"नंदिनी हरिनाथ": अवतरणों में अंतर
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'''नंदिनी हरिनाथ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nandini Harinath'') [[भारत]] की महिला वैज्ञानिक हैं। उनका कॅरियर '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) से शुरू हुआ था। जब उन्होंने स्टार ट्रेक सीरिज देखी, तभी से वह विज्ञान के प्रति आकर्षित हो गई थीं। वह एक ऐसे [[परिवार]] से आती हैं, जहां पर सभी अध्यापक और इंजीनियर्स हैं। उनका झुकाव हमेशा से ही [[विज्ञान]] और प्रौद्योगिकी वाले विषयों के लिए रहा। नंदिनी हरिनाथ मार्स मिशन के साथ बतौर डिप्टी डायरेक्टर जुड़ी हुई हैं। | '''नंदिनी हरिनाथ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nandini Harinath'') [[भारत]] की महिला वैज्ञानिक हैं। उनका कॅरियर '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) से शुरू हुआ था। जब उन्होंने स्टार ट्रेक सीरिज देखी, तभी से वह विज्ञान के प्रति आकर्षित हो गई थीं। वह एक ऐसे [[परिवार]] से आती हैं, जहां पर सभी अध्यापक और इंजीनियर्स हैं। उनका झुकाव हमेशा से ही [[विज्ञान]] और प्रौद्योगिकी वाले विषयों के लिए रहा। नंदिनी हरिनाथ मार्स मिशन के साथ बतौर डिप्टी डायरेक्टर जुड़ी हुई हैं। | ||
*नंदिनी हरिनाथ का अंतरिक्ष विज्ञान से पहला परिचय टेलीविज़न पर साइंस फ़िक्शन "स्टार ट्रेक" से हुआ था। उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए कहा था- "मेरी मां गणित की शिक्षक और पिता इंजीनियर हैं। उन्हें भौतिकी से बेहद लगाव है। हम सब एक साथ बैठ कर स्टार ट्रेक देखा करते थे।" | *नंदिनी हरिनाथ का अंतरिक्ष विज्ञान से पहला परिचय टेलीविज़न पर साइंस फ़िक्शन "स्टार ट्रेक" से हुआ था। उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए कहा था- "मेरी [[मां]] गणित की शिक्षक और [[पिता]] इंजीनियर हैं। उन्हें [[भौतिक विज्ञान|भौतिकी]] से बेहद लगाव है। हम सब एक साथ बैठ कर स्टार ट्रेक देखा करते थे।" | ||
*[[इसरो]] के पहले नंदिनी हरिनाथ ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने के बारे में नहीं सोचा था। उनका कहना था कि- "यह पहली बार था, जब मैंने नौकरी के लिए आवेदन किया था और मैं पास भी हो गई। इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।" | *[[इसरो]] के पहले नंदिनी हरिनाथ ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने के बारे में नहीं सोचा था। उनका कहना था कि- "यह पहली बार था, जब मैंने नौकरी के लिए आवेदन किया था और मैं पास भी हो गई। इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।" | ||
*[[भारत]] के मंगल अभियान से जुड़ना नंदिनी हरिनाथ के लिए बड़ी बात थी। उनका कहना था कि- "यह इसरो ही नहीं, पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। इसने हमें बिल्कुल दूसरे स्तर पर ला खड़ा किया, अब दूसरे देश हमसे मिल कर काम करना चाहते हैं।" | *[[भारत]] के मंगल अभियान से जुड़ना नंदिनी हरिनाथ के लिए बड़ी बात थी। उनका कहना था कि- "यह इसरो ही नहीं, पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। इसने हमें बिल्कुल दूसरे स्तर पर ला खड़ा किया, अब दूसरे देश हमसे मिल कर काम करना चाहते हैं।" | ||
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05:57, 13 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
नंदिनी हरिनाथ
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पूरा नाम | नंदिनी हरिनाथ |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | अंतरिक्ष विज्ञान |
प्रसिद्धि | भारतीय वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
अन्य जानकारी | नंदिनी हरिनाथ पिछले कई वर्षों से इसरो में अपनी सेवाएँ दे रही हैं। वे मार्स मिशन के साथ बतौर डिप्टी डायरेक्टर जुड़ी हुई हैं। |
नंदिनी हरिनाथ (अंग्रेज़ी: Nandini Harinath) भारत की महिला वैज्ञानिक हैं। उनका कॅरियर 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) से शुरू हुआ था। जब उन्होंने स्टार ट्रेक सीरिज देखी, तभी से वह विज्ञान के प्रति आकर्षित हो गई थीं। वह एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहां पर सभी अध्यापक और इंजीनियर्स हैं। उनका झुकाव हमेशा से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी वाले विषयों के लिए रहा। नंदिनी हरिनाथ मार्स मिशन के साथ बतौर डिप्टी डायरेक्टर जुड़ी हुई हैं।
- नंदिनी हरिनाथ का अंतरिक्ष विज्ञान से पहला परिचय टेलीविज़न पर साइंस फ़िक्शन "स्टार ट्रेक" से हुआ था। उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए कहा था- "मेरी मां गणित की शिक्षक और पिता इंजीनियर हैं। उन्हें भौतिकी से बेहद लगाव है। हम सब एक साथ बैठ कर स्टार ट्रेक देखा करते थे।"
- इसरो के पहले नंदिनी हरिनाथ ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने के बारे में नहीं सोचा था। उनका कहना था कि- "यह पहली बार था, जब मैंने नौकरी के लिए आवेदन किया था और मैं पास भी हो गई। इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।"
- भारत के मंगल अभियान से जुड़ना नंदिनी हरिनाथ के लिए बड़ी बात थी। उनका कहना था कि- "यह इसरो ही नहीं, पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। इसने हमें बिल्कुल दूसरे स्तर पर ला खड़ा किया, अब दूसरे देश हमसे मिल कर काम करना चाहते हैं।"
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- इन महिलाओं की वजह से भारत ने रचा इतिहास
- पीएसएलवी सी 17: तीन महिला वैज्ञानिको के हाथ जीसैट 12 की कमान
- भारत को अंतरिक्ष में भेजने वाली महिलाएं
- जानिए उन सात महिलाओं के बारे में जिन्होंने इसरो की सफलता में अदा किया बड़ा रोल