"दिल्ली का भूगोल": अवतरणों में अंतर
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[[दिल्ली]] एक [[जलसंभर]] पर स्थित है। जो [[गंगा]] तथा [[सिंधु नदी]] प्रणालियों को विभाजित करता है। दिल्ली की सबसे महत्त्वपूर्ण स्थालाकृति विशेषता पर्वत स्कंध (रिज) है, जो [[राजस्थान]] प्रांत की प्राचीन [[अरावली पर्वत श्रृंखला|अरावली पर्वत श्रेणियों]] का चरम बिंदु है। अरावली संभवत: दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत माला है, लेकिन अब यह पूरी तरह वृक्ष विहीन हो चुकी है। पश्चिमोत्तर पश्चिम तथा दक्षिण में फैला और तिकोने परकोट की दो भुजाओं जैसा लगने वाला यह स्कंध क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। कछारी मिट्टी के मैदान को आकृति की विविधता देता है तथा दिल्ली को कुछ उत्कृष्ट जीव व वनस्पतियाँ उपलब्ध कराता है। [[यमुना नदी]] त्रिभुजाकार परकोटे का तीसरा किनारा बताती है। इसी त्रिकोण के भीतर दिल्ली के प्रसिद्ध सात शहरों की उत्पत्ति ई.पू. 1000 से 17 वीं शताब्दी के बीच हुई। | |||
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दिल्ली की परिवर्तनशील जलवायु के कारण तीन वानस्पतिक काल होते हैं। वर्षा की कमी तथा भूमिगत जलस्तर के नीचे से प्राकृतिक वनस्पति का प्रर्याप्त विकास नहीं हो पाता। फूलों के क़रीब 1,000 प्रजातियाँ, जिनमे से अधिकाशं स्वदेशी मूल के है। यह यहाँ के वातावरण के अनुरुप ढल चुकी हैं, और दिल्ली शहर तथा आसपास के वातावरण में फलफूल रहे हैं। पहाड़ियों एव नदी के तटवर्ती भूभाग की वनस्पतियाँ स्पष्टत: भिन्न है। स्कंध क्षेत्र में पाई जाने वाली पर्वतीय वनस्पतियों में बबूल, जंगली खजूर तथा सघन झाड़ियाँ हैं। जिनमें कुछ फूलदार प्रजातियाँ भी शामिल हैं। यहाँ घास, बेले तथा लिपटने वाली अल्पायु लताएँ भी होती हैं, जो केवल बरसात के मौसम में पनपती हैं। दूसरी ओर नदी के तट के रेतीले एव क्षारीय भूभाग में विशेषकर मानसून व ठंड के महीने में वनस्पतियाँ समृद्ध एवं भिन्न हैं। | {{Main|दिल्ली की वनस्पति}} | ||
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11:23, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
दिल्ली का भूगोल
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विवरण | दिल्ली देश के उत्तरी मध्य भाग में गंगा की एक प्रमुख सहायक यमुना नदी के दोनों तरफ बसी है। दिल्ली भारत का तीसरा बड़ा शहर है। यह एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली है। | ||
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 28°36′36, पूर्व- 77°13′48 | ||
मार्ग स्थिति | दिल्ली, राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और आगरा के रास्ते कोलकता से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से सूरत, अहमदाबाद, उदयपुर, अजमेर और जयपुर के रास्ते मुंबई से जुड़ी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 1 से जालंधर, लुधियाना और अंबाला होते हुए अमृतसर और राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से रामपुर और मुरादाबाद के रास्ते लखनऊ से जुड़ी है। | ||
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |||
पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन | |||
आई.एस.बी.टी, सराय काले ख़ाँ, आनंद विहार | |||
साईकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, लोकल रेल, मेट्रो रेल, बस | |||
क्या देखें | दिल्ली पर्यटन | ||
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह | ||
क्या खायें | पंजाबी खाना, चाट, पराठें वाली गली के 'पराठें' | ||
एस.टी.डी. कोड | 011 | ||
सावधानी | आतंकवादी गतिविधियों से सावधान, लावारिस वस्तुओं को ना छुएं, शीत ऋतु में कोहरे से और ग्रीष्म ऋतु में लू से बचाव करें। | ||
गूगल मानचित्र, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |||
संबंधित लेख | लाल क़िला, इण्डिया गेट, जामा मस्जिद, राष्ट्रपति भवन । | उप-राज्यपाल | विनय कुमार सक्सैना |
मुख्यमंत्री | अरविन्द केजरीवाल | ||
अन्य जानकारी | दिल्ली राज्य का राजकीय पक्षी घरेलू गौरैया (House Sparrow) है। | ||
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट | ||
अद्यतन | 17:15, 11 जून 2022 (IST)
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दिल्ली एक जलसंभर पर स्थित है। जो गंगा तथा सिंधु नदी प्रणालियों को विभाजित करता है। दिल्ली की सबसे महत्त्वपूर्ण स्थालाकृति विशेषता पर्वत स्कंध (रिज) है, जो राजस्थान प्रांत की प्राचीन अरावली पर्वत श्रेणियों का चरम बिंदु है। अरावली संभवत: दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत माला है, लेकिन अब यह पूरी तरह वृक्ष विहीन हो चुकी है। पश्चिमोत्तर पश्चिम तथा दक्षिण में फैला और तिकोने परकोट की दो भुजाओं जैसा लगने वाला यह स्कंध क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। कछारी मिट्टी के मैदान को आकृति की विविधता देता है तथा दिल्ली को कुछ उत्कृष्ट जीव व वनस्पतियाँ उपलब्ध कराता है। यमुना नदी त्रिभुजाकार परकोटे का तीसरा किनारा बताती है। इसी त्रिकोण के भीतर दिल्ली के प्रसिद्ध सात शहरों की उत्पत्ति ई.पू. 1000 से 17 वीं शताब्दी के बीच हुई।
जलवायु
- दिल्ली की जलवायु उपोष्ण है।
- दिल्ली में गर्मी के महीने मई तथा जून बेहद शुष्क और झुलसाने वाले होते हैं।
- दिन का तापमान कभी-कभी 40-45 सेल्सियस तक पहुँच जाता है।
- मानसून जुलाई में आता है और तापमान को कम करता है।
वनस्पति
दिल्ली की परिवर्तनशील जलवायु के कारण तीन वानस्पतिक काल होते हैं। वर्षा की कमी तथा भूमिगत जलस्तर के नीचे से प्राकृतिक वनस्पति का प्रर्याप्त विकास नहीं हो पाता। फूलों के क़रीब 1,000 प्रजातियाँ, जिनमे से अधिकाशं स्वदेशी मूल के है। यह यहाँ के वातावरण के अनुरुप ढल चुकी हैं, और दिल्ली शहर तथा आसपास के वातावरण में फलफूल रहे हैं। पहाड़ियों एव नदी के तटवर्ती भूभाग की वनस्पतियाँ स्पष्टत: भिन्न है। स्कंध क्षेत्र में पाई जाने वाली पर्वतीय वनस्पतियों में बबूल, जंगली खजूर तथा सघन झाड़ियाँ हैं। जिनमें कुछ फूलदार प्रजातियाँ भी शामिल हैं। यहाँ घास, बेले तथा लिपटने वाली अल्पायु लताएँ भी होती हैं, जो केवल बरसात के मौसम में पनपती हैं। दूसरी ओर नदी के तट के रेतीले एव क्षारीय भूभाग में विशेषकर मानसून व ठंड के महीने में वनस्पतियाँ समृद्ध एवं भिन्न हैं।
इन्हें भी देखें: दिल्ली की कृषि एवं दिल्ली की सिंचाई
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख