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*डॉ. अभिजीत के | *डॉ. अभिजीत के मुताबिक़- 'नि:शुल्क इलाज की शुरुआत ऐसे लोगों से की जो सड़क किनारे रहते हैं और भीख मांगते हैं। उनकी मदद करना मेरे लिए कोई अभियान नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है जो मैं निभा रहा हूं। शुरुआत ऐसे लोगों के इलाज से हुई, लेकिन बाद में इन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कोशिश की। इस पहल का नाम रखा ‘बैगर टू आंत्रप्रेन्योर’। इसके तहत भिखारियों को पैसे कमाकर सम्मान से साथ जीना सिखाया गया'। | ||
*अभिजीत सोनवाणे ने उन्हें नाई की दुकान खोलने, मंदिर के बाहर [[फूल]] बेचने, दीया बनाने जैसे काम शुरू करने में मदद की है। उनकी पहल का नतीजा है कि कभी भीख मांगने वाले 37 लोग अब पैसे कमा रहे हैं।<ref>{{cite web |url=https://rajivdixitji.com/5-doctors-free-treatment/ |title=5 ऐसे डॉक्टरों की कहानियां जो मुफ्त इलाज करके समाज में बदलाव ला रहे|accessmonthday=12 नवंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= rajivdixitji.com|language=हिंदी}}</ref> | *अभिजीत सोनवाणे ने उन्हें नाई की दुकान खोलने, मंदिर के बाहर [[फूल]] बेचने, दीया बनाने जैसे काम शुरू करने में मदद की है। उनकी पहल का नतीजा है कि कभी भीख मांगने वाले 37 लोग अब पैसे कमा रहे हैं।<ref>{{cite web |url=https://rajivdixitji.com/5-doctors-free-treatment/ |title=5 ऐसे डॉक्टरों की कहानियां जो मुफ्त इलाज करके समाज में बदलाव ला रहे|accessmonthday=12 नवंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= rajivdixitji.com|language=हिंदी}}</ref> | ||
10:05, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
डॉ. अभिजीत सोनवाणे (अंग्रेज़ी: Abhijeet Sonawane) भारतीय डॉक्टर हैं जो लोगों का नि:शुल्क उपचार करते हैं। वह अक्सर पुणे में सड़क किनारे बैठे गरीब लोगों से उनका हाल पूछते देखे जाते हैं।
- चार साल पहले इस्तीफा देकर डॉ. अभिजीत सोनवाणे ने सोहम ट्रस्ट की शुरुआत की थी। लक्ष्य था, ऐसे लोगों का नि:शुल्क इलाज करना जो बेहद गरीब हैं।
- डॉ. अभिजीत के मुताबिक़- 'नि:शुल्क इलाज की शुरुआत ऐसे लोगों से की जो सड़क किनारे रहते हैं और भीख मांगते हैं। उनकी मदद करना मेरे लिए कोई अभियान नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है जो मैं निभा रहा हूं। शुरुआत ऐसे लोगों के इलाज से हुई, लेकिन बाद में इन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कोशिश की। इस पहल का नाम रखा ‘बैगर टू आंत्रप्रेन्योर’। इसके तहत भिखारियों को पैसे कमाकर सम्मान से साथ जीना सिखाया गया'।
- अभिजीत सोनवाणे ने उन्हें नाई की दुकान खोलने, मंदिर के बाहर फूल बेचने, दीया बनाने जैसे काम शुरू करने में मदद की है। उनकी पहल का नतीजा है कि कभी भीख मांगने वाले 37 लोग अब पैसे कमा रहे हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 5 ऐसे डॉक्टरों की कहानियां जो मुफ्त इलाज करके समाज में बदलाव ला रहे (हिंदी) rajivdixitji.com। अभिगमन तिथि: 12 नवंबर, 2020।