"दिल्ली पर्यटन": अवतरणों में अंतर

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{{सूचना बक्सा दिल्ली}}
{{सूचना बक्सा दिल्ली}}
==पर्यटन==
[[दिल्ली]] एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। दिल्‍ली में मंदिरों से लेकर मॉल तक, क़िलों से लेकर उद्यान और अनेक ऐतिहासिक इमारतें और हैं जो इतिहास की जीवंत निशानियाँ हैं। प्रतिवर्ष लाखों सैलानी दिल्‍ली आते हैं और यहाँ की मिश्रित संस्‍कृति को जानने की कोशिश करते हैं।
दिल्‍ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। दिल्‍ली में मंदिरों से लेकर मॉल तक, क़िलों से लेकर उद्यान और अनेक ऐतिहासिक इमारतें और हैं जो इतिहास की जीवंत निशानियाँ हैं। प्रतिवर्ष लाखों सैलानी दिल्‍ली आते हैं और यहाँ की मिश्रित संस्‍कृति को जानने की कोशिश करते हैं।
*दिल्ली तो है दिल वालों की। दिल्ली के इतिहास में सम्पूर्ण [[भारत]]  की झलक सदैव मौजूद रही है। [[अमीर खुसरो]] और [[मिर्जा ग़ालिब|ग़ालिब]]  की रचनाओं को गुनगुनाती हुई दिल्ली [[नादिरशाह]]  की लूट की चीखों से सहम भी जाती है। [[चाँदनी चौक]]- [[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]] की संकरी गलियों से गुज़रकर चौड़े [[राजपथ]] पर [[26 जनवरी]] की परेड़ को निहारती हुई दिल्ली [[30 जनवरी]] को उन तीन गोलियों की आवाज़ को नहीं भूला पाती जो राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] के सीने में धँस गयी थी। दिल्ली ने दौलताबाद जाने के तुग़लकी फ़रमानों को भी सुना और [[लाल क़िला|लाल क़िले]] से [[प्रधानमंत्री]] के अभिभाषणों पर तालियाँ भी बजायी। कभी रघुराय ने दिल्ली की रायसीना पहाड़ी को अपने कैमरे में क़ैद कर लिया तो कभी हुसैन के [[रंग|रंगों]] ने दिल्ली को रंग दिया। दिल्ली कभी [[कुतुबमीनार]] की मंज़िलों को चढ़ाने में पसीना बहाती रही तो कभी [[हुमायूँ का मक़बरा|हुमायूँ के मक़बरे]] में पत्थरों को तराशती रही। नौ बार लूटे जाने से भी दिल्ली के श्रृंगार में कोई कमी नहीं आयी। आज भी दिल्ली विश्व के सुन्दरतम नगरों में गिनी जाती है।   
====<u>लोटस मंदिर</u>====
==बाग़-बग़ीचे==
{{मुख्य|लोटस मंदिर दिल्ली}}
{{Main|दिल्ली के बाग़-बग़ीचे}}
*लोटस टैंपल कालकाजी मंदिर के पीछे स्थित है।  
*दिल्ली में कई बाग़-बग़ीचे है।
*जिनमें जापानी शैली में बना बुद्ध जयन्ती पार्क, [[कनॉट प्लेस]] के बीच में स्थित सेंट्रल पार्क जो दुकानों में आने-जाने के लिए छोटे मार्ग के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, साथ ही ऑफ़िस आने-जाने वालों के लिए थोड़ी देर सुस्ताने की जगह है।
====लोटस टैंपल====
{{मुख्य|लोटस टैंपल}}
*लोटस टैंपल [[कालकाजी मंदिर]] के पीछे स्थित है।  
*लोटस टैंपल को बहाई प्रार्थना केंद्र या कमल मंदिर के नाम से जाना जाता है।
*लोटस टैंपल को बहाई प्रार्थना केंद्र या कमल मंदिर के नाम से जाना जाता है।
====<u>जामा मस्जिद</u>====
====जामा मस्जिद====
{{मुख्य|जामा मस्जिद दिल्ली}}
{{मुख्य|जामा मस्जिद दिल्ली}}
*जामा मस्जिद लाल क़िले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।  
*जामा मस्जिद लाल क़िले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।  
*जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।
*जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।
====<u>लाल क़िला</u>====
====लाल क़िला====
{{मुख्य|लाल क़िला दिल्ली}}
{{मुख्य|लाल क़िला दिल्ली}}
लाल किले की नींव शाहजहां के शासन काल में पड़ी थी। इसे पूरा होने में 9 साल का समय लगा। अधिकांश इस्लामिक इमारतों की तरह यह किला भी अष्टभुजाकार है। उत्तर में यह किला सलीमगढ़ किले से जुड़ा हुआ है। लाहौरी गेट के अलावा यहां प्रवेश का दूसरा द्वार हाथीपोल है। इसके बारे में माना जाता है कि यहां पर राजा और उनके मेहमान हाथी से उतरते थे। लाल किले के अन्य प्रमुख आकर्षण हैं मुमताज महल, रंग महल, खास महल, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, हमाम और शाह बुर्ज। यह किला भारत की शान है। इसी किले पर स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भाषण देते हैं।
*लाल क़िले की नींव शाहजहाँ के शासन काल में पड़ी थी। इसे पूरा होने में 9 साल का समय लगा।  
====<u>हुमायूँ का मक़बरा</u>====
*अधिकांश इस्लामिक इमारतों की तरह यह क़िला भी अष्टभुजाकार है। उत्तर में यह क़िला [[सलीमगढ़|सलीमगढ़ क़िले]] से जुड़ा हुआ है।  
{{मुख्य|हुमायूँ का मक़बरा दिल्ली}}
[[चित्र:Red-Fort.jpg|thumb|left|[[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]], [[दिल्ली]]i]]
[[हुमायूँ]] एक महान [[मुग़ल]] बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी। हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेग़म ने हुमायूँ की याद में बनवाया था। 1562-1572 के बीच बना यह मक़बरा आज दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में एक है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं। फ़ारसी वास्तुकार मिरक मिर्जा गियायुथ की छाप इस इमारत पर साफ देखी जा सकती है। यह मक़बरा संत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास [[यमुना नदी]] के किनारे स्थित है। इस जगह पर हमीदा बेग़म ([[अकबर]] की मां), [[दारा शिकोह]] ([[शाहजहाँ]] का बेटा) और बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय (अंतिम मुग़ल शासक) का मक़बरा भी है। इस मक़बरे का प्रभाव [[ताजमहल]] पर भी देखा जा सकता है। यूनेस्‍को ने इसे विश्‍व धरोहर का दर्जा दिया है। इस मक़बरे की देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है।
====हुमायूँ का मक़बरा====
====<u>पुराना क़िला</u>====
{{मुख्य|हुमायूँ का मक़बरा}}
*[[हुमायूँ]] एक महान् [[मुग़ल]] बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी।  
*हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेगम ने हुमायूँ की याद में बनवाया था।
====पुराना क़िला====
{{मुख्य|पुराना क़िला दिल्ली}}
{{मुख्य|पुराना क़िला दिल्ली}}
इस किले का निर्माण सूर वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने 16वीं में करवाया था। 1539-40 में शेर शाह सूरी ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुगल बादशाह हुमायूं को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्जा कर लिया। 1545 में उनकी मृत्यु के बाद हुमायूं ने पुन: दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया था। शेर शाह सूरी द्वारा बनवाई गई लाल पत्थरों की इमारत शेर मंडल में हुमायूं ने अपना पुस्तकालय बनाया। इतिहासकारों के अनुसार इसी इमारत से गिरने की वजह से हुमायूं की मृत्यु हुई थी। यह किला केवल देशी-विदेशी पर्यटकों को ही आकर्षित नहीं करता बल्कि इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं को भी लुभाता है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्थान पर पुराना किला बना है उस स्थान पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था इंद्रप्रस्थ को पुराणों में महाभारत काल का नगर माना जाता है। इसमें प्रवेश करने के तीन दरवाजे हैं- हुमायूं दरवाजा, तलकी दरवाजा और बड़ा दरवाजा। लेकिन आजकल केवल बड़ा दरवाजा की प्रयोग में लाया जाता है। सभी
*पुराना क़िले का निर्माण सूर वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने 16वीं में करवाया था।
 
*1539-1540 में [[शेरशाह सूरी]] ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुग़ल बादशाह हुमायूँ को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्ज़ा कर लिया।  
दरवाजे दो-मंजिला हैं। ये विशाल द्वार लाल पत्थर से बनाए गए हैं। कई शासकों का शासन देख चुका पुराना किला अनेक उतार-चढ़ावों का साक्षी रहा है। वर्तमान में यहां एक बोट क्‍लब है जहां नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। पास ही चिडि़याघर भी है।
====जंतर मंतर====
====<u>जंतर मंतर</u>====
{{मुख्य|जन्तर मन्तर दिल्ली}}
{{मुख्य|जंतर मंतर दिल्ली}}
*जंतर मंतर का निर्माण 1724 में सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था।  
इसका निर्माण सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1724 में करवाया था। यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है। जय सिंह ने ऐसी वेधशालाओं का निर्माण जयपुर, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में भी किया था। दिल्ली का जंतर-मंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है। मोहम्मद शाह के शासन काल में हिन्दु और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थित को लेकिर बहस छिड़ गई थी। इसे खत्म करने के लिए सवाई जय सिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया।ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं। सम्राट यंत्र सूर्य की सहायता से वक्त और ग्रहों की स्थिति की जानकारी देता है। मिस्र यंत्र वर्ष के सबसे छोटे ओर सबसे बड़े दिन को नाप सकता है। राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र खगोलीय पिंडों की गति के बारे में बताता है।
*यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है।
====<u>क़ुतुब मीनार</u>====
====क़ुतुब मीनार====
{{मुख्य|क़ुतुब मीनार दिल्ली}}
[[चित्र:Qutub-Minar-Delhi.jpg|thumb|left|[[क़ुतुब मीनार]], [[दिल्ली]]]]
कुतुब मीनार का निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक ने शुरु 1199 में शुरु करवाया था और इल्तुमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया। इस इमारत का नाम ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया। ऐसा माना जाता है कि इसका प्रयोग पास बनी मस्जिद की मीनार के रूप में होता था और यहां से अजान दी जाती थी। लाल और हल्के पीले पत्थर से बनी इस इमारत पर कुरान की आयतें लिखी हैं। कुतुबमीनार मूल रूप्‍ा से सात मंजिल का था लेकिन अब यह पांच मंजिल का ही रह गया है। कुतुब मीनार की कुल ऊंचाई 72.5 मी. है और इसमें 379 सीढ़ियां हैं। समय-समय पर इसकी मरम्मत भी हुई हैं। जिन बादशाहों ने इसकी मरम्मत कराई उनका उल्लेख इसकी दीवारों पर मिलता है। कुतुब मीनार परिसर में और भी कई इमारते हैं। भारत की पहली कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अलई दरवाजा और इल्तुमिश का मकबरा भी यहां बना हुआ है। मस्जिद के पास ही चौथी शताब्दी में बना लौहस्तंभ भी है जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है
{{मुख्य|क़ुतुब मीनार}}
====<u>इंडिया गेट</u>====
*कुतबुद्दीन ऐबक ने 1199 में क़ुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था और इल्तुतमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया।
{{मुख्य|इंडिया गेट दिल्ली}}
*इस इमारत का नाम ख़्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया।
राजपथ पर स्थित इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गए 90000 भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था। 160 फीट ऊंचा इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाजा माना जाता है। जिन सैनिकों की याद में यह बनाया गया था उनके नाम इस इमारत पर खुदे हुए हैं। इसके अंदर अखंड अमर जवान ज्योति भी जलती रहती है। इसकी नींव 1921 में ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी और इसे कुछ साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इर्विन ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में की गई थी। इंडिया गेट दिल्ली की महत्वपूर्ण इमारत है। दिल्ली आने वाले पर्यटक यहां अवश्य आते हैं।
====इंडिया गेट====
====<u>राजघाट</u>====
{{मुख्य|इंडिया गेट}}
* इंडिया गेट [[राजपथ]] पर स्थित है। इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफ़गान युद्ध में मारे गए 90,000 भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था।  
*इंडिया गेट 160 फीट ऊँचा है, इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाज़ा माना जाता है।
====राजघाट====
{{मुख्य|राजघाट दिल्ली}}
{{मुख्य|राजघाट दिल्ली}}
यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द हे राम उद्धृत हैं। अब यह एक खूबसूरत बाग का रूप ले चुका है। यहां पर खूबसूरत फव्वारे और अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए हैं। यहां पास ही शांति वन में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की समाधि भी है। भारत आने वाले विदेशी उच्चाधिकारी महात्मा गांधी को श्रद्धांजली देने के लिए राजघाट अवश्य आते हैं।
*यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर [[महात्मा गांधी]] की समाधि स्थित है।  
====<u>मुग़ल बगीचा</u>====
*यह समाधि काले संगमरमर से बनी हुई है।  
{| class="bharattable" align="right" style="margin:10px; text-align:center"
|+ <small>दिल्ली के विभिन्न पर्यटन स्थलों के दृश्य</small>
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| [[चित्र:Jama-Masjid-Delhi.jpg|[[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]], दिल्ली|200px|center]]
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|<small>[[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]], दिल्ली</small>
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| [[चित्र:Humayun's-Tomb-Delhi.jpg|[[हुमायूँ का मक़बरा]], दिल्ली|200px|center]]
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|<small>[[हुमायूँ का मक़बरा]], दिल्ली</small>
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| [[चित्र:Purana-Qila-Delhi.jpg|[[पुराना क़िला दिल्ली|पुराना क़िला]], दिल्ली|200px|center]]
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|<small>[[पुराना क़िला दिल्ली|पुराना क़िला]], दिल्ली</small>
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| [[चित्र:Jantar-Mantar-Delhi.jpg|[[जन्तर मन्तर दिल्ली|जन्तर मन्तर]], दिल्ली|200px|center]]
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|<small>[[जन्तर मन्तर दिल्ली|जन्तर मन्तर]], दिल्ली</small>
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| [[चित्र:India-gate.jpg|[[इंडिया गेट]], दिल्ली|200px|center]]
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|<small>[[इंडिया गेट]], दिल्ली</small>
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| [[चित्र:Raj-Ghat-Delhi.jpg|[[महात्मा गाँधी]] स्मारक, [[राजघाट दिल्ली|राजघाट]]|200px|center]]
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|<small>[[महात्मा गाँधी]] स्मारक, [[राजघाट दिल्ली|राजघाट]]</small>
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| [[चित्र:Rashtrapati-Bhavan-1.jpg|[[राष्ट्रपति भवन]], दिल्ली|200px|center]]
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|<small>[[राष्ट्रपति भवन]], दिल्ली</small>
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| [[चित्र:Lotus-Temple.jpg|200px|[[लोटस टैंपल]], [[दिल्ली]]|center]]
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|<small>[[लोटस टैंपल]], दिल्ली</small>
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====मुग़ल गार्डन====
{{मुख्य|मुग़ल गार्डन दिल्ली}}
{{मुख्य|मुग़ल गार्डन दिल्ली}}
मुगल गार्डन राष्ट्रपति भवन में स्थित है और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इसका डिजाइन सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिग के लिए बनाया था। 13 एकड़ में फैले इस गार्डन में मुगल और ब्रिटिश शैली का मिश्रण दिखाई देता है। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल (मोती) गार्डन, बटरफ्लाय (तितली) गार्डन और सकरुलर (वृताकार) गार्डन। बटरफ्लाय गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं। यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्‍तम है। मुगल गार्डन में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब,गेंदा,स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। मुगल गार्डन फरवरी में पर्यटकों के लिए खुलता है।
*मुग़ल गार्डन राष्ट्रपति भवन में स्थित है और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।  
====<u>चिड़ियाघर या राष्ट्रीय जैविक उद्यान</u>====
*मुग़ल गार्डन का डिजाइन सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिंग के लिए बनाया था।
{{मुख्य|राष्ट्रीय जैविक उद्यान दिल्ली}}
दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है। यह पुराने किले के पास ही स्थित है। 1959 में बने इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। 214 एकड़ में फैले इस जैविक उद्यान में जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। यहां पर ऑस्टेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु-पक्षी भी देखे जा सकते हैं। चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां से पेड़,पौधों,पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है।


समय: गर्मियां में सुबह 8-शाम 6 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9-शाम 5 बजे तक
====चिड़ियाघर या राष्ट्रीय प्राणी उद्यान====
शुक्रवार को बंद रहता है और खाने पीने की चीजें लाना मना है
{{मुख्य|राष्ट्रीय प्राणी उद्यान दिल्ली}}
====<u>हस्तशिल्प संग्रहालय</u>====
*दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है।
{{मुख्य|हस्तशिल्प संग्रहालय दिल्ली}}
*यह पुराने क़िले के पास ही स्थित है।
क्राफ्ट म्यूजियम प्रगति मैदान में स्थित दिल्ली का प्रमुख पर्यटक स्थल है। इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित किया गया है। देश के विभिन्‍न राज्‍यों की सांस्‍कृतिक झलक यहां देखी जा सकती है। इस जगह देश के विभिन्न भागों से आए शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इस संग्रहालय में देशभर से लाए गए दुर्लभ कला और हस्त शिल्प का विस्‍तृत संग्रह है। यहां आदिवासी और ग्रामीण शिल्प,कपड़ों आदि से संबंधित अलग-अलग दीर्घाएं हैं। क्राफ्ट म्यूजियम में क्राफ्ट म्यूजियम शॉप भी है। संग्रहालय और शिल्पकारों से पूजा का सामान, गहने, शॉल और किताबें खरीदी जा सकती हैं।
====हस्त शिल्पकला संग्रहालय====
समय: जुलाई से सितंबर सुबह 9.30-शाम 5 बजे तक
{{मुख्य|हस्त शिल्पकला संग्रहालय दिल्ली}}
अक्टूबर से जून सुबह 9.30-शाम 6 बजे तक, सोमवार और राष्ट्रीय अवकाश के दिन बंद
*दिल्ली में हस्त शिल्पकला संग्रहालय [[प्रगति मैदान]] में स्थित दिल्ली का प्रमुख पर्यटक स्थल है।  
====<u>राष्ट्रीय संग्रहालय</u>====
*इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित किया गया है।  
====राष्ट्रीय संग्रहालय====
{{मुख्य|राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली}}
{{मुख्य|राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली}}
1960 में निर्मित इस संग्रहालय में भारतीय सभ्यता के विकास से संबंधित चीजों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें से कुछ चीजें प्रागेतिहासिक काल की हैं। यहां चोल काल के पत्थर और कांसे से बनी मूर्तियां रखी हुई हैं। यहां विश्‍व के सर्वाधिक लघु चित्रों का संग्रह है। इसके अलावा घर की सजावट और गहनों का प्रदर्शित करती दीर्घाएं भी यहां हैं। इस राष्ट्रीय संग्रहालय में एक संरक्षण प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला में अनेक कलाकृतियों को संभाल कर रखा जाता है और छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
*राष्ट्रीय संग्रहालय 1960 में निर्मित हुआ था।
====<u>भारतीय रेल संग्रहालय</u>====
*इस संग्रहालय में भारतीय सभ्यता के विकास से संबंधित चीज़ों को प्रदर्शित किया गया है।  
{{मुख्य|भारतीय रेल संग्रहालय दिल्ली}}
====राष्ट्रीय रेल संग्रहालय====
दक्षिण दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित रल संग्रहालय भारतीय रेल के 140 साल के इतिहास की ालक प्रस्तुत करता है। विभिन्न प्रकार के रेल इंजनों को देखने के लिए देश भर से लाखों पर्यटक यहां आते हैं। यहां पर रेल इंजनों के अनेक मॉडल और कोच हैं जिसमें भारत की पहली रेल का मॉडल और इंजन भी शामिल हैं। इसका निर्माण ब्रिटिश वास्तुकार एम जी सेटो ने 1957 में किया था। 10 एकड़ में फैले इस संग्रहालय में एक टॉय रेल भी है जहां सैर का आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा यहां रेस्टोरेंट और बुक स्टॉल है। तिब्बती हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी यहां किया गया है।
{{मुख्य|राष्ट्रीय रेल संग्रहालय दिल्ली}}
समय: गर्मियों में सुबह 9.30-शाम 7 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9.30-शाम 5 बजे तक
*राष्ट्रीय रेल संग्रहालय दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित है।
====<u>चाँदनी चौक</u>====
*राष्ट्रीय रेल संग्रहालय संग्रहालय भारतीय रेल के 140 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।  
{{मुख्य|चाँदनी चौक दिल्ली}}
====चाँदनी चौक====
दिल्‍ली आने वाले किसी भी व्‍यक्ति की यात्रा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक वह चांदनी चौक न जाए। यह दिल्‍ली के थोक व्‍यापार का प्रमुख केंद्र है। पुराने समय में तुर्की, चीन और हॉलैंड के व्‍यापारी यहां व्‍यापार करने आते थे। यह मुगल काल में प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र था। इसका डिजाइन शाहजहां की पुत्री जहांआरा बेगम ने बनाया था। यहां की गलियां संकरी हैं। इसलिए यहां गा‍ड़ी लेकर न आने की सलाह दी जाती है।
{{मुख्य|चाँदनी चौक}}
====<u>कनॉट प्लेस</u>====
*चाँदनी चौक दिल्‍ली के थोक व्‍यापार का प्रमुख केंद्र है।
{{मुख्य|कनॉट प्लेस दिल्ली}}
*यहाँ पुराने समय में तुर्की, चीन और हॉलैंड के व्‍यापारी व्‍यापार करने आते थे।  
कनॉट प्‍लेस दिल्‍ली का प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र है। इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्‍य ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया था। इस मार्केट का डिजाइन डब्‍ल्‍यू एच निकोल और टॉर रसेल ने बनाया था। यह मार्केट अपने समय की भारत की सबसे बड़ी मार्केट थी। अपनी स्‍थापना के 65 साल बाद भी यह दिल्‍ली में खरीदारी का प्रमुख केंद्र है। यहां के इनर सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्‍ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, रेस्‍टोरेंट और बार हैं। यहां किताबों की दुकानें भी हैं जहां आपको भारत के बारे में जानकारी देने वाली बहुत अच्‍छी किताबें मिल जाएंगी।
====कनॉट प्लेस====
====<u>जनपथ और पालिका बाज़ार</u>====
{{मुख्य|कनॉट प्लेस}}
{{मुख्य|पालिका बाज़ार दिल्ली}}
*कनॉट प्‍लेस दिल्‍ली का प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र है।  
बंटवारे के बाद यहां आए शरणार्थियों और तिब्‍बती शरणार्थियों ने यहां अपनी दुकानें बनाकर इस मार्केट को बसाया। यहां आपको सस्‍ते कपड़े मिल जाएंगे लेकिन इसके लिए मोल भाव करना आना चाहिए। जनपथ में सेंट्रल कॉटेज इंडस्‍ट्रीज एंपोरियम है। इसके पास ही जवाहर व्‍यापार भवन है जहां भारतीय हस्‍तशिल्‍प का सामान देखा और खरीदा जा सकता है।  पालिका बाजार भूमिगत बाजार है। यहां करीब 400 दुकानें हैं जहां कम कीमत पर कपड़े और बिजली का सामान मिल जाता है लेकिन यहां भी बहुत मोल भाव करना पड़ता है।
*इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्‍य [[ड्यूक ऑफ़ कनॉट]] के नाम पर रखा गया था।
====<u>दिल्ली हाट</u>====
====पालिका बाज़ार====
{{मुख्य|पालिका बाज़ार}}
*इस बाज़ार को बँटवारे के बाद यहाँ आए शरणार्थियों और तिब्‍बती शरणार्थियों ने यहाँ पर अपनी दुकानें बनाकर बसाया।  
*पालिका बाज़ार भूमिगत बाज़ार है। यहां क़रीब 400 दुकानें हैं जहां कम कीमत पर कपड़े और बिजली का सामान मिल जाता है लेकिन यहां भी बहुत मोल भाव करना पड़ता है।
====दिल्ली हाट====
{{मुख्य|दिल्ली हाट}}
{{मुख्य|दिल्ली हाट}}
दिल्‍ली हाट एम्‍स से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यहां पर आकर संपूर्ण भारत के एक साथ दर्शन हो जाते हैं। यहां पर भारत के विभिन्‍न प्रांतों के हस्‍तशिल्‍प को प्रदर्शित करती दुकानें हैं। दक्षिण भारतीय व्‍यंजन से लेकर सुदूर उत्‍तर पूर्व के खाने के स्‍टॉल भी यहां मिल जाते हैं। यहां समय समय पर सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। यहां आप नृत्‍य और संगीत का भी आनंद उठा सकते हैं।
*दिल्‍ली हाट एम्‍स से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है।  
*यहाँ पर आकर संपूर्ण भारत के एक साथ दर्शन हो जाते हैं।
====गुड़ियों का संग्रहालय====
{{मुख्य|गुड़ियों का संग्रहालय दिल्ली}}
*इस संग्रहालय की स्‍थापना मशहूर कार्टूनिस्‍ट के. शंकर पिल्‍लई ने की थी।
*यहाँ पर विभिन्‍न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्‍व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है।
====राष्ट्रपति भवन====
{{मुख्य|राष्ट्रपति भवन}}
*राष्ट्रपति भवन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है।
*इस भवन के निर्माण की सोच सर्वप्रथम 1911 में उस समय उत्पन्न हुई जब [[दिल्ली दरबार]] ने निर्णय किया कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानान्तरित की जाएगी।
*इसी के साथ में यह भी निर्णय लिया गया कि नई दिल्ली में ब्रिटिश वायसराय के रहने के लिए एक आलीशान भवन का निर्माण किया जाएगा।
 
====पंच इंद्रीय बगीचा====
{{मुख्य|पंच इंद्रीय बगीचा दिल्ली}}
*पंच इंद्रीय बग़ीचा एक ख़ूबसूरत और विशाल बाग़ है।
*इस बग़ीचे का निर्माण दिल्ली पर्यटन विकास निगम ने किया था।
====तालकटोरा बगीचा====
{{मुख्य|तालकटोरा बगीचा दिल्ली}}
*तालकटोरा बग़ीचा एक ऐतिहासिक स्थल है।
*इस स्थान पर ही 1738 में [[मुग़ल|मुग़लों]] ने [[मराठा|मराठों]] को हराया था।
*पुराने समय में इस स्थान पर एक कुंड था।
====लोदी बगीचा====
{{मुख्य|लोदी बगीचा दिल्ली}}
*सफदरजंग के मक़बरे से लोदी बगीचा 1 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।
*इस बाग़ का पुराना नाम 'लेडी विलिंगटन पार्क' था।
====दिल्ली विश्वविद्यालय====
{{मुख्य|दिल्ली विश्वविद्यालय}}
*'''दिल्ली विश्वविद्यालय''' भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय, जो [[भारत]] की राजधानी [[दिल्ली]] में स्थित है।
*1922 में स्थापित यह विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
====लालकोट====
{{दिल्ली दर्शनीय स्थल सूची}}
{{मुख्य|लालकोट}}
*सन 1960 में राजपूतों द्वारा बनाया गया यह परकोटा ही सर्वप्रथम दिल्ली के नाम से जाना जाता था।
*उत्तरी भारत की पहली मस्जिद 'कुवैत-उल-इस्लाम' इसी क़िले में स्थित है।
====फ़िरोज़शाह कोटला====
{{मुख्य|फ़िरोज़शाह कोटला स्टेडियम}}
*फ़िरोजशाह कोटला 1354 में फ़िरोज़ाबाद के शासक फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा बनाया गया था।
*यह स्थान आज भी प्रासांगिक है।
====ख़ान ए ख़ाना मक़बरा====
{{मुख्य|ख़ान ए ख़ाना मक़बरा}}
*ख़ान ए ख़ाना के नाम से प्रसिद्ध यह मक़बरा [[रहीम|अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना]] का है, जो [[मुग़ल]] बादशाह [[अकबर]] एवं [[जहाँगीर]] के शासनकाल के प्रतिभाशाली एवं प्रसिद्ध दरबारी थे।
*ख़ान ए ख़ाना मक़बरे का निर्माण अब्दुर्रहीम खानखाना के द्वारा अपनी बेगम की याद में करवाया गया था, जिनकी मृत्यु 1598 ई. में हो गयी थी। बाद में स्वयं अब्दुर रहीम को 1627 ई. में उनके मृत्यु के पश्चात् इसी मक़बरे में दफनाया गया।
====संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ====
{{मुख्य|संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ दिल्ली}}
संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ [[दिल्ली]] शहर का एक मन्दिर है। भक्तों द्वारा [[नवरात्र|नवरात्रों]] में शक्तिपीठों व मंदिर में जाकर जो फ़रियाद की जाती है, वह माँ भगवती शीघ्र पूरा कराती है, इसी विश्वास का प्रतीक है शाहदरा गोरख पार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मन्दिर।
====शिव गौरी मन्दिर====
{{मुख्य|शिव गौरी मन्दिर चांदनी चौक}}
*चांदनी चौक इलाके में सर्वधर्म सद्भाव की गंगा सारा साल बहती है।
*शिव गौरी मन्दिर में माँ [[पार्वती]] और जगदम्बा जी के दर्शन कर पुण्य कमाने की होड़ लगी होती है।
====माँ सतोषी मन्दिर====
{{मुख्य|माँ सतोषी मन्दिर दिल्ली}}
*माँ सतोषी मन्दिर [[दिल्ली]] शहर का एक मन्दिर है।
*दो से तीन किलोमीटर लम्बी पंक्तियों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई हों और मन्दिर दूधिया रोशनी के साथ जयमाता दी के जयकारों से गूंज रहा हो तो समझ लीजिए कि आप हरी नगर स्थित जेल रोड पर माँ संतोषी के प्राचीन मन्दिर के आस-पास हैं।
====आद्या कात्यायनी====
{{मुख्य|आद्या कात्यायनी दिल्ली}}
*श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मन्दिर छत्तरपुर की मान्यता एवं विश्वास की बात [[नवरात्र|नवरात्रों]] के प्रतिदिन तीन से चार लाख श्रद्धालुओं का आने से लगायी जा सकती है।
*संत शिरोमणिपरमपूज्य श्री दुर्गाचरणनुरागी बाबा संत नागपाल जी इस मन्दिर के संस्थापक थे, जो ब्रह्मलीन हैं।  
====झंडेवाला देवी मन्दिर====
{{मुख्य|झंडेवाला देवी मन्दिर दिल्ली}}
*झंडेवाला देवी मन्दिर हज़ारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है।
*झंडेवाला देवी मन्दिर का एक प्राचीन [[इतिहास]] है, जिसकी मनमोहनी पौराणिक गाथा एक विशेष भक्त श्री बद्रीदास जी से आंरभ होती है।
====लक्ष्मीनारायण मन्दिर====
{{मुख्य|लक्ष्मीनारायण मन्दिर दिल्ली}}
*[[कनॉट प्लेस]] के पश्चिम में स्थित यह मन्दिर [[1938]] में उद्योगपति राजा बल्देव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और [[महात्मा गांधी]] ने इसका उदघाटन किया था।
*लक्ष्मीनारायण मन्दिर [[हिन्दू धर्म]] की सभी शाखाओं के [[दर्शन]] किये जा सकते हैं।
====लक्ष्मीनारायण मन्दिर====
{{मुख्य|लक्ष्मीनारायण मन्दिर दिल्ली}}
*[[कनॉट प्लेस]] के पश्चिम में स्थित यह मन्दिर [[1938]] में उद्योगपति राजा बल्देव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और [[महात्मा गांधी]] ने इसका उदघाटन किया था।
*लक्ष्मीनारायण मन्दिर [[हिन्दू धर्म]] की सभी शाखाओं के [[दर्शन]] किये जा सकते हैं।  
 
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08:54, 17 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

दिल्ली विषय सूची
दिल्ली पर्यटन
विवरण दिल्ली देश के उत्तरी मध्य भाग में गंगा की एक प्रमुख सहायक यमुना नदी के दोनों तरफ बसी है। दिल्ली भारत का तीसरा बड़ा शहर है। यह एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली है।
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 28°36′36, पूर्व- 77°13′48
मार्ग स्थिति दिल्ली, राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और आगरा के रास्ते कोलकता से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से सूरत, अहमदाबाद, उदयपुर, अजमेर और जयपुर के रास्ते मुंबई से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 1 से जालंधर, लुधियाना और अंबाला होते हुए अमृतसर और राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से रामपुर और मुरादाबाद के रास्ते लखनऊ से जुड़ी है।
हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन
बस अड्डा आई.एस.बी.टी, सराय काले ख़ाँ, आनंद विहार
यातायात साईकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, लोकल रेल, मेट्रो रेल, बस
क्या देखें दिल्ली पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
क्या खायें पंजाबी खाना, चाट, पराठें वाली गली के 'पराठें'
एस.टी.डी. कोड 011
सावधानी आतंकवादी गतिविधियों से सावधान, लावारिस वस्तुओं को ना छुएं, शीत ऋतु में कोहरे से और ग्रीष्म ऋतु में लू से बचाव करें।
गूगल मानचित्र, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
संबंधित लेख लाल क़िला, इण्डिया गेट, जामा मस्जिद, राष्ट्रपति भवन उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सैना
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल
अन्य जानकारी दिल्ली राज्य का राजकीय पक्षी घरेलू गौरैया (House Sparrow) है।
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
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दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। दिल्‍ली में मंदिरों से लेकर मॉल तक, क़िलों से लेकर उद्यान और अनेक ऐतिहासिक इमारतें और हैं जो इतिहास की जीवंत निशानियाँ हैं। प्रतिवर्ष लाखों सैलानी दिल्‍ली आते हैं और यहाँ की मिश्रित संस्‍कृति को जानने की कोशिश करते हैं।

  • दिल्ली तो है दिल वालों की। दिल्ली के इतिहास में सम्पूर्ण भारत की झलक सदैव मौजूद रही है। अमीर खुसरो और ग़ालिब की रचनाओं को गुनगुनाती हुई दिल्ली नादिरशाह की लूट की चीखों से सहम भी जाती है। चाँदनी चौक- जामा मस्जिद की संकरी गलियों से गुज़रकर चौड़े राजपथ पर 26 जनवरी की परेड़ को निहारती हुई दिल्ली 30 जनवरी को उन तीन गोलियों की आवाज़ को नहीं भूला पाती जो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सीने में धँस गयी थी। दिल्ली ने दौलताबाद जाने के तुग़लकी फ़रमानों को भी सुना और लाल क़िले से प्रधानमंत्री के अभिभाषणों पर तालियाँ भी बजायी। कभी रघुराय ने दिल्ली की रायसीना पहाड़ी को अपने कैमरे में क़ैद कर लिया तो कभी हुसैन के रंगों ने दिल्ली को रंग दिया। दिल्ली कभी कुतुबमीनार की मंज़िलों को चढ़ाने में पसीना बहाती रही तो कभी हुमायूँ के मक़बरे में पत्थरों को तराशती रही। नौ बार लूटे जाने से भी दिल्ली के श्रृंगार में कोई कमी नहीं आयी। आज भी दिल्ली विश्व के सुन्दरतम नगरों में गिनी जाती है।

बाग़-बग़ीचे

  • दिल्ली में कई बाग़-बग़ीचे है।
  • जिनमें जापानी शैली में बना बुद्ध जयन्ती पार्क, कनॉट प्लेस के बीच में स्थित सेंट्रल पार्क जो दुकानों में आने-जाने के लिए छोटे मार्ग के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, साथ ही ऑफ़िस आने-जाने वालों के लिए थोड़ी देर सुस्ताने की जगह है।

लोटस टैंपल

  • लोटस टैंपल कालकाजी मंदिर के पीछे स्थित है।
  • लोटस टैंपल को बहाई प्रार्थना केंद्र या कमल मंदिर के नाम से जाना जाता है।

जामा मस्जिद

  • जामा मस्जिद लाल क़िले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
  • जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।

लाल क़िला

  • लाल क़िले की नींव शाहजहाँ के शासन काल में पड़ी थी। इसे पूरा होने में 9 साल का समय लगा।
  • अधिकांश इस्लामिक इमारतों की तरह यह क़िला भी अष्टभुजाकार है। उत्तर में यह क़िला सलीमगढ़ क़िले से जुड़ा हुआ है।
लाल क़िला, दिल्लीi

हुमायूँ का मक़बरा

  • हुमायूँ एक महान् मुग़ल बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी।
  • हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेगम ने हुमायूँ की याद में बनवाया था।

पुराना क़िला

  • पुराना क़िले का निर्माण सूर वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने 16वीं में करवाया था।
  • 1539-1540 में शेरशाह सूरी ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुग़ल बादशाह हुमायूँ को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्ज़ा कर लिया।

जंतर मंतर

  • जंतर मंतर का निर्माण 1724 में सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था।
  • यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है।

क़ुतुब मीनार

क़ुतुब मीनार, दिल्ली
  • कुतबुद्दीन ऐबक ने 1199 में क़ुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था और इल्तुतमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया।
  • इस इमारत का नाम ख़्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया।

इंडिया गेट

  • इंडिया गेट राजपथ पर स्थित है। इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफ़गान युद्ध में मारे गए 90,000 भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था।
  • इंडिया गेट 160 फीट ऊँचा है, इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाज़ा माना जाता है।

राजघाट

  • यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है।
  • यह समाधि काले संगमरमर से बनी हुई है।
दिल्ली के विभिन्न पर्यटन स्थलों के दृश्य
जामा मस्जिद, दिल्ली
जामा मस्जिद, दिल्ली
जामा मस्जिद, दिल्ली
हुमायूँ का मक़बरा, दिल्ली
हुमायूँ का मक़बरा, दिल्ली
हुमायूँ का मक़बरा, दिल्ली
पुराना क़िला, दिल्ली
पुराना क़िला, दिल्ली
पुराना क़िला, दिल्ली
जन्तर मन्तर, दिल्ली
जन्तर मन्तर, दिल्ली
जन्तर मन्तर, दिल्ली
इंडिया गेट, दिल्ली
इंडिया गेट, दिल्ली
इंडिया गेट, दिल्ली
महात्मा गाँधी स्मारक, राजघाट
महात्मा गाँधी स्मारक, राजघाट
महात्मा गाँधी स्मारक, राजघाट
राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
लोटस टैंपल, दिल्ली
लोटस टैंपल, दिल्ली
लोटस टैंपल, दिल्ली

मुग़ल गार्डन

  • मुग़ल गार्डन राष्ट्रपति भवन में स्थित है और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
  • मुग़ल गार्डन का डिजाइन सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिंग के लिए बनाया था।

चिड़ियाघर या राष्ट्रीय प्राणी उद्यान

  • दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है।
  • यह पुराने क़िले के पास ही स्थित है।

हस्त शिल्पकला संग्रहालय

  • दिल्ली में हस्त शिल्पकला संग्रहालय प्रगति मैदान में स्थित दिल्ली का प्रमुख पर्यटक स्थल है।
  • इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित किया गया है।

राष्ट्रीय संग्रहालय

  • राष्ट्रीय संग्रहालय 1960 में निर्मित हुआ था।
  • इस संग्रहालय में भारतीय सभ्यता के विकास से संबंधित चीज़ों को प्रदर्शित किया गया है।

राष्ट्रीय रेल संग्रहालय

  • राष्ट्रीय रेल संग्रहालय दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित है।
  • राष्ट्रीय रेल संग्रहालय संग्रहालय भारतीय रेल के 140 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।

चाँदनी चौक

  • चाँदनी चौक दिल्‍ली के थोक व्‍यापार का प्रमुख केंद्र है।
  • यहाँ पुराने समय में तुर्की, चीन और हॉलैंड के व्‍यापारी व्‍यापार करने आते थे।

कनॉट प्लेस

  • कनॉट प्‍लेस दिल्‍ली का प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र है।
  • इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्‍य ड्यूक ऑफ़ कनॉट के नाम पर रखा गया था।

पालिका बाज़ार

  • इस बाज़ार को बँटवारे के बाद यहाँ आए शरणार्थियों और तिब्‍बती शरणार्थियों ने यहाँ पर अपनी दुकानें बनाकर बसाया।
  • पालिका बाज़ार भूमिगत बाज़ार है। यहां क़रीब 400 दुकानें हैं जहां कम कीमत पर कपड़े और बिजली का सामान मिल जाता है लेकिन यहां भी बहुत मोल भाव करना पड़ता है।

दिल्ली हाट

  • दिल्‍ली हाट एम्‍स से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है।
  • यहाँ पर आकर संपूर्ण भारत के एक साथ दर्शन हो जाते हैं।

गुड़ियों का संग्रहालय

  • इस संग्रहालय की स्‍थापना मशहूर कार्टूनिस्‍ट के. शंकर पिल्‍लई ने की थी।
  • यहाँ पर विभिन्‍न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्‍व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है।

राष्ट्रपति भवन

  • राष्ट्रपति भवन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है।
  • इस भवन के निर्माण की सोच सर्वप्रथम 1911 में उस समय उत्पन्न हुई जब दिल्ली दरबार ने निर्णय किया कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानान्तरित की जाएगी।
  • इसी के साथ में यह भी निर्णय लिया गया कि नई दिल्ली में ब्रिटिश वायसराय के रहने के लिए एक आलीशान भवन का निर्माण किया जाएगा।

पंच इंद्रीय बगीचा

  • पंच इंद्रीय बग़ीचा एक ख़ूबसूरत और विशाल बाग़ है।
  • इस बग़ीचे का निर्माण दिल्ली पर्यटन विकास निगम ने किया था।

तालकटोरा बगीचा

  • तालकटोरा बग़ीचा एक ऐतिहासिक स्थल है।
  • इस स्थान पर ही 1738 में मुग़लों ने मराठों को हराया था।
  • पुराने समय में इस स्थान पर एक कुंड था।

लोदी बगीचा

  • सफदरजंग के मक़बरे से लोदी बगीचा 1 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।
  • इस बाग़ का पुराना नाम 'लेडी विलिंगटन पार्क' था।

दिल्ली विश्वविद्यालय

  • दिल्ली विश्वविद्यालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय, जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
  • 1922 में स्थापित यह विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।

लालकोट

दिल्ली दर्शनीय स्थल सूची

  1. आदमख़ान का मक़बरा
  2. अहिंसा स्थल
  3. अजमेरी गेट
  4. अला-ए-दरवाज़ा
  5. अला-ए-मीनार
  6. अला-उ-दीन का मक़बरा
  7. अप्पूघर
  8. अशोक शिलालेख
  9. बहाई मंदिर
  10. बकीबिल्लाह का मक़बरा
  11. बाल भवन
  12. बेगमपुर मस्जिद
  13. भागीरथ पैलेस
  14. भूली भटियारी
  15. भूल भुलैया
  16. भूली भटियारी का महल
  17. बिजय मंडल
  18. चोर मीनार
  19. डांडी यात्रा मूर्ति
  20. दिल्ली गेट
  21. फ़्लैग टॉवर
  22. गाँधी बलिदान स्थल
  23. गाँधी सदन
  24. गाँधी स्मारक निधि
  25. ग़ाज़ियुद्दीन का मक़बरा
  26. ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा
  27. हौज़ ख़ास
  28. हुमायूँ का मक़बरा
  29. ईदगाह
  30. इल्तुमिश का मक़बरा
  31. इंडिया गेट
  32. इंदिरा गाँधी मेमोरियल
  33. जहाँपनाह
  34. जामा मस्जिद
  35. जंतर-मंतर
  36. कामराज स्टेच्यु
  37. कश्मीरी गेट
  38. ख़ानख़ाना का मक़बरा
  39. खिड़की मस्जिद
  40. ख़ूनी दरवाजा
  41. कोस मीनार
  42. फ़िरोजाबाद कोटला
  43. कृष्णा मेनन स्टेच्यु
  44. लाहोरी गेट
  45. लाल बहादुर शास्त्री स्मृति
  46. लाल गुम्बद
  47. मजनूं का टीला
  48. मेटकाल्फ भवन
  49. मौलाना आज़ाद का मक़बरा
  50. मिर्जा ग़ालिब का मक़बरा
  51. मोहम्मद शाह का मक़बरा
  52. मोठ मस्जिद
  53. मुबारक़ शाह का मक़बरा
  54. मुग़ल कोस मीनार
  55. मुरादाबाद पहाड़ी
  56. म्युटिनी स्मृति
  57. नजफ़ ख़ान का मक़बरा
  58. नीला गुम्बद
  59. पुराना क़िला
  60. कुतुब मीनार
  61. राज घाट
  62. राजीव गाँधी स्मृति वन
  63. राष्ट्रपति भवन
  64. लाल क़िला
  65. रौशनाआरा का मक़बरा
  66. सफदर जंग का मक़बरा
  67. सलीमगढ़ क़िला
  68. समता स्थल
  69. संजय गाँधी स्मृति
  70. शाह आलम का मक़बरा
  71. शक्ति स्थल
  72. शांति वन
  73. शेर शाह दरवाजा
  74. सिकंदर शाह लोदी का मक़बरा
  75. सिरी क़िला
  76. सुल्तान गौरी का मक़बरा
  77. तुग़लकाबाद क़िला
  78. तुर्क़मान दरवाजा
  79. विजयघाट
  80. वीर भूमि
  • सन 1960 में राजपूतों द्वारा बनाया गया यह परकोटा ही सर्वप्रथम दिल्ली के नाम से जाना जाता था।
  • उत्तरी भारत की पहली मस्जिद 'कुवैत-उल-इस्लाम' इसी क़िले में स्थित है।

फ़िरोज़शाह कोटला

  • फ़िरोजशाह कोटला 1354 में फ़िरोज़ाबाद के शासक फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा बनाया गया था।
  • यह स्थान आज भी प्रासांगिक है।

ख़ान ए ख़ाना मक़बरा

  • ख़ान ए ख़ाना के नाम से प्रसिद्ध यह मक़बरा अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना का है, जो मुग़ल बादशाह अकबर एवं जहाँगीर के शासनकाल के प्रतिभाशाली एवं प्रसिद्ध दरबारी थे।
  • ख़ान ए ख़ाना मक़बरे का निर्माण अब्दुर्रहीम खानखाना के द्वारा अपनी बेगम की याद में करवाया गया था, जिनकी मृत्यु 1598 ई. में हो गयी थी। बाद में स्वयं अब्दुर रहीम को 1627 ई. में उनके मृत्यु के पश्चात् इसी मक़बरे में दफनाया गया।

संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ

संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ दिल्ली शहर का एक मन्दिर है। भक्तों द्वारा नवरात्रों में शक्तिपीठों व मंदिर में जाकर जो फ़रियाद की जाती है, वह माँ भगवती शीघ्र पूरा कराती है, इसी विश्वास का प्रतीक है शाहदरा गोरख पार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मन्दिर।

शिव गौरी मन्दिर

  • चांदनी चौक इलाके में सर्वधर्म सद्भाव की गंगा सारा साल बहती है।
  • शिव गौरी मन्दिर में माँ पार्वती और जगदम्बा जी के दर्शन कर पुण्य कमाने की होड़ लगी होती है।

माँ सतोषी मन्दिर

  • माँ सतोषी मन्दिर दिल्ली शहर का एक मन्दिर है।
  • दो से तीन किलोमीटर लम्बी पंक्तियों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई हों और मन्दिर दूधिया रोशनी के साथ जयमाता दी के जयकारों से गूंज रहा हो तो समझ लीजिए कि आप हरी नगर स्थित जेल रोड पर माँ संतोषी के प्राचीन मन्दिर के आस-पास हैं।

आद्या कात्यायनी

  • श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मन्दिर छत्तरपुर की मान्यता एवं विश्वास की बात नवरात्रों के प्रतिदिन तीन से चार लाख श्रद्धालुओं का आने से लगायी जा सकती है।
  • संत शिरोमणिपरमपूज्य श्री दुर्गाचरणनुरागी बाबा संत नागपाल जी इस मन्दिर के संस्थापक थे, जो ब्रह्मलीन हैं।

झंडेवाला देवी मन्दिर

  • झंडेवाला देवी मन्दिर हज़ारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है।
  • झंडेवाला देवी मन्दिर का एक प्राचीन इतिहास है, जिसकी मनमोहनी पौराणिक गाथा एक विशेष भक्त श्री बद्रीदास जी से आंरभ होती है।

लक्ष्मीनारायण मन्दिर

लक्ष्मीनारायण मन्दिर

दिल्ली के पर्यटन स्थल


लोटस टैंपल, दिल्ली इंडिया गेट, दिल्ली अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली जामा मस्जिद, दिल्ली राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, दिल्ली गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली हुमायूँ का मक़बरा, दिल्ली जन्तर मन्तर, दिल्ली पुराना क़िला, दिल्ली गांधी स्मृति संग्रहालय, दिल्ली राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली मेरी, यूसुफ, और ईसा मसीह, राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली



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संबंधित लेख