इसे अपनी रानी किशोरी के लिए बाग़-बगीचे का रूप दिया और इसे अधिक सुन्दर और मनोरम स्थल बना दिया। बाद में जवाहर सिंह ने इसे अपने माता पिता के स्मारक का रूप दे दिया।
स्थापत्य विशेषताएँ
- मुख्य स्मारक 57 फीट वर्गाकार है। स्मारक का सबसे उत्कृष्ट भाग इसकी कुर्सी है जो कि रूपरेखा में सुस्पष्ट और परिष्कृति में उत्कृष्ट है। राजा के स्मारक के बगल में दोनों ओर कुछ छोटे आकार में उनकी रानियों, हँसिया और किशोरी की छतरियाँ बनी हैं।
- स्मारक 460 फीट लम्बे चबूतरे पर हैं। इसकी पिछली दीवार दोनों किनारों पर पर्दे के सदृश्य प्रतीत होती है और विभिन्न रूपरेखा की दो मंजिली नौ छतरियाँ अग्रभाग में उभार प्रदर्शन को निर्मित की गई हैं। रानी हंसिया के स्मारक के सन्निकट एक विश्वसनीय दासी की छतरी भी है।
- इसके पीछे एक विस्तीर्ण बगीचा है और सामने की ओर वेदिका के निचले हिस्से पर एक मनोरम तालाब है, जिसे कुसुम सरोवर कहा जाता है। यह सरोवर 460 फीट वर्गाकार है। इसके पत्थरों के सोपान चारों ओर मध्यभाग में टूटे हैं और चार छोटे आकार के कक्ष आच्छादित दीवार के साथ पानी में सरोवर जल के 60 फीट अन्दर तक बने हैं। इसके उत्तर में जवाहर सिंह की छतरी निर्माण के लिए प्रगति हुई थी किन्तु तभी मुसलमानों के आक्रमण के चलते उसका दुबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। उसी ओर झील के घाट क्षतिग्रस्त है।
- कहा जाता है कि इसके निर्माण के कुछ वर्ष पश्चात् ही गोसांई हिम्मत बहादुर निर्माण सामग्री वृन्दावन में घाटों का निर्माण कराने के लिए ले गया। आज भी घाट उसकी स्मृति में क़ायम है।
- कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है। उचित देखभाल न होने के कारण अपनी भव्यता और रमणीकता खोता जा रहा है।
|
|
|
|
|