"मेरा गीत दिया बन जाए -गोपालदास नीरज": अवतरणों में अंतर
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राहगीर के चरण धो सकूं, | राहगीर के चरण धो सकूं, | ||
इतना निर्धन करो कि हर | इतना निर्धन करो कि हर | ||
दरवाज़े पर सर्वस्व खो सकूं | |||
ऎसी पीर भरो प्राणों में | ऎसी पीर भरो प्राणों में | ||
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निकले मिटने वालों का मेला | निकले मिटने वालों का मेला | ||
पहले मेरा | पहले मेरा कफ़न पताका | ||
बन फहरे जब क्रान्ति पुकारे, | बन फहरे जब क्रान्ति पुकारे, | ||
पहले मेरा प्यार उठे जब | पहले मेरा प्यार उठे जब | ||
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मुझे श्राप लग जाये, न दौङूं | मुझे श्राप लग जाये, न दौङूं | ||
जो असहाय पुकारों पर मैं, | जो असहाय पुकारों पर मैं, | ||
आँखें ही बुझ जायें, बेबेसी | |||
देखूं अगर बहारों पर मैं | देखूं अगर बहारों पर मैं | ||
05:33, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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अंधियारा जिससे शरमाये, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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