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[[चित्र:Nagarjunasagar-Srisailam-Tiger-Reserve.jpg|thumb|250px|नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान]]
'''नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nagarjun Sagar National Park'') [[भारत]] का एक बड़ा [[बाघ]] आरक्षित क्षेत्र है, जो कि देश के [[आंध्र प्रदेश]] राज्य में स्थित है। यह रिज़र्व पांच जिलों- नालगोंडा, महबूबनगर, कुर्नूल, प्रकाशम और गुंटूर ज़िलों में फैला हुआ है। पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षक उद्यान है। 'विश्व वन्यजीव कोष' से भी इसे सहायता प्राप्त हो रही है। इस उद्यान को 'नागार्जुन सागर श्रीशैलम बाघ रिज़र्व' के नाम से भी जाना जाता है।
'''नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nagarjun Sagar National Park'') [[भारत]] का एक बड़ा [[बाघ]] आरक्षित क्षेत्र है, जो कि देश के [[आंध्र प्रदेश]] राज्य में स्थित है। यह रिज़र्व पांच जिलों- नालगोंडा, महबूबनगर, कुर्नूल, प्रकाशम और गुंटूर ज़िलों में फैला हुआ है। पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षक उद्यान है। 'विश्व वन्यजीव कोष' से भी इसे सहायता प्राप्त हो रही है। इस उद्यान को 'नागार्जुन सागर श्रीशैलम बाघ रिज़र्व' के नाम से भी जाना जाता है।
==विस्तार==
==विस्तार==
यह उन संरक्षित उद्यानों में से एक है, जहां [[पश्‍चिम बंगाल]] के अलावा रॉयल बंगाल टाइगर के दीदार किए जा सकते हैं। इसका मुख्‍य हिस्‍सा करीब 3,568 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल के 1,200 वर्ग किलोमीटर भाग में है।  
यह उन संरक्षित उद्यानों में से एक है, जहां [[पश्चिम बंगाल]] के अलावा रॉयल बंगाल टाइगर के दीदार किए जा सकते हैं। इसका मुख्‍य हिस्‍सा करीब 3,568 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल के 1,200 वर्ग किलोमीटर भाग में है।  
==बाघों की संख्या==
==बाघों की संख्या==
आधुनिक श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व (नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान) [[1983]] में 'प्रोजेक्‍ट टाइगर' अभियान के संरक्षित घोषित किया गया। आजादी से पहले इस रिजर्व का दक्षिणी आधा हिस्‍सा ततकालीन [[अंग्रेज़]] सरकार द्वारा और उत्‍तरी आधा हिस्‍सा [[हैदराबाद]] के राजा के शासन में आता था जिन्‍होंने अपने और अपने मेहमानों के साथ शिकार का आनंद लेने के लिए इसे विकसित किया था। [[1983]] तक इस जंगल में करीब 40 [[बाघ]] थे जो अवैध शिकार के चलते काफी घट गये। संरक्षित घोषित होने के बाद साल [[1989]] में इनकी संख्‍या में बढोत्‍तरी हुई और ये 94 तक पहंच गई। बीते साल की गणना में इनकी संख्‍या 110 तक पहुंच गई थी।  
आधुनिक श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व (नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान) [[1983]] में 'प्रोजेक्‍ट टाइगर' अभियान के संरक्षित घोषित किया गया। आजादी से पहले इस रिजर्व का दक्षिणी आधा हिस्‍सा ततकालीन [[अंग्रेज़]] सरकार द्वारा और उत्‍तरी आधा हिस्‍सा [[हैदराबाद]] के राजा के शासन में आता था जिन्‍होंने अपने और अपने मेहमानों के साथ शिकार का आनंद लेने के लिए इसे विकसित किया था। [[1983]] तक इस जंगल में करीब 40 [[बाघ]] थे जो अवैध शिकार के चलते काफी घट गये। संरक्षित घोषित होने के बाद साल [[1989]] में इनकी संख्‍या में बढोत्‍तरी हुई और ये 94 तक पहंच गई। बीते साल की गणना में इनकी संख्‍या 110 तक पहुंच गई थी।  

09:02, 13 मार्च 2022 के समय का अवतरण

नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान

नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान (अंग्रेज़ी: Nagarjun Sagar National Park) भारत का एक बड़ा बाघ आरक्षित क्षेत्र है, जो कि देश के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। यह रिज़र्व पांच जिलों- नालगोंडा, महबूबनगर, कुर्नूल, प्रकाशम और गुंटूर ज़िलों में फैला हुआ है। पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षक उद्यान है। 'विश्व वन्यजीव कोष' से भी इसे सहायता प्राप्त हो रही है। इस उद्यान को 'नागार्जुन सागर श्रीशैलम बाघ रिज़र्व' के नाम से भी जाना जाता है।

विस्तार

यह उन संरक्षित उद्यानों में से एक है, जहां पश्चिम बंगाल के अलावा रॉयल बंगाल टाइगर के दीदार किए जा सकते हैं। इसका मुख्‍य हिस्‍सा करीब 3,568 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल के 1,200 वर्ग किलोमीटर भाग में है।

बाघों की संख्या

आधुनिक श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व (नागार्जुन सागर राष्ट्रीय उद्यान) 1983 में 'प्रोजेक्‍ट टाइगर' अभियान के संरक्षित घोषित किया गया। आजादी से पहले इस रिजर्व का दक्षिणी आधा हिस्‍सा ततकालीन अंग्रेज़ सरकार द्वारा और उत्‍तरी आधा हिस्‍सा हैदराबाद के राजा के शासन में आता था जिन्‍होंने अपने और अपने मेहमानों के साथ शिकार का आनंद लेने के लिए इसे विकसित किया था। 1983 तक इस जंगल में करीब 40 बाघ थे जो अवैध शिकार के चलते काफी घट गये। संरक्षित घोषित होने के बाद साल 1989 में इनकी संख्‍या में बढोत्‍तरी हुई और ये 94 तक पहंच गई। बीते साल की गणना में इनकी संख्‍या 110 तक पहुंच गई थी।

तीर्थस्‍थल

इस टाइगर रिर्जव की सैर करने आने वालों के लिए तीर्थयात्रा का भी सुअवसर बन सकता है, क्‍योंकि नालामाला की पहाड़ियों पर स्‍थित ये स्‍थान एक पवित्र तीर्थस्‍थल भी है। यहां श्रीशैलम में भगवान मल्‍लिकार्जुन और देवी भररामम्बा का प्राचीन मंदिर भी स्‍थित है। देवी भररामम्बा माता पार्वती का ही अवतार मानी जाती हैं। ये मंदिर बारह ज्‍योर्तिलिंगों और आठ शक्तिपीठों में से एक है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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