"एस. सोमनाथ": अवतरणों में अंतर
(''''एस. सोमनाथ''' (अंग्रेज़ी: ''Sreedhara Panicker Somanath'') भारत के प्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''एस. सोमनाथ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sreedhara Panicker Somanath'') [[भारत]] के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक तथा '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) के नए चीफ बनाए गए हैं। तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस। सोमनाथ देश के बेहतरीन रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। इसरो के पूर्व अध्यक्ष [[ | {{सूचना बक्सा वैज्ञानिक | ||
|चित्र=S-Somanath.jpg | |||
|चित्र का नाम=एस. सोमनाथ | |||
|पूरा नाम=एस. सोमनाथ | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[जुलाई]], [[1963]] | |||
|जन्म भूमि=अलाप्पुझा, [[केरल]] | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र=भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम | |||
|मुख्य रचनाएँ= | |||
|विषय= | |||
|खोज= | |||
|भाषा= | |||
|शिक्षा=पोस्ट ग्रेजुएशन, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, [[बैंगलोर]]<br /> | |||
ग्रेजुएशन, मेकैनिकल इंजीनियरिंग, केरल विश्वविद्यालय | |||
|विद्यालय= | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|प्रसिद्धि=अंतरिक्ष वैज्ञानिक | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1=पद | |||
|पाठ 1=[[इसरो]] अध्यक्ष - [[15 जनवरी]], [[2022]] से पदस्थ | |||
|शीर्षक 2=पूर्वाधिकारी | |||
|पाठ 2=[[के. सिवन]] | |||
|अन्य जानकारी=[[जून 2015]] से [[जनवरी 2018]] तक एस. सोमनाथ ने लिक्विड प्रोपल्शन्स सिस्टम्स सेंटर के निदेशक का पद संभाला। इसके बाद वह विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के प्रमुख चुने गए। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|15:20, 16 जनवरी 2022 (IST)}} | |||
}}'''एस. सोमनाथ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sreedhara Panicker Somanath'', जन्म- [[जुलाई]], [[1963]]) [[भारत]] के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक तथा '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) के नए चीफ बनाए गए हैं। तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस। सोमनाथ देश के बेहतरीन रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। इसरो के पूर्व अध्यक्ष [[के. सिवन]] का विस्तारित कार्यकाल [[14 जनवरी]], [[2022]] को [[मकर संक्रांति]] पर पूरा गया। के। सिवन को [[जनवरी 2018]] में [[इसरो]] का अध्यक्ष और सचिव नियुक्त किया गया था। [[दिसम्बर 2020]] में उनका कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने 14 जनवरी, 2022 तक उनके कार्यकाल को विस्तार दिया था। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
एस. सोमनाथ लॉन्च व्हीकल डिजाइन सहित कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें लॉन्च व्हिकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनामिक्स, इंटीग्रेशन डिजाइन और प्रोसेड्योर, मेकैनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्नीक में महारत हासिल है। वह [[केरल]] के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक रहे हैं। अपने करियर की शुरुआत में वह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के इंटीग्रेशन के दौरान टीम लीडर थे। एस. सोमनाथ को एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से स्पेस गोल्ड मेडल मिला। इसके अलावा इसरो की ओर से जीएसएलवी मार्क-3 के लिए परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवॉर्ड, [[2014]] और टीम एक्सीलेंस अवॉर्ड, 2014 से भी नवाजा गया। | एस. सोमनाथ लॉन्च व्हीकल डिजाइन सहित कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें लॉन्च व्हिकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनामिक्स, इंटीग्रेशन डिजाइन और प्रोसेड्योर, मेकैनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्नीक में महारत हासिल है। वह [[केरल]] के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक रहे हैं। अपने करियर की शुरुआत में वह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के इंटीग्रेशन के दौरान टीम लीडर थे। एस. सोमनाथ को एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से स्पेस गोल्ड मेडल मिला। इसके अलावा इसरो की ओर से जीएसएलवी मार्क-3 के लिए परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवॉर्ड, [[2014]] और टीम एक्सीलेंस अवॉर्ड, 2014 से भी नवाजा गया। |
09:52, 16 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
एस. सोमनाथ
| |
पूरा नाम | एस. सोमनाथ |
जन्म | जुलाई, 1963 |
जन्म भूमि | अलाप्पुझा, केरल |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम |
शिक्षा | पोस्ट ग्रेजुएशन, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर ग्रेजुएशन, मेकैनिकल इंजीनियरिंग, केरल विश्वविद्यालय |
प्रसिद्धि | अंतरिक्ष वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
पद | इसरो अध्यक्ष - 15 जनवरी, 2022 से पदस्थ |
पूर्वाधिकारी | के. सिवन |
अन्य जानकारी | जून 2015 से जनवरी 2018 तक एस. सोमनाथ ने लिक्विड प्रोपल्शन्स सिस्टम्स सेंटर के निदेशक का पद संभाला। इसके बाद वह विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के प्रमुख चुने गए। |
अद्यतन | 15:20, 16 जनवरी 2022 (IST)
|
एस. सोमनाथ (अंग्रेज़ी: Sreedhara Panicker Somanath, जन्म- जुलाई, 1963) भारत के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक तथा 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) के नए चीफ बनाए गए हैं। तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस। सोमनाथ देश के बेहतरीन रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन का विस्तारित कार्यकाल 14 जनवरी, 2022 को मकर संक्रांति पर पूरा गया। के। सिवन को जनवरी 2018 में इसरो का अध्यक्ष और सचिव नियुक्त किया गया था। दिसम्बर 2020 में उनका कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने 14 जनवरी, 2022 तक उनके कार्यकाल को विस्तार दिया था।
परिचय
एस. सोमनाथ लॉन्च व्हीकल डिजाइन सहित कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें लॉन्च व्हिकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनामिक्स, इंटीग्रेशन डिजाइन और प्रोसेड्योर, मेकैनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्नीक में महारत हासिल है। वह केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक रहे हैं। अपने करियर की शुरुआत में वह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के इंटीग्रेशन के दौरान टीम लीडर थे। एस. सोमनाथ को एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से स्पेस गोल्ड मेडल मिला। इसके अलावा इसरो की ओर से जीएसएलवी मार्क-3 के लिए परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवॉर्ड, 2014 और टीम एक्सीलेंस अवॉर्ड, 2014 से भी नवाजा गया।
एस. सोमनाथ सिनेमा के बहुत शौकीन हैं, लेकिन अपने काम के चलते उन्हें कम ही समय मिलता है। हालांकि, वह एक समय तिरुवनंतपुरम में फिल्म सोसाइटी के सदस्य भी थे। वह बेहद अच्छे वक्ता हैं और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रमुख वक्ता रहे हैं। उनकी पत्नी का नाम वलसाला है और वह जीएसटी विभाग में काम करती हैं। दोनों के दो बच्चे हैं और दोनों बच्चों ने इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है।[1]
जन्म व शिक्षा
डॉ. एस. सोमनाथ का जन्म जुलाई, 1963 में हुआ था। उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की और पूरे विश्वविद्यालय में दूसरी रैंक हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने बैंगलोर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन की। यहां भी उन्हें अपने शानदार प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल मिला। डॉ. एस. सोमनाथ केरल के अलाप्पुझा के रहने वाले हैं, उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मलयालम माध्यम में पूरी की, लेकिन वह स्कूली शिक्षा के समय से ही विज्ञान के प्रति उत्साही थे। उनके पिता एक हिंदी भाषा के शिक्षक थे, उन्होंने सोमनाथ को अंग्रेज़ी और मलयालम दोनों में विज्ञान की किताबें दी और भविष्य में वैज्ञानिक बनने के लिए प्रोत्साहित किया। कॉलेज में अपने अंतिम वर्ष के दौरान सोमनाथ ने इसरो में नौकरी के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
योगदान
एस. सोमनाथ देश के बेहतरीन रॉकेट साइंटिस्ट्स में से एक हैं। उन्होंने पीएसएलवी और जीएसएलवी एमके-III के ओवरऑल आर्किटेक्चर, प्रोपल्शन स्टेजेस डिज़ाइन, स्ट्रक्चरल और स्ट्रक्चरल डायनामिक्स डिज़ाइन्स, सेपेरेशन सिस्टम्स, व्हेकिल इंटीग्रेशन और इंटीग्रेशन प्रोसीजर डेवलपमेंट में विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने जीएसएलवी के तीन और पीएसएलवी के ग्यारह सफ़ल मिशन में भी अहम योगदान दिया है।
जून 2015 से जनवरी 2018 तक एस. सोमनाथ ने लिक्विड प्रोपल्शन्स सिस्टम्स सेंटर के निदेशक का पद संभाला। इसके बाद वह विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के प्रमुख चुने गए। उन्होंने के. सिवन से ऐसे वक़्त पर कमान ली है, जब इंडियन स्पेस सेक्टर प्राइवेट फ़र्म्स, स्टार्ट अप्स के लिए अपने दरवाज़े खोल रही है। आने वाले समय में इसरो अंतरिक्ष में एक भारतीय एस्ट्रोनॉट को भेजने की तैयारी में है। सोमनाथ के कंधों पर स्पेस एजेंसी की पीठ सीधी करने की भी भारी ज़िम्मेदारी होगी। कोविड-19 महामारी की वजह से भारत के स्पेस मिशन्स पर भी काफ़ी असर पड़ा है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कौन हैं डॉ. एस सोमनाथ (हिंदी) india.com। अभिगमन तिथि: 16 जनवरी, 2022।
संबंधित लेख