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==शिक्षा==
==शिक्षा==
मेघनाथ साहा की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही प्राइमरी स्कूल और बाद में ढाका के कॉलेजिएट स्कूल से हुई। वे अपनी स्कूली शिक्षा एक स्थानीय चिकित्सक अनंत कुमार दास की उदारता के कारण आगे बढ़ा पाए। दास ने उन्हें अपने घर में बोर्डिंग और लॉजिंग की सुविधा प्रदान की। वर्ष [[1905]] में ब्रिटिश सरकार ने [[बंगाल विभाजन]] का निर्णय लिया। समूचे [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में इसका घोर विरोध हुआ। इस समय मेघनाद साहा ढाका के कॉलेजिएट स्कूल में अध्ययन कर रहे थे। इसी दौरान ईस्ट बंगाल के गवर्नर कॉलेजिएट स्कूल का दौरा करने आये। साहा और उनके मित्रों ने उनके दौरे का बहिष्कार किया, जिसके कारण उन्हें स्कूल से निलंबित कर दिया गया और उनकी छात्रवृत्ति भी समाप्त हो गयी। इसके बाद उन्होंने किशोरीलाल जुबली स्कूल में दाखिला लिया। उन्होंने वर्ष [[1909]] में [[कोलकाता विश्वविद्यालय]] में दाखिले की प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च स्थान (ईस्ट बंगाल में) प्राप्त किया और [[भाषा]] और गणित में सबसे अधिक अंक अर्जित किया।<ref>{{cite web |url=http://www.itshindi.com/meghnad-saha.html |title=मेघनाद साहा की जीवनी |accessmonthday= 22 जून|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=itshindi.com |language=हिंदी }}</ref>
मेघनाथ साहा की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही प्राइमरी स्कूल और बाद में ढाका के कॉलेजिएट स्कूल से हुई। वे अपनी स्कूली शिक्षा एक स्थानीय चिकित्सक अनंत कुमार दास की उदारता के कारण आगे बढ़ा पाए। दास ने उन्हें अपने घर में बोर्डिंग और लॉजिंग की सुविधा प्रदान की। वर्ष [[1905]] में ब्रिटिश सरकार ने [[बंगाल विभाजन]] का निर्णय लिया। समूचे [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में इसका घोर विरोध हुआ। इस समय मेघनाद साहा ढाका के कॉलेजिएट स्कूल में अध्ययन कर रहे थे। इसी दौरान ईस्ट बंगाल के गवर्नर कॉलेजिएट स्कूल का दौरा करने आये। साहा और उनके मित्रों ने उनके दौरे का बहिष्कार किया, जिसके कारण उन्हें स्कूल से निलंबित कर दिया गया और उनकी छात्रवृत्ति भी समाप्त हो गयी। इसके बाद उन्होंने किशोरीलाल जुबली स्कूल में दाखिला लिया। उन्होंने वर्ष [[1909]] में [[कोलकाता विश्वविद्यालय]] में दाखिले की प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च स्थान (ईस्ट बंगाल में) प्राप्त किया और [[भाषा]] और गणित में सबसे अधिक अंक अर्जित किया।<ref>{{cite web |url=http://www.itshindi.com/meghnad-saha.html |title=मेघनाद साहा की जीवनी |accessmonthday= 22 जून|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=itshindi.com |language=हिंदी }}</ref>


वर्ष [[1911]] में हुई आईएससी परीक्षा में वह तीसरे स्थान पर रहे, जबकि प्रथम स्थान महान वैज्ञानिक [[सत्येंद्रनाथ बोस]] को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात उन्होंने ढाका कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की। सन [[1913]] में उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से गणित विषय के साथ स्नातक किया और कोलकाता विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर रहे। प्रथम स्थान सत्येंद्रनाथ बोस को प्राप्त हुआ था। सन [[1915]] में मेघनाद साहा और एस.एन. बोस दोनों एमएससी में पहले स्थान पर रहे- मेघनाद साहा एप्लाइड मैथमेटिक्स में और एस.एन. बोस प्योर मैथमेटिक्स में।
वर्ष [[1911]] में हुई आईएससी परीक्षा में वह तीसरे स्थान पर रहे, जबकि प्रथम स्थान महान् वैज्ञानिक [[सत्येंद्रनाथ बोस]] को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात् उन्होंने ढाका कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की। सन [[1913]] में उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से गणित विषय के साथ स्नातक किया और कोलकाता विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर रहे। प्रथम स्थान सत्येंद्रनाथ बोस को प्राप्त हुआ था। सन [[1915]] में मेघनाद साहा और एस.एन. बोस दोनों एमएससी में पहले स्थान पर रहे- मेघनाद साहा एप्लाइड मैथमेटिक्स में और एस.एन. बोस प्योर मैथमेटिक्स में।
==स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी==
==स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी==
प्रेसीडेंसी कॉलेज में अध्ययन के दौरान [[मेघनाद साहा]] स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए [[अनुशीलन समिति]] के साथ भी जुड़े। वह [[सुभाष चन्द्र बोस]] और [[राजेंद्र प्रसाद]] जैसे राष्ट्रवादी नेताओं के संपर्क में भी आये। साहा बहुत भाग्यशाली थे कि उनको प्रतिभाशाली अध्यापक एवं सहपाठी मिले। सत्येन्द्रनाथ बोस, ज्ञान घोष एवं जे.एन. मुखर्जी उनके सहपाठी थे। [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में प्रसिद्ध गणितज्ञ अमिय चन्द्र बनर्जी उनके बहुत नजदीकी रहे।
प्रेसीडेंसी कॉलेज में अध्ययन के दौरान [[मेघनाद साहा]] स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए [[अनुशीलन समिति]] के साथ भी जुड़े। वह [[सुभाष चन्द्र बोस]] और [[राजेंद्र प्रसाद]] जैसे राष्ट्रवादी नेताओं के संपर्क में भी आये। साहा बहुत भाग्यशाली थे कि उनको प्रतिभाशाली अध्यापक एवं सहपाठी मिले। सत्येन्द्रनाथ बोस, ज्ञान घोष एवं जे.एन. मुखर्जी उनके सहपाठी थे। [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में प्रसिद्ध गणितज्ञ अमिय चन्द्र बनर्जी उनके बहुत नजदीकी रहे।

09:17, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

मेघनाथ साहा विषय सूची
मेघनाथ साहा का परिचय
मेघनाथ साहा
मेघनाथ साहा
पूरा नाम मेघनाथ साहा
जन्म 6 अक्टूबर, 1893
जन्म भूमि पूर्वी बंगाल
मृत्यु 16 फ़रवरी, 1956
अभिभावक जगन्नाथ साहा
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र विज्ञान में अनुसन्धान और प्रोफ़ेसर
खोज तारों के ताप और वर्णक्रम के निकट संबंध के भौतकीय कारणों की खोज।
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी
शिक्षा बी.एस.सी., एम.एस.सी.
विद्यालय कोलकाता विश्वविद्यालय
प्रसिद्धि भौतिक वैज्ञानिक
विशेष योगदान इनके अथक प्रयत्नों से ही भारत में भौतिक विज्ञान को बड़ा प्रोत्साहन मिला था।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी मेघनाथ साहा ने वर्ष 1956 में कोलकाता में 'इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूक्लियर फ़िजिक्स' की स्थापना की और उसके निदेशक बने थे।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. मेघनाथ साहा का जन्म 6 अक्टूबर, 1893 को ढाका (वर्तमान बांग्लादेश) से लगभग 45 किलोमीटर दूर शाओराटोली गाँव में एक ग़रीब परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जगन्नाथ साहा तथा माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। उनके पिता एक साधारण व्यापारी थे। मेघनाथ साहा अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे। आर्थिक रूप से तंग परिवार में पैदा होने के कारण साहा को आगे बढ़ने के लिये बहुत संघर्ष करना पड़ा। उनके पंसारी पिता चाहते थे कि वह व्यवसाय में उनकी मदद करें, पर होनहार मेघनाद को यह मंजूर नहीं था।

शिक्षा

मेघनाथ साहा की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही प्राइमरी स्कूल और बाद में ढाका के कॉलेजिएट स्कूल से हुई। वे अपनी स्कूली शिक्षा एक स्थानीय चिकित्सक अनंत कुमार दास की उदारता के कारण आगे बढ़ा पाए। दास ने उन्हें अपने घर में बोर्डिंग और लॉजिंग की सुविधा प्रदान की। वर्ष 1905 में ब्रिटिश सरकार ने बंगाल विभाजन का निर्णय लिया। समूचे बंगाल में इसका घोर विरोध हुआ। इस समय मेघनाद साहा ढाका के कॉलेजिएट स्कूल में अध्ययन कर रहे थे। इसी दौरान ईस्ट बंगाल के गवर्नर कॉलेजिएट स्कूल का दौरा करने आये। साहा और उनके मित्रों ने उनके दौरे का बहिष्कार किया, जिसके कारण उन्हें स्कूल से निलंबित कर दिया गया और उनकी छात्रवृत्ति भी समाप्त हो गयी। इसके बाद उन्होंने किशोरीलाल जुबली स्कूल में दाखिला लिया। उन्होंने वर्ष 1909 में कोलकाता विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च स्थान (ईस्ट बंगाल में) प्राप्त किया और भाषा और गणित में सबसे अधिक अंक अर्जित किया।[1]

वर्ष 1911 में हुई आईएससी परीक्षा में वह तीसरे स्थान पर रहे, जबकि प्रथम स्थान महान् वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात् उन्होंने ढाका कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की। सन 1913 में उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से गणित विषय के साथ स्नातक किया और कोलकाता विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर रहे। प्रथम स्थान सत्येंद्रनाथ बोस को प्राप्त हुआ था। सन 1915 में मेघनाद साहा और एस.एन. बोस दोनों एमएससी में पहले स्थान पर रहे- मेघनाद साहा एप्लाइड मैथमेटिक्स में और एस.एन. बोस प्योर मैथमेटिक्स में।

स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी

प्रेसीडेंसी कॉलेज में अध्ययन के दौरान मेघनाद साहा स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए अनुशीलन समिति के साथ भी जुड़े। वह सुभाष चन्द्र बोस और राजेंद्र प्रसाद जैसे राष्ट्रवादी नेताओं के संपर्क में भी आये। साहा बहुत भाग्यशाली थे कि उनको प्रतिभाशाली अध्यापक एवं सहपाठी मिले। सत्येन्द्रनाथ बोस, ज्ञान घोष एवं जे.एन. मुखर्जी उनके सहपाठी थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध गणितज्ञ अमिय चन्द्र बनर्जी उनके बहुत नजदीकी रहे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मेघनाद साहा की जीवनी (हिंदी) itshindi.com। अभिगमन तिथि: 22 जून, 2017।

संबंधित लेख

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