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(';प्रतिशोध / प्रेमचंद माया अपने तिमंजिले मकान की छत प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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माया अपने तिमंजिले मकान की छत पर खड़ी सड़क की ओर उद्विग्न और अधीर आंखों से ताक रही थी और सोच रही थी, वह अब तक आये क्यों नहीं ? कहां देर लगायी ? इसी गाड़ी से आने को लिखा था। गाड़ी तो आ गयी होगी, स्टेशन से मुसाफिर चले आ रहे हैं। इस वक्त तो कोई दूसरी गाड़ी नहीं आती। शायद असबाब वगैरह रखने में देर हुई, यार-दोस्त स्टेशन पर बधाई देने के लिए पहुँच गये हों, उनसे फुर्सत मिलेगी, तब घर की सुध आयेगी ! उनकी जगह मैं होती तो सीधे घर आती। दोस्तों से कह देती , जनाब, इस वक्त मुझे माफ़ कीजिए, फिर मिलिएगा। मगर दोस्तों में तो उनकी जान बसती है !
| राष्ट्रीय शाके =1946<br/>राष्ट्रीय आश्विन 9 से  राष्ट्रीय कार्तिक 14 तक<br />
 
| विक्रम संवत =2081<br/>आश्विन वदी 14 से कार्तिक वदी 14 तक
मिस्टर व्यास लखनऊ के नौजवान मगर अत्यंत प्रतिष्ठित बैरिस्टरों में हैं। तीन महीने से वह एक राजीतिक मुकदमें की पैरवी करने के लिए सरकार की ओर से लाहौर गए हुए हें। उन्होंने माया को लिखा था—जीत हो गयी। पहली तारीख को मैं शाम की मेल में जरूर पहुंचूंगा। आज वही शाम है। माया ने आज सारा दिन तैयारियों में बिताया। सारा मकान धुलवाया। कमरों की सजावट के सामान साफ करायें, मोटर धुलवायी। ये तीन महीने उसने तपस्या के काटे थे। मगर अब तक मिस्टर व्यास नहीं आये। उसकी छोटी बच्ची तिलोत्तमा आकर उसके पैरों में चिमट गयी और बोली—अम्मां, बाबूजी कब आयेंगे ?
| अंग्रेज़ी =अक्टूबर 2024
 
| इस्लामी हिजरी =1446<br/>[[रबीउल अव्वल]] 27 से [[रबीउल आख़िर|रबीउल आख़िर]] 27 तक<br/>
माया ने उसे गोद में उठा लिया और चूमकर बोली—आते ही होंगे बेटी, गाड़ी तो कब की आ गयी।
| बंगला संवत =1431<br/>बंग आश्विन 16 से बंग कार्तिक 15 तक
 
| मंगल1 ={{DATE
तिलोत्तमा—मेरे लिए अच्छी गुड़ियां लाते होंगे।
| दिनांक =[[1 अक्टूबर|01]]
 
| दिनांक/माह/वर्ष=01102024
माया ने कुछ जवाब न दिया। इन्तजार अब गुस्से में बदलता जाता था। वह सोच रही थी, जिस तरह मुझे हजरत परेशान कर रहे हैं, उसी तरह मैं भी उनको परेशान करूँगी। घण्टे-भर तक बोलूंगी ही नहीं। आकर स्टेशन पर बैठे हुए है ? जलाने में उन्हें मजा आता है । यह उनकी पुरानी आदत है। दिल को क्या करूँ। नहीं, जी तो यही चाहता है कि जैसे वह मुझसे बेरुखी दिखलाते है, उसी तरह मैं भी उनकी बात न पूछूँ। यकायक एक नौकर ने ऊपर आकर कहा—बहू जी, लाहौर से यह तार आया है। माया अन्दर-ही-अन्दर जल उठी। उसे ऐसा मालूम हुआ कि जैसे बड़े जोर की हरारत हो गयी हो। बरबस खयाल आया—सिवाय इसके और क्या लिखा होगा कि इस गाड़ी से न आ सकूंगा। तार दे देना कौन मुश्किल है। मैं भी क्यों न तार दे दूं कि मै एक महीने के लिए मैके जा रही हूँ। नौकर से कहा—तार ले जाकर कमरे में मेज पर रख दो। मगर फिर कुछ सोचकर उसने लिफाफा ले लिया और खोला ही था कि कागज़ हाथ से छूटकर गिर पड़ा। लिखा था—मिस्टर व्यास को आज दस बजे रात किसी बदमाश ने कत्ल कर दिया। २ क ई महीने बीत गये। मगर खूनी का अब तक पता नहीं चला। खुफिया पुलिस के अनुभवी लोग उसका सुराग लगाने की फिक्र में परेशान हैं। खूनी को गिरफ्तार करा देनेवाले को बीस हजार रुपये इनाम दिये जाने का एलान कर दिया गया है। मगर कोई नतीजा नहीं । जिस होटल में मिस्टर व्यास ठहरे थे, उसी में एक महीने से माया ठहरी हुई है। उस कमरे से उसे प्यार-सा हो गया है। उसकी सूरत इतनी बदल गयी है कि अब उसे पहचानना मुश्किल है। मगर उसके चेहरे पर बेकसी या दर्द का पीलापन नहीं क्रोध की गर्मी दिखाई पड़ती है। उसकी नशीली ऑंखों में अब खून की प्यास है और प्रतिशोध की लपट। उसके शरीर का एक-एक कण प्रतिशोध की आग से जला जा रहा है। अब यही उसके जीवन का ध्येय, यही उसकी सबसे बड़ी अभिलाषा है। उसके प्रेम की सारी निधि अब यही प्रतिशोध का आवेग हैं। जिस पापी ने उसके जीवन का सर्वनाश कर दिया उसे अपने सामने तड़पते देखकर ही उसकी आंखें ठण्डी होंगी। खुफ़िया पुलिस भय और लोभ, जॉँच और पड़ताल से काम ले रही है, मगर माया ने अपने लक्ष्य पर पहुँचने के लिए एक दूसरा ही रास्ता अपनाया है। मिस्टर व्यास को प्रेत-विद्या से लगाव था। उनकी संगति में माया ने कुछ आरम्भिक अभ्यास किया था। उस वक्त उसके लिए यह एक मनोरंजन था। मगर अब यही उसके जीवन का सम्बल था। वह रोजाना तिलोत्तमा पर अमल करती और रोज--रोज अभ्यास बढ़ाती जाती थी। वह उस दिन का इन्तजार कर रही थी जब अपने पति की आत्मा को बुलाकर उससे खूनी का सुराग लगा सकेगी। वह बड़ी लगन से, बड़ी एकाग्रचित्तता से अपने काम में व्यस्त थी। रात के दस बज गये थे। माया ने कमरे को अंधेरा कर दिया था और तिलोत्तमा पर अभ्यास कर रही थी। यकायक उसे ऐसा मालूम कि कमरे में कोई दिव्य व्यक्तित्व आया। बुझते हुए दीपक की अंतिम झलक की तरह एक रोशनी नज़र आयी। माया ने पूछा—आप कौन है ? तिलोत्तमा ने हंसकर कहा—तुम मुझे नहीं पहचानतीं ? मैं ही तुम्हारा मनमोहन हूँ जो दुनिया में मिस्टर व्यास के नाम से मशहूर था। ‘आप खूब आये। मैं आपसे खूनी का नाम पूछना चाहती हूँ।’ ‘उसका नाम है, ईश्वरदास।’ ‘कहां रहता है ?’ ‘शाहजहॉपुर।’ माया ने मुहल्ले का नाम, मकान का नम्बर, सूरत-शक्ल, सब कुछ विस्तार के साथ पूछा और कागज पर नोट कर लिया। तिलोत्तमा जरा देर में उठ बैठी। जब कमरे में फिर रोशनी हुई तो माया का मुरझाया हुआ चेहरा विजय की प्रसन्नता से चमक रहा था। उसके शरीर में एक नया जोश लहरें मार रहा था कि जैसे प्यास से मरते हुए मुसाफिर को पानी मिल गया हो। उसी रात को माया ने लाहौर से शाहजहांपुर आने का इरादा किया। ३ रा त का वक्त। पंजाब मेल बड़ी तेजी से अंधेरे को चीरती हुई चली जा रही थी। माया एक सेकेण्ड क्लास के कमरे में बैठी सोच रही थी कि शाहजहॉपुर में कहां ठहरेगी, कैसे ईश्वरदास का मकान तलाशा करेगी और कैसे उससे खून का बदला लेगी। उसके बगल में तिलोत्तमा बेखबर सो रही थीं सामने ऊपर के बर्थ पर एक आदमी नींद में गाफ़िल पड़ा हुआ था। यकायक गाड़ी का कमरा खुला और दो आदमी कोट-पतलून पहने हुए कमरे में दाखिल हुए। दोनो अंग्रेज थे। एक माया की तरफ बैठा और दूसरा दूसरी तरफ। माया सिमटकर बैठ गयी । इन आदमियों को यों बैठना उसे बहुत बुरा मालूम हुआ। वह कहना चाहती थी, आप लोग दूसरी तरफ बैठें, पर वही औरत जो खून का बदला लेने जा रही थी, सामने यह खतरा देखकर कांप उठी। वह दोनों शैतान उसे सिमटते देखकर और भी करीब आ गये। माया अब वहां न बैठी रह सकी । वह उठकर दूसरे वर्थ पर जाना चाहती थी कि उनमें से एक ने उसका हाथ पकड़ लिया । माया ने जोर से हाथ छुड़ाने की कोशिश करके कहा—तुम्हारी शामत तो नहीं आयी है, छोड़ दो मेरा हाथ, सुअर ? इस पर दूसरे आदमी ने उठकर माया को सीने से लिपटा लिया। और लड़खड़ाती हुई जबान से बोला—वेल हम तुमका बहुत-सा रुपया देगा। माया ने उसे सारी ताकत से ढ़केलने की कोशिश करते हुए कहा—हट जा हरामजादे, वर्ना अभी तेरा सर तोड़ दूंगी। दूसरा आदमी भी उठ खड़ा हुआ और दोनों मिलकर माया को बर्थ पर लिटाने की कोशिश करने लगे ।यकायक यह खटपट सुनकर ऊपर के बर्थ पर सोया हुआ आदी चौका और उन बदमाशों की हरकत देखकर ऊपर से कूद पड़ा। दोनों गोरे उसे देखकर माया को छोड़ उसकी तरफ झपटे और उसे घूंसे मारने लगे। दोनों उस पर ताबड़तोडं हमला कर रहे थे और वह हाथों से अपने को बचा रहा था। उसे वार करने का कोई मौका न मिलता था। यकायक उसने उचककर अपने बिस्तर में से एक छूरा निकाल दिया और आस्तीनें समेटकर बोला—तुम दोनों अगर अभी बाहर न चले गये तो मैं एक को भी जीता ना छोड़ुँगा। दोनों गोरे छुरा देखकर डरे मगर वह भी निहत्थे न थे। एक ने जेब से रिवाल्वर निकल लिया और उसकी नली उस आदमी की तरफ करके बोला-निकल जाओ, रैस्कल ! माया थर-थर कांप रही थी कि न जाने क्या आफत आने वाली हे । मगर खतरा हमारी छिपी हुई हिम्मतों की कुंजी है। खतरे में पड़कर हम भय की सीमाओं से आगे बढ़ जाते हैं कुछ कर गुजरते हैं जिस पर हमें खुद हैरत होती है। वही माया जो अब तक थर-थर कांप रही थी, बिल्ली की तरह कूद कर उस गोरे की तरफ लपकी और उसके हाथ से रिवाल्वर खींचकर गाड़ी के नीचे फेंक दिया। गोरे ने खिसियाकर माया को दांत काटना चाहा मगर माया ने जल्दी से हाथ खींच लिया और खतरे की जंजीर के पास जाकर उसे जोर से खीचा। दूसरा गोरा अब तक किनारे खड़ा था। उसके पास कोई हथियार न था इसलिए वह छुरी के सामने न आना चाहता था। जब उसने देखा कि माया ने जंजीर खींच ली तो भीतर का दरवाजा खोलकर भागा। उसका साथी भी उसके पीछे-पीछे भागा। चलते-चलते छुरी वाले आदमी ने उसे इतने जोर से धक्का दिया कि वह मुंह के बल गिर पड़ा। फिर तो उसने इतनी ठोकरें, इतनी लातें और इतने घुंसे जमाये कि उसके मुंह से खून निकल पड़ा। इतने में गाड़ी रुक गयी और गार्ड लालटेन लिये आता दिखायी दिया। ४ म गर वह दोनों शैतान गाड़ी को रुकते देख बेतहाशा नीचे कूद पड़े और उस अंधेरे में न जाने कहां खो गये गार्ड ने भी ज्यादा छानबीन न की और करता भी तो उस अंधेरे में पता लगाना मुश्किल था । दोनों तरफ खड्ड थे, शायद किसी नदी के पास थीं। वहां दो क्या दो सौ आदमी उस वक्त बड़ी आसानी से छिप सकते थे। दस मिनट तक गाड़ी खड़ी रही, फिर चल पड़ी। माया ने मुक्ति की सांस लेकर कहा—आप आज न होते तो ईश्वर ही जाने मेरा क्या हाल होता आपके कहीं चोट तो नहीं आयी ? उस आदमी ने छुरे को जेब में रखते हुए कहा—बिलकुल नहीं। मैं ऐसा बेसुध सोया हुआ था कि उन बदमाशों के आने की खबर ही न हुई। वर्ना मैंने उन्हें अन्दर पांव ही न रखने दिया होता । अगले स्टेशन पर रिपोर्ट करूँगा। माया—जी नहीं, खामखाह की बदनामी और परेशानी होगी। रिपोर्ट करने से कोई फायदा नहीं। ईश्वर ने आज मेरी आबरू रख ली। मेरा कलेजा अभी तक धड़-धड़ कर रहा है। आप कहां तक चलेंगे? ‘मुझे शाहजहॉपुर जाना है।’ ‘वहीं तक तो मुझे भी जाना है। शुभ नाम क्या है ? कम से कम अपने उपकारक के नाम से तो अपरिचित न रहूँ। ‘मुझे तो ईश्वरदास कहते हैं। ‘माया का कलेजा धक् से हो गया। जरूर यह वही खूनी है, इसकी शक्ल-सूरत भी वही है जो उसे बतलायी गयी थीं उसने डरते-डरते पूछा—आपका मकान किस मुहल्ले में है ? ‘.....में रहता हूँ। माया का दिल बैठ गया। उसने खिड़की से सिर बाहर निकालकर एक लम्बी सांस ली। हाय ! खूनी मिला भी तो इस हालत में जब वह उसके एहसान के बोझ से दबी हुई है ! क्या उस आदमी को वह खंजर का निशाना बना सकती है, जिसने बगैर किसी परिचय के सिर्फ हमदर्दी के जोश में ऐसे गाढ़े वक्त में उसकी मदद की ? जान पर खेल गया ? वह एक अजीब उलझन में पड़ गयी । उसने उसके चेहरे की तरफ देखा, शराफत झलक रही थी। ऐसा आदमी खून कर सकता है, इसमें उसे सन्देह था ईश्वरदास ने पूछा—आप लाहौर से आ रही हैं न ? शाहजहाँपुर में कहां जाइएगा ? ‘अभी तो कहीं धर्मशाला में ठहरूंगी, मकान का इन्तजाम करना हैं।’ ईश्वरदास ने ताज्जुब से पूछा—तो वहां आप किसी दोस्त या रिश्तेदार के यहाँ नहीं जा रही हैं? ‘कोई न कोई मिल ही जाएगा।’ ‘यों आपका असली मकान कहां है?’ ‘असली मकान पहले लखनऊ था, अब कहीं नहीं है। मै बेवा हूँ।’ ५ ई श्वर दास ने शाहजहॉँपुर में माया के लिए एक अच्छा मकान तय कर दिया । एक नौकर भी रख दिया । दिन में कई बार हाल-चाल पूछने आता। माया कितना ही चाहती थी कि उसके एहसान न ले, उससे घनिष्ठता न पैदा करे, मगर वह इतना नेक, इतना बामुरौवत और शरीफ था कि माया मजबूर हो जाती थी। एक दिन वह कई गमले और फर्नीचर लेकर आया। कई खूबसूरत तसवीरें भी थी। माया ने त्यौरियां चढ़ाकर कहा—मुझे साज-सामान की बिलकुल जरूरत नहीं, आप नाहक तकलीफ करते हैं। ईश्वरदास ने इस तरह लज्जित होकर कि जैसे उससे कोई भूल हो गयी हो कहा—मेरे घर में यह चीजें बेकार पड़ी थीं, लाकर रख दी। ‘मैं इन टीम-टाम की चीजों का गुलाम नहीं बनना चाहती।’ ईश्वरदास ने डरते-डरते कहा –अगर आपको नागवार हो तो उठवा ले जाऊँ ? माया ने देखा कि उसकी ऑंखें भर आयी हैं, मजबूर होकर बोली—अब आप ले आये हैं तो रहने दीजिए। मगर आगे से कोई ऐसी चीज न लाइएगा एक दिन माया का नौकर न आया। माया ने आठ-नौ बजे तक उसकी राह देखीं जब अब भी वह न आया तो उसने जूठे बर्तन मांजना शुरू किया। उसे कभी अपने हाथ से चौका –बर्तन करने का संयोग न हुआ था। बार-बार अपनी हालत पर रोना आता था एक दिन वह था कि उसके घर में नौकरों की एक पलटन थी, आज उसे अपने हाथों बर्तन मांजने पड़ रहे हैं। तिलोत्तमा दौड़-दौड़ कर बड़े जोश से काम कर रही थी। उसे कोई फिक्र न थी। अपने हाथों से काम करने का, अपने को उपयोगी साबित करने का ऐसा अच्छा मौका पाकर उसकी खुशी की सीमा न रही । इतने में ईश्वरदास आकर खड़ा हो गया और माया को बर्तन मांजते देखकर बोला—यह आप क्या कर रही हैं ? रहने दीजिए, मैं अभी एक आदमी को बुलावाये लाता हूँ। आपने मुझे क्यों ने खबर दी, राम-राम, उठ आइये वहां से । माया ने लापरवाही से कहा—कोई जरुरत नहीं, आप तकलीफ न कीजिए। मैं अभी मांजे लेती हूँ। ‘इसकी जरूरत भी क्या, मैं एक मिनट में आता हूँ।’
| तिथि सूचना =शाके 10 गते 18<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[चतुर्दशी]], [[पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र|पूर्वाफाल्गुनी]]<br />हि. 27, मंगल, ज़ुब्रा<br />बंगला- 16
 
| घटनाएँ =[[अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस]], [[अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस]]<br />
‘नहीं, आप किसी को न लाइए, मै इतने बर्तन आसानी से धो लूँगी।’
'''जन्म''' - [[मजरूह सुल्तानपुरी]], [[सचिन देव बर्मन]], [[एनी बेसेंट]], [[रामनाथ कोविंद]], [[जी.एम.सी. बालायोगी]], [[शिवाजी गणेशन]], [[सूरज भान]], [[एस. सुब्रह्मण्य अय्यर]], [[ए. के. गोपालन]], [[प्रताप सिंह कैरों]], [[माइकल फ़रेरा]], [[जीवन सिंह उमरानंगल]], [[त्रिलोक सिंह ठकुरेला]], [[शारदा सिन्हा]], [[जे. एच. पटेल]], [[गुरदीप सिंह]]<br />
 
'''मृत्यु''' - [[चन्दन सिंह गढ़वाली]], [[सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी]]}}
‘अच्छा तो लाइए मैं भी कुछ मदद करूँ।’ यह कहकर उसने डोल उठा लिया और बाहर से पानी लेने दौड़ा। पानी लाकर उसने मंजे हुए बर्तनों को धोना शुरू किया। माया ने उसके हाथ से बर्तन छीनने की कोशिश करके कहा—आप मुझे क्यों शर्मिन्दा करते है ? रहने दीजिए, मैं अभी साफ़ किये डालती हूँ। ‘आप मुझे शर्मिदा करती हैं या मैं आपको शर्मिदा कर रहा हूँ? आप यहॉँ मुसाफ़िर हैं , मैं यहां का रहने वाला हूँ, मेरा धर्म है कि आपकी सेवा करूँ। आपने एक ज्यादती तो यह की कि मुझे जरा भी खबर न दी, अब दूसरी ज्यादती यह कर रही हैं। मै इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता ।’ ईश्वरदास ने जरा देर में सारे बर्तन साफ़ करके रख दिये। ऐसा मालूम होता था कि वह ऐसे कामों का आदी है। बर्तन धोकर उसने सारे बर्तन पानी से भर दिये और तब माथे से पसीना पोंछता हुआ बोला–बाजार से कोई चीज लानी हो तो बतला दीजिए, अभी ला दूँ। माया—जी नहीं, माफ कीजिए, आप अपने घर का रास्ता लीजिए। ईश्वरदास—तिलोत्तमा, आओ आज तुम्हें सैर करा लायें। माया—जी नहीं, रहने दीजिएं। इस वक्त सैर करने नहीं जाती। माया ने यह शब्द इतने रूखेपन से कहे कि ईश्वरदास का मुंह उतर गया। उसने दुबारा कुछ न कहा। चुपके से चला गया। उसके जाने के बाद माया ने सोचा, मैंने उसके साथ कितनी बेमुरौवती की। रेलगाड़ी की उस दु:खद घटना के बाद उसके दिल में बराबर प्रतिशोध और मनुष्यता में लड़ाई छिड़ी हुई थी। अगर ईश्वरदास उस मौके पर स्वर्ग के एक दूत की तरह न आ जाता तो आज उसकी क्या हालत होती, यह ख्याल करके उसके रोएं खड़े हो जाते थे और ईश्वादास के लिए उसके दिल की गहराइयों से कृतज्ञता के शब्द निकलते । क्या अपने ऊपर इतना बड़ा एहसान करने वाले के खून से अपने हाथ रंगेगी ? लेकिन उसी के हाथों से उसे यह मनहूस दिन भी तो देखना पड़ा ! उसी के कारण तो उसने रेल का वह सफर किया था वर्ना वह अकेले बिना किसी दोस्त या मददगार के सफर ही क्यों करती ? उसी के कारण तो आज वह वैधव्य की विपत्तियां झेल रही है और सारी उम्र झेलेगी। इन बातों का खयाल करके उसकी आंखें लाल हो जातीं, मुंह से एक गर्म आह निकल जाती और जी चाहता इसी वक्त कटार लेकरचल पड़े और उसका काम तमाम कर दे। ६ आ ज माया ने अन्तिम निश्चय कर लिया। उसने ईश्वरदास की दावत की थी। यही उसकी आखिरी दावत होगी। ईश्वरदास ने उस पर एहसान जरूर किये हैं लेकिन दुनिया में कोई एहसान, कोई नेकी उस शोक के दाग को मिटा सकती है ? रात के नौ बजे ईश्वादास आया तो माया ने अपनी वाणी में प्रेम का आवेग भरकर कहा—बैठिए, आपके लिए गर्म-गर्म पूड़ियॉं निकाल दूँ ? ईश्वरदास—क्या अभी तक आप मेरे इन्तजार में बैठी हुई हैं ? नाहक गर्मी में परेशान हुई। माया ने थाली परसकर उसके सामने रखते हुए कहा—मैं खाना पकाना नहीं जानती ? अगर कोई चीज़ अच्छी न लगे तो माफ़ कीजिएगा। ईश्वरदास ने खूब तारीफ़ करके एक-एक चीज खायीं। ऐसी स्वादिष्ट चीजें उसने अपनी उम्र में कभी न खायी थी। ‘आप तो कहती थी मैं खाना पकाना नहीं जानती ?’ ‘तो क्या मैं ग़लत कहती थी ?’ ‘बिलकुल ग़लत। आपने खुद अपनी ग़लती साबित कर दीं। ऐसे खस्ते मैंने जिन्दगी में भी न खाये थे।’ ‘आप मुझे बनाते है, अच्छा साहब बना लीजिए।’ ‘नहीं, मैं बनाता नहीं, बिलकुल सच कहता हूँ। किस-कीस चीज की तारीफ करूं? चाहता हूँ कि कोई ऐब निकालूँ, लेकिन सूझता ही नहीं। अबकी मैं अपने दोस्तों की दावत करूंगा तो आपको एक दिन तकलीफ दूंगा।’ ‘हां, शौक़ से कीजिए, मैं हाजिर हूँ।’ खाते-खाते दस बज गये। तिलोत्तमा सो गयी। गली में भी सन्नाटा हो गया। ईश्वरदास चलने को तैयार हुआ, तो माया बोली—क्या आप चले जाएंगे ? क्यों न आज यहीं सो रहिए? मुझे कुछ डर लग रहा है। आप बाहर के कमरे में सो रहिएगा, मैं अन्दर आंगन में सो रहूँगीं ईश्वरदास ने क्षण-भर सोचकर कहा—अच्छी बात है। आपने पहले कभी न कहा कि आपको इस घर में डर लगता है वर्ना मैं किसी भरोसे की बुड्ढी औरत को रात को सोने के लिए ठीक कर देता । ईश्वरदास ने तो कमरे में आसन जमाया, माया अन्दर खाना खाने गयी। लेकिन आज उसके गले के नीचे एक कौर भी न उतर सका। उसका दिल जोर-जोर से घड़क रहा था। दिल पर एक डर–सा छाया हुआ था। ईश्वरदास कहीं जाग पड़ा तो ? उसे उस वक्त कितनी शर्मिन्दगी होगी ! माया ने कटार को खूब तेज कर रखा था। आज दिन-भर उसे हाथ में लेकर अभ्यास किया । वह इस तरह वार करेगी कि खाली ही न जाये। अगर ईश्वरदास जाग ही पड़ा तो जानलेवा घाव लगेगा। जब आधी रात हो गयी और ईश्वरदास के खर्राटों की आवाजें कानों में आने लगी तो माया कटार लेकर उठी पर उसका सारा शरीर कांप रहा था। भय और संकल्प, आकर्षण और घृणा एक साथ कभी उसे एक कदम आगे बढ़ा देती, कभी पीछे हटा देती । ऐसा मालूम होता था कि जैसे सारा मकान, सारा आसमान चक्कर खा रहा हैं कमरे की हर एक चीज घूमती हुई नजर आ रही थी। मगर एक क्षण में यह बेचैनी दूर हो गयी और दिल पर डर छा गया। वह दबे पांव ईश्वरदास के कमरे तक आयी, फिर उसके क़दम वहीं जम गये। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। आह, मैं कितनी कमजोर हूँ, जिस आदमी ने मेरा सर्वनाश कर दिया, मेरी हरी-भरी खेती उजाड़ दी, मेरे लहलहाते हुए उपवन को वीरान कर दिया, मुझे हमेशा के लिए आग के जलते हुए कुंडों में डाल दिया, उससे मैं खून का बदला भी नहीं ले सकती ! वह मेरी ही बहनें थी, जो तलवार और बन्दूक लेकर मैदान में लड़ती थीं, दहकती हुई चिता में हंसते-हंसते बैठ जाती थी। उसे उस वक्त ऐसा मालूम हुआ कि मिस्टर व्यास सामने खडें हैं और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा कर रहे हैं, कह रहे है, क्या तुम मेरे खून का बदला न लोगी ? मेरी आत्मा प्रतिशोध के लिए तड़प रही हैं । क्या उसे हमेशा-हमेशा यों ही तड़पाती रहोगी ? क्या यही वफ़ा की शर्त थी ? इन विचारों ने माया की भावनाओं को भड़का दिया। उसकी आंखें खून की तरह लाल हो गयीं, होंठ दांतों के नीचे दब गये और कटार के हत्थे पर मुटठी बंध गयी। एक उन्माद-सा छा गया। उसने कमरे के अन्दर पैर रखा मगर ईश्वरदास की आंखें खुल गयी थीं। कमरे में लालटेन की मद्धिम रोशनी थी। माया की आहट पाकर वह चौंका और सिर उठाकर देखा तो खून सर्द हो गया—माया प्रलय की मूर्ति बनी हाथ में नंगी कटार लिये उसकी तरफ चली आ रही थी! वह चारपाई से उठकर खड़ा हो गया और घबड़ाकर बोला—क्या है बहन ? यह कटार क्यों लिये हुए हो ? माया ने कहा—यह कटार तुम्हारे खून की प्यासी है क्योंकि तुमने मेरे पति का खून किया है। ईश्वरदास का चेहरा पीला पड़ गया । बोला—मैंनें ! ‘हां तुमने, तुम्हीं ने लाहौर में मेरे पति की हत्या की, जब वे एक मुकदमें की पैरवी करने गये थे। क्या तुम इससे इनकार कर सकते हो ?मेरे पति की आत्मा ने खुद तुम्हारा पता बतलाया है।’ ‘तो तूम मिस्टर व्यास की बीवी हो?’ ‘हां, मैं उनकी बदनसीब बीवी हूँ और तुम मेरा सोहाग लूटनेवाले हो ! गो तुमने मेरे ऊपर एहसान किये हैं लेकिन एहसानों से मेरे दिल की आग नहीं बुझ सकती। वह तुम्हारी खून ही से बुझेगी।’ ईश्वरदास ने माया की ओर याचना-भरी आंखों से देखकर कहा—अगर आपका यही फैसला है तो लीजिए यह सर हाजिर है। अगर मेरे खून से आपके दिल की आग बुझ जाय तो मैं खुद उसे आपके कदमों पर गिरा दूँगा। लेकिन जिस तरह आप मेरे खून से अपनी तलवार की प्यास बुझाना अपना धर्म समझती हैं उसी तरह मैंने भी मिस्टर व्यास को क़त्ल करना अपना धर्म समझा। आपको मालूम है, वह एक रानीतिक मुकदमें की पैरवी करने लाहौर गये थें। लेकिन मिस्टर व्यास ने जिस तरह अपनी ऊंची कानूनी लियाकत का इस्तेमाल किया, पुलिस को झुठी शहादतों के तैयार करने में जिस तरह मदद दी, जिस बेरहमी और बेदर्दी से बेकस और ज्यादा बेगुनाह नौजवानों को तबाह किया, उसे मैं सह न सकता था। उन दिनों अदालत में तमाशाइयों की बेइन्ता भीड़ रहती थी। सभी अदालत से मिस्टर व्यास को कोसते हुए जाते थे मैं तो मुकदमे की हकीकत को जानता था । इस लिए मेरी अन्तरात्मा सिर्फ कोसने और गालियॉँ देने से शांत न हो सकती थी । मैं आपसे क्या कहूँ । मिस्टर व्यास ने आखं खोलकर समझ- बूझकर झूठ को सच साबित किया और कितने ही घरानो को बेचिराग कर दिया आज कितनी माए अपने बेटो के लिए खून के आंसू रो रही है, कितनी ही औरते रंडापे की आग में जल रही है। पुलिस कितनी ही ज्यादतियां करे, हम परवाह नही करते । पुलिस से हम इसके सिवा और उम्मीद नही रखते। उसमे ज्यादातर जाहिल शोहदे लुच्चे भरे हुए है । सरकार ने इस महकमे को कायम ही इसलिए किया है कि वह रिआया को तंग करे। मगर वकीलो से हम इन्साफ की उम्मीद रखते है। हम उनकी इज्जत करते है । वे उच्चकोटि के पढे लिखे सजग लोग होते है । जब ऐसे आदमियों को हम पुलिस के हाथो की कठपुतली बना हुआ देखते है तो हमारे क्रोध की सीमा नहीं रहती मैं मिस्टर व्यास का प्रशंसक था। मगर जब मैने उन्हें बेगुनाह मुलजिमों से जबरन जुर्म का इकबाल कराते देखा तो मुझे उनसे नफरत हो गयी । गरीब मुलजिम रात दिन भर उल्टे लटकाये जाते थे ! सिर्फ इसलिए कि वह अपना जुर्म, तो उन्होने कभी नही किया, इकबाल कर ले ! उनकी नाक में लाल मिर्च का धुआं डाला जाता था ! मिस्टर व्यास यह सारी ज्यादातियां सिर्फ अपनी आंखो से देखते ही नही थे, बल्कि उन्हीं के इशारे पर वह की जाती थी। माया के चेहरे की कठोरता जाती रही । उसकी जगह जायज गुस्से की गर्मी पैदा हुई । बोली–इसका आपके के पास कोई सबूत है कि उन्होने मुलजिमो पर ऐसी सख्तियां की ? ‘यह सारी बाते आमतौर पर मशहूर थी । लाहौर का बच्चा बच्चा जानता है। मैने खुद अपनी आंखों से देखी इसके सिवा मैं और क्या सबूत दे सकता हूँ उन बेचारो का बस इतना कसूर था। कि वह हिन्दुस्तान के सच्चे दोस्त थे, अपना सारा वक्त प्रजा की शिक्षा और सेवा में खर्च करते थे। भूखे रहते थे, प्रजा पर पुलिस हुक्काम की सख्तिंया न होने देते थे, यही उनका गुनाह था और इसी गुनाह की सजा दिलाने में मिस्टर व्यास पुलिस के दाहिने हाथ बने हुए थे!’ माया के हाथ से खंजर गिर पड़ा। उसकी आंखो मे आंसू भर आये, बोली मुझे न मालूम था कि वे ऐसी हरकते भी कर सकते है। ईश्वरदास ने कहा- यह न समझिए कि मै आपकी तलवार से डर कर वकील साहब पर झूठे इल्जाम, लगा रहा हूं । मैने कभी जिन्दगी की परवाह नहीं की। मेरे लिए कौन रोने वाला बैठा हुआ है जिसके लिए जिन्दगी की परवाह करुँ। अगर आप समझती हैं कि मैने अनुंचित हत्या की है तो आप इस तलवार को उठाकर इस जिन्दगी का खात्मा कर दीजिए, मै जरा भी न झिझकूगां। अगर आप तलवार न उठा सके तो पुलिस को खबर कर दीजिए, वह बड़ी आसानी से मुझे दुनिया से रुखसत कर सकती है। सबूत मिल जाना मुश्किल न होगा। मैं खुद पुलिस के सामने जुर्म का इकबाल कर लेता मगर मै इसे जुर्म नही समझता। अगर एक जान से सैकड़ो जाने बच जाएं तो वह खून नही है। मैं सिर्फ इसलिए जिन्दा रहना चाहता हूँ कि शायद किसी ऐसे ही मौके पर मेरी फिर जरुरत पड़े
| बुध1 ={{DATE
 
| दिनांक =[[2 अक्टूबर|02]]
माया ने रोते हुए- अगर तुम्हारा बयान सही है तो मै अपना, खून माफ करती हूँ तुमने जो किया या बेजा किया इसका फैसला ईश्वर करेगे। तुमसे मेरी प्रार्थना है कि मेरे पति के हाथों जो घर तबाह हुए है। उनका मुझे पता बतला दो, शायद मै उनकी कुछ सेवा कर सकूँ।
| दिनांक/माह/वर्ष=02102024
| तिथि सूचना =शाके 11 गते 19<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[अमावस्या]], [[उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र|उत्तराफाल्गुनी]]<br />हि. 28, बुध, सर्फ़ा<br />बंगला- 17
| घटनाएँ =[[गाँधी जयन्ती]], [[अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस]], [[वन्यजीव सप्ताह|वन्यजीव सप्ताह (02-08)]], [[विश्व आवास दिवस]], [[सर्वपितृ अमावस्या]], [[मातामह श्राद्ध]], [[पितृ विसर्जन]], [[पितृ पक्ष|पितृ पक्ष समाप्त]]<br />
'''जन्म''' - [[लाल बहादुर शास्त्री]], [[महात्मा गाँधी]], [[तपन सिन्हा]], [[आशा पारेख]], [[प्रीतम सिवाच]], [[हंगपन दादा]], [[लीला नाग]], [[शंकर शेष]], [[प्रजापति मिश्र]], [[लवलीना बोरगोहेन]]<br />
'''मृत्यु''' - [[राजा रवि वर्मा]], [[राजकुमारी अमृत कौर]], [[के. कामराज]], [[सी. डी. देशमुख]]}}
| गुरु1 ={{DATE
| दिनांक =[[3 अक्टूबर|03]]
| दिनांक/माह/वर्ष=03102024
| तिथि सूचना =शाके 12 गते 20<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[प्रतिपदा]], [[हस्त नक्षत्र|हस्त]]<br />हि. 29, जुमेरात, अव्वा<br />बंगला- 18
| घटनाएँ =[[नवरात्र|शारदीय नवरात्र प्रारम्भ]], [[महाराजा अग्रसेन|अग्रसेन जयंती]]<br/>
'''जन्म''' - [[जे. पी. दत्ता]], [[लक्ष्मी नारायण साहू]], [[दीपक मिश्रा]], [[सुबीर गोकर्ण]], [[अमृतलाल बेगड़]], [[पी. परमेश्वरन]]<br />
'''मृत्यु''' - [[कादम्बिनी गांगुली]], [[अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर]]}}
| शुक्र1 ={{DATE
| दिनांक =[[4 अक्टूबर|04]]
| दिनांक/माह/वर्ष=04102024
| तिथि सूचना =शाके 13 गते 21<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[द्वितीया]], [[चित्रा नक्षत्र|चित्रा]]<br />हि. 30, जुम्मा, सिमाक<br />बंगला- 19
| घटनाएँ =[[विश्व पशु कल्याण दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[रामचन्द्र शुक्ल]], [[सरला ग्रेवाल]], [[श्यामजी कृष्ण वर्मा]], [[संध्या मुखर्जी]]<br />
'''मृत्यु''' - [[कस्तूरी बाई]], [[शक्ति सिन्हा]]}}
| शनि1 ={{DATE
| दिनांक =[[5 अक्टूबर|05]]
| दिनांक/माह/वर्ष=05102024
| तिथि सूचना =शाके 14 गते 22<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[तृतीया]], [[स्वाती नक्षत्र|स्वाती]]<br />हि. 01, हफ़्ता, अफ़रा<br />बंगला- 20
| घटनाएँ =[[अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[रानी दुर्गावती]], [[राम चतुर मल्लिक]], [[चो रामस्वामी]], [[नर बहादुर भंडारी]], [[मधुमिता बिष्ट]], [[गुरुदास कामत]], [[वी. वैथिलिंगम]]<br />
'''मृत्यु''' - [[भगवतीचरण वर्मा]], [[दुर्गा प्रसाद खत्री]], [[विल्सन जोन्स]]}}
| रवि2 ={{DATE
| दिनांक =[[6 अक्टूबर|06]]
| दिनांक/माह/वर्ष=06102024
| तिथि सूचना =शाके 15 गते 23<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[तृतीया]], [[विशाखा नक्षत्र|विशाखा]]<br />हि. 02, इतवार, ज़ुबाना<br />बंगला- 21
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[मेघनाथ साहा]], [[विनोद खन्ना]], [[कृपालु महाराज]], [[नेकसियर]], [[हुसैन अहमद मदनी]], [[भजन लाल]]<br />
'''मृत्यु''' - [[गुरु हरराय]], [[नाना साहब]], [[वी. के. कृष्ण मेनन]], [[प्यारेलाल खण्डेलवाल]], [[लक्ष्मी मल्ल सिंघवी]], [[गोकुलभाई भट्ट]], [[दत्तो वामन पोतदार]], [[बाबासाहेब भोसले]], [[अरविंद त्रिवेदी]]}}
| सोम2 ={{DATE
| दिनांक =[[7 अक्टूबर|07]]
| दिनांक/माह/वर्ष=07102024
| तिथि सूचना =शाके 16 गते 24<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[चतुर्थी]], [[अनुराधा नक्षत्र|अनुराधा]]<br />हि. 03, पीर, इक़्लील<br />बंगला- 22
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[बली राम भगत]], [[दुर्गा भाभी]], [[बेगम अख़्तर]], [[विजयदेव नारायण साही]], [[नरहरि पारिख]], [[वाजिद ख़ान (संगीत निर्देशक)|वाजिद ख़ान]], [[अरुण भादुड़ी]], [[ज़हीर ख़ान]]<br />
'''मृत्यु''' - [[गुरु गोबिन्द सिंह]], [[केदारेश्वर सेन गुप्ता]], [[के. केलप्पन]], [[अश्वनी कुमार]]}}
| मंगल2 ={{DATE
| दिनांक =[[8 अक्टूबर|08]]
| दिनांक/माह/वर्ष=08102024
| तिथि सूचना =शाके 17 गते 25<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[पंचमी]], [[ज्येष्ठा नक्षत्र|ज्येष्ठा]]<br />हि. 04, मंगल, क़ल्ब<br />बंगला- 23
| घटनाएँ =[[भारतीय वायु सेना|वायु सेना दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[बदरुद्दीन तैयब जी]], [[पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य]]<br />
'''मृत्यु''' - [[प्रेमचंद]], [[जयप्रकाश नारायण]], [[रामविलास पासवान]], [[कमलापति त्रिपाठी]], [[केदार नाथ साहू]]}}
| बुध2 ={{DATE
| दिनांक =[[9 अक्टूबर|09]]
| दिनांक/माह/वर्ष=09102024
| तिथि सूचना =शाके 18 गते 26<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[षष्ठी]], [[मूल नक्षत्र|मूल]]<br />हि. 05, बुध, शौला<br />बंगला- 24
| घटनाएँ =[[स्कन्द षष्ठी]], [[विश्व डाक दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[गोपबंधु दास]], [[अमजद अली ख़ाँ]], [[मिनजुर भक्तवत्सलम]], [[राजा लक्ष्मण सिंह]], [[राधेश्याम बारले]]<br />
'''मृत्यु''' - [[कांशी राम]], [[रवीन्द्र जैन]], [[सैफ़ुद्दीन किचलू]]}}
| गुरु2 ={{DATE
| दिनांक =[[10 अक्टूबर|10]]
| दिनांक/माह/वर्ष=10102024
| तिथि सूचना =शाके 19 गते 27<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[सप्तमी]], [[पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र|पूर्वाषाढ़ा]]<br />हि. 06, जुमेरात, नआइम<br />बंगला- 25
| घटनाएँ =[[विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[द्वारकानाथ कोटणीस]], [[श्रीपाद अमृत डांगे]], [[आर. के. नारायण]], [[रामविलास शर्मा]], [[शिवराम कारंत]], [[बलबीर सिंह]], [[शिवराज रामशरण]], [[सुतीर्था मुखर्जी]]<br />
'''मृत्यु''' - [[जगजीत सिंह]], [[मुलायम सिंह यादव]], [[सुलोचना (रूबी मेयर्स)|रूबी मेयर्स]], [[मनोरमा (तमिल अभिनेत्री)|मनोरमा]], [[लुडमिला पावलीचेंको]]}}
| शुक्र2 ={{DATE
| दिनांक =[[11 अक्टूबर|11]]
| दिनांक/माह/वर्ष=11102024
| तिथि सूचना =शाके 20 गते 28<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[अष्टमी]], [[उत्तराषाढ़ा नक्षत्र|उत्तराषाढ़ा]]<br />हि. 07, जुम्मा, बल्दा<br />बंगला- 26
| घटनाएँ =[[दुर्गाष्टमी]], [[महाअष्टमी]]<br />
'''जन्म''' - [[जयप्रकाश नारायण]], [[नानाजी देशमुख]], [[अमिताभ बच्चन]], [[मगन भाई देसाई]], [[हरीश चंद्र महरोत्रा]], [[विजय पी. भटकर]], [[काज़ी लेन्डुप दोरजी]], [[निर्भय शर्मा]], [[सतीश शर्मा]], [[तरुण गोगोई]], [[माता प्रसाद]], [[कमल किशोर गोयनका]]<br />
'''मृत्यु''' - [[सिस्टर निवेदिता]], [[दीना पाठक]], [[गुलशन राय]], [[बरकतुल्लाह ख़ान]]}}
| शनि2 ={{DATE
| दिनांक =[[12 अक्टूबर|12]]
| दिनांक/माह/वर्ष=12102024
| तिथि सूचना =शाके 21 गते 29<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[नवमी]], [[श्रवण नक्षत्र|श्रवण]]<br />हि. 08, हफ़्ता, सा-देज़ाबेह<br />बंगला- 27
| घटनाएँ =[[महा नवमी]], [[दुर्गा नवमी]], [[नवरात्र|शारदीय नवरात्र समाप्त]],  [[विश्व दृष्टि दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[विजय मर्चेन्ट]], [[शिवराज पाटिल]], [[विजयाराजे सिंधिया]], [[निदा फ़ाज़ली]], [[आत्माराम]], [[कामिनी राय]], [[पेरीन बेन]], [[शिवनाथ मिश्रा]]<br />
'''मृत्यु''' - [[राम मनोहर लोहिया]], [[पी. वेंकटसुब्बैया]]}}
| रवि3 ={{DATE
| दिनांक =[[13 अक्टूबर|13]]
| दिनांक/माह/वर्ष=13102024
| तिथि सूचना =शाके 22 गते 30<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[दशमी]], [[धनिष्ठा नक्षत्र|धनिष्ठा]]<br />हि. 09, इतवार, बुला<br />बंगला- 28
| घटनाएँ =[[विजयादशमी|विजयादशमी (दशहरा)]], [[शमी पूजा]], [[पापांकुशा एकादशी]], [[भरत मिलाप]], [[मध्वाचार्य|मध्वाचार्य जयंती]]<br />
'''जन्म''' - [[सी. के. नायडू]], [[अशोक कुमार]], [[नुसरत फ़तेह अली ख़ां]], [[भूलाभाई देसाई]], [[अविनाश साबले]]<br />
'''मृत्यु''' - [[अमीर मीनाई]], [[किशोर कुमार]], [[निरुपा रॉय]], [[जरनैल सिंह]]}}
| सोम3 ={{DATE
| दिनांक =[[14 अक्टूबर|14]]
| दिनांक/माह/वर्ष=14102024
| तिथि सूचना =शाके 23 गते 31<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[एकादशी]]/[[द्वादशी]], [[शतभिषा नक्षत्र|शतभिषा]]<br />हि. 10, पीर, आव्‌बिय<br />बंगला- 29
| घटनाएँ =[[पद्मनाभ द्वादशी]]<br />
'''जन्म''' - [[लाला हरदयाल]], [[निखिल बैनर्जी]], [[अरुण खेत्रपाल]], [[रित्विक भट्टाचार्य]], [[बीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य]], [[लालू भाई सामलदास मेहता]], [[बहादुर शाह प्रथम]], [[हरजिंदर कौर]]<br />
'''मृत्यु''' - [[मोहन धारिया]], [[दत्तोपन्त ठेंगडी]], [[नरसिंह चिन्तामन केलकर]], [[शोभा नायडू]], [[दसरथ देब]]}}
| मंगल3 ={{DATE
| दिनांक =[[15 अक्टूबर|15]]
| दिनांक/माह/वर्ष=15102024
| तिथि सूचना =शाके 24 गते 32<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[त्रयोदशी]], [[पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र|पूर्वाभाद्रपद]]<br />हि. 11, मंगल, सऊद<br />बंगला- 30
| घटनाएँ =[[प्रदोष व्रत]]<br />
'''जन्म''' - [[अब्दुल कलाम]], [[शंकर (संगीतकार)|संगीतकार शंकर]], [[रमन सिंह]], [[अकबर]], [[महेंद्र नाथ पांडेय]], [[मुख़्तार अब्बास नक़वी]], [[हीरा लाल देवपुरा]], [[मनुभाई पाँचोली]], [[मदन सिंह चौहान]], [[मदन लाल खुराना]], [[विक्टर बनर्जी]], [[के. शंकरनारायणन]]<br />
'''मृत्यु''' - [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']], [[शिरडी साईं बाबा]], [[दुर्गा भाभी]], [[देवी प्रसाद राय चौधरी]], [[फ़ैज़ी]], [[भानु अथैया]], [[अक्किथम अछूथन नंबूथिरी]]}}
| बुध3 ={{DATE
| दिनांक =[[16 अक्टूबर|16]]
| दिनांक/माह/वर्ष=16102024
| तिथि सूचना =शाके 25 गते 01<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[चतुर्दशी]]/[[पूर्णिमा]], [[उत्तराभाद्रपद नक्षत्र|उत्तराभाद्रपद]]<br />हि. 12, बुध, मुक़द्दम<br />बंगला- 31
| घटनाएँ =[[शरद पूर्णिमा]], [[पौर्णमासी व्रत]], [[कार्तिक स्नान|कार्तिक स्नान प्रारम्भ]][[विश्व खाद्य दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[नवीन पटनायक]], [[सेठ गोविन्द दास]], [[दिगम्बर हांसदा]], [[हेमा मालिनी]], [[विनय मोहन शर्मा]], [[लच्छू महाराज]], [[वेद कृष्णमूर्ति]], [[नरेंद्र चंचल]], [[निदुमोलु सुमति]], [[अमित पंघाल]], [[संकेत महादेव]]<br />
'''मृत्यु''' - [[प्रभाशंकर पाटनी]], [[गणेश घोष]], [[हरीश चंद्र महरोत्रा]]}}
| गुरु3 ={{DATE
| दिनांक =[[17 अक्टूबर|17]]
| दिनांक/माह/वर्ष=17102024
| तिथि सूचना =शाके 26 गते 02<br />[[शुक्ल पक्ष]], [[पूर्णिमा]], [[रेवती नक्षत्र|रेवती]]<br />हि. 13, जुमेरात, मुअख़्ख़<br />बंगला- 01
| घटनाएँ =[[तुला संक्रान्ति]], [[वाल्मीकि|वाल्मीकि जयंती]], [[मीराबाई|मीराबाई जयंती]], [[विश्व आघात दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[सर सैयद अहमद ख़ाँ]], [[शिवानी]], [[स्मिता पाटिल]], [[अनिल कुंबले]], [[सिस्टर यूप्रासिआ]], [[दूधनाथ सिंह]], [[भगवंत मान]], [[राजीव तारानाथ]]<br />
'''मृत्यु''' - [[स्वामी रामतीर्थ]], [[अरुण भादुड़ी]]}}
| शुक्र3 ={{DATE
| दिनांक =[[18 अक्टूबर|18]]
| दिनांक/माह/वर्ष=18102024
| तिथि सूचना =शाके 27 गते 03<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[प्रतिपदा]], [[अश्विनी नक्षत्र|अश्विनी]]<br />हि. 14, जुम्मा, शुर्तैन-नत्‌ह<br />बंगला- 02
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[इब्राहिम अल्काज़ी]], [[ओम पुरी]], [[नारायण दत्त तिवारी]]<br />
'''मृत्यु''' - [[विश्वनाथ सत्यनारायण]], [[रावुरी भारद्वाज]], [[रामकृष्ण खत्री]]}}
| शनि3 ={{DATE
| दिनांक =[[19 अक्टूबर|19]]
| दिनांक/माह/वर्ष=19102024
| तिथि सूचना =शाके 28 गते 04<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[द्वितीया]], [[भरणी नक्षत्र|भरणी]]<br />हि. 15, हफ़्ता, बुतैन<br />बंगला- 03
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[मातंगिनी हज़ारा]], [[निर्मला देशपांडे]], [[आर. सी. बोराल]], [[सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर]], [[मजाज़]], [[भोलाशंकर व्यास]], [[गोविन्दराम सेकसरिया]], [[पाण्डुरंग शास्त्री अठावले]], [[सारंगधर दास]], [[दिव्यांश सिंह पंवार]], [[नीतू घंघास]]<br />
'''मृत्यु''' - [[रामअवध द्विवेदी]], [[कुमारी नाज़]]}}
| रवि4 ={{DATE
| दिनांक =[[20 अक्टूबर|20]]
| दिनांक/माह/वर्ष=20102024
| तिथि सूचना =शाके 29 गते 05<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[तृतीया]]/ [[चतुर्थी]], [[कृत्तिका नक्षत्र|कृत्तिका]]<br />हि. 16, इतवार, सुरैया<br />बंगला- 04
| घटनाएँ =[[करवा चौथ]], [[विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[लीला सेठ]], [[वीरेन्द्र सहवाग]], [[गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी]], [[सुदर्शन भगत]], [[कुमार सानु]], [[सिद्धार्थ शंकर राय]]<br />
'''मृत्यु''' - [[एच. सी. दासप्पा]], [[निरंजन नाथ वांचू]], [[दादू चौगुले दत्तात्रेय]]}}
| सोम4 ={{DATE
| दिनांक =[[21 अक्टूबर|21]]
| दिनांक/माह/वर्ष=21102024
| तिथि सूचना =शाके 30 गते 06<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[पंचमी]], [[रोहिणी नक्षत्र|रोहिणी]]<br />हि. 17, पीर, दबरान<br />बंगला- 05
| घटनाएँ =[[आज़ाद हिन्द फ़ौज स्थापना दिवस]], [[विश्व आयोडीन अल्पता दिवस]], [[पुलिस स्मृति दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[शम्मी कपूर]], [[हेलन]], [[कृष्ण सिंह]], [[काशीनाथ नारायण दीक्षित]], [[नैन सिंह रावत]], [[सुरजीत सिंह बरनाला]], [[अशोक लवासा]]<br />
'''मृत्यु''' - [[यश चोपड़ा]], [[अजीत]]}}
| मंगल4 ={{DATE
| दिनांक =[[22 अक्टूबर|22]]
| दिनांक/माह/वर्ष=22102024
| तिथि सूचना =शाके 31 गते 07<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[षष्ठी]], [[आर्द्रा नक्षत्र|आर्द्रा]]<br />हि. 18, मंगल, आर्द्रा<br />बंगला- 06
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[स्वामी रामतीर्थ]], [[अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ]], [[कादर ख़ान]], [[त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल]], [[अदम गोंडवी]], [[डी. वाई. पाटिल]], [[ए. एस. किरण कुमार]]<br />
'''मृत्यु''' - [[दलीप सिंह]], [[ठाकुर प्यारेलाल सिंह]], [[जीवनानन्द दास]], [[विट्ठल भाई पटेल]]}}
| बुध4 ={{DATE
| दिनांक =[[23 अक्टूबर|23]]
| दिनांक/माह/वर्ष=23102024
| तिथि सूचना =शाके 01 गते 08<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[सप्तमी]], [[पुनर्वसु नक्षत्र|पुनर्वसु]]<br />हि. 19, बुध, ज़िराअ<br />बंगला- 07
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[रानी चेन्नम्मा]], [[खंडू भाई देसाई]], [[भैरोंसिंह शेखावत]], [[देवेन वर्मा]], [[सुनील मित्तल]], [[रंजन सोढ़ी]], [[शोभा करंदलाजे]], [[अरविन्द अडिग]]<br />
'''मृत्यु''' - [[नेली सेनगुप्त]], [[जोगिन्दर सिंह]], [[भोलाशंकर व्यास]], [[मीनू मुमताज़]], [[सुनील गंगोपाध्याय]]}}
| गुरु4 ={{DATE
| दिनांक =[[24 अक्टूबर|24]]
| दिनांक/माह/वर्ष=24102024
| तिथि सूचना =शाके 02 गते 09<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[अष्टमी]], [[पुष्य नक्षत्र|पुष्य]]<br />हि. 20, जुमेरात, नस्त्रा<br />बंगला- 08
| घटनाएँ =[[अहोई अष्टमी]], [[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुण्ड स्नान, गोवर्धन]], [[कालाष्टमी]], [[विश्व पोलियो दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[लक्ष्मी सहगल]], [[कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन]], [[आर. के. लक्ष्मण]], [[जीवन (अभिनेता)|अभिनेता जीवन]], [[अशोक मेहता]], [[प्रेमनाथ डोगरा]]<br />
'''मृत्यु''' - [[मन्ना डे]], [[इस्मत चुग़ताई]], [[रफ़ी अहमद क़िदवई]], [[गिरिजा देवी]], [[धरमपाल]], [[सीताराम केसरी]]}}
| शुक्र4 ={{DATE
| दिनांक =[[25 अक्टूबर|25]]
| दिनांक/माह/वर्ष=25102024
| तिथि सूचना =शाके 03 गते 10<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[नवमी]], [[पुष्य नक्षत्र|पुष्य]]<br />हि. 21, जुम्मा, नस्त्रा<br />बंगला- 09
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[घनश्यामभाई ओझा]], [[मुकुंदी लाल श्रीवास्तव]], [[मृदुला गर्ग]], [[शारदा (गायिका)|शारदा]], [[गुरजीत कौर]]<br />
'''मृत्यु''' - [[निर्मल वर्मा]], [[साहिर लुधियानवी]], [[दिलीपभाई रमणभाई पारिख]], [[जसपाल भट्टी]], [[पाण्डुरंग शास्त्री अठावले]]}}
| शनि4 ={{DATE
| दिनांक =[[26 अक्टूबर|26]]
| दिनांक/माह/वर्ष=26102024
| तिथि सूचना =शाके 04 गते 11<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[दशमी]], [[आश्लेषा नक्षत्र|आश्लेषा]]<br />हि. 22, हफ़्ता, तर्फ़ा<br />बंगला- 10
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[गणेशशंकर विद्यार्थी]], [[गोदावरीश मिश्र]], [[राम प्रकाश गुप्त]], [[प्रीति सिंह]], [[ठाकुर प्रसाद सिंह]], [[हृदयनाथ मंगेशकर‎‎]], [[वेमपति चिन्ना सत्यम]], [[मधुकर दिघे]], [[जेरेमी लालरिनुंगा]]<br /> 
'''मृत्यु''' - [[डी. वी. पलुस्कर]], [[डी. आर. बेंद्रे]], [[मन्मथनाथ गुप्त]], [[क्रांति त्रिवेदी]], [[बलराज भल्ला]]}}
| रवि5 ={{DATE
| दिनांक =[[27 अक्टूबर|27]]
| दिनांक/माह/वर्ष=27102024
| तिथि सूचना =शाके 05 गते 12<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[एकादशी]], [[मघा नक्षत्र|मघा]]<br />हि. 23, इतवार, ज़ब्‌हा<br />बंगला- 11
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[के. आर. नारायणन]], [[जतीन्द्रनाथ दास]], [[दिब्येन्दु बरुआ]], [[इरफ़ान पठान]], [[दत्ताजी राव गायकवाड़]], [[श्री श्रीवत्स गोस्वामी]]<br />
'''मृत्यु''' - [[प्रदीप कुमार]], [[डॉ. नगेन्द्र]], [[विजय मर्चेन्ट]], [[राजेन्द्र सिंह (ब्रिगेडियर)|ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह]], [[टी.एस.एस. राजन]], [[ब्रह्मबांधव उपाध्याय]], [[अकबर]], [[एस. एम. श्रीनागेश]]}}
| सोम5 ={{DATE
| दिनांक =[[28 अक्टूबर|28]]
| दिनांक/माह/वर्ष=28102024
| तिथि सूचना =शाके 06 गते 13<br />
| तिथि सूचना =शाके 06 गते 13<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[एकादशी]]/[[द्वादशी]], [[पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र|पूर्वाफाल्गुनी]]<br />हि. 24, पीर, ज़ुब्रा<br />बंगला- 12
| घटनाएँ =[[रमा एकादशी]]<br />
'''जन्म''' - [[अंजान (गीतकार)|गीतकार अंजान]], [[सिस्टर निवेदिता]], [[उर्जित पटेल]], [[अशोक चह्वाण]], [[अतुल प्रसाद सेन]]<br />
'''मृत्यु''' - [[श्रीलाल शुक्ल]], [[शशिकला काकोदकर]], [[माधवन कृष्णन नायर]], [[राजेंद्र यादव]], [[मैक्स मूलर]]}}
| मंगल5 ={{DATE
| दिनांक =[[29 अक्टूबर|29]]
| दिनांक/माह/वर्ष=29102024
| तिथि सूचना =शाके 07 गते 14<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[द्वादशी]], [[उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र|उत्तराफाल्गुनी]]<br />हि. 25, मंगल, सर्फ़ा<br />बंगला- 13
| घटनाएँ =[[धनतेरस]], [[धन्वन्तरि जयन्ती]], [[प्रदोष व्रत]], [[गोवत्स द्वादशी]], [[वसु बारस]]<br />
'''जन्म''' - [[विजेन्द्र कुमार सिंह]], [[देवुसिंह चौहान]]<br /> 
'''मृत्यु''' - [[कमलादेवी चट्टोपाध्याय]], [[वी. आर. खानोलकर]]}}
| बुध5 ={{DATE
| दिनांक =[[30 अक्टूबर|30]]
| दिनांक/माह/वर्ष=30102024
| तिथि सूचना =शाके 08 गते 15<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[त्रयोदशी]], [[हस्त नक्षत्र|हस्त]]<br />हि. 26, बुध, अव्वा<br />बंगला- 14
| घटनाएँ =
'''जन्म''' - [[होमी जहाँगीर भाभा]], [[सुकुमार राय]], [[भाई महावीर]], [[बरुन डे]], [[अभिजीत भट्टाचार्य]], [[प्रमोद महाजन]]<br />
'''मृत्यु''' - [[दयानंद सरस्वती]], [[वी शांताराम]], [[बेगम अख़्तर]], [[विनोद मेहरा]], [[रॉबिन शॉ]], [[ख़्वाजा खुर्शीद अनवर]], [[यूसुफ़ हुसैन]]}}
| गुरु5 ={{DATE
| दिनांक =[[31 अक्टूबर|31]]
| दिनांक/माह/वर्ष=31102024
| तिथि सूचना =शाके 09 गते 16<br />[[कृष्ण पक्ष]], [[चतुर्दशी]], [[चित्रा नक्षत्र|चित्रा]]<br />हि. 27, जुमेरात, सिमाक<br />बंगला- 15
| घटनाएँ =[[नरक चतुर्दशी]], [[राष्ट्रीय एकता दिवस]]<br />
'''जन्म''' - [[सरदार पटेल]], [[नरेन्द्र देव]], [[जी. माधवन नायर]], [[नरिंदर सिंह कपानी]], [[सर्बानन्द सोनोवाल]], [[देबदीप मुखोपाध्याय]]<br />
'''मृत्यु''' - [[सचिन देव बर्मन]], [[इंदिरा गाँधी]], [[अमृता प्रीतम]], [[पी. लीला]], [[ब्रज कुमार नेहरू]]}}
}}
{{Month-Festival
| प्रमुख घटनाएँ =
*01 [[अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस]], [[अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस]]
*02 [[गाँधी जयन्ती]], [[अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस]], [[वन्यजीव सप्ताह|वन्यजीव सप्ताह (02-08)]], [[विश्व आवास दिवस]]
*04 [[विश्व पशु कल्याण दिवस]]
*05 [[अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस]]
*08 [[भारतीय वायु सेना|वायु सेना दिवस]]
*09 [[विश्व डाक दिवस]]
*10 [[विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस]]
*12 [[विश्व दृष्टि दिवस]]
*16 [[विश्व खाद्य दिवस]]
*17 [[विश्व आघात दिवस]]
*20 [[विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस]]
*21 [[आज़ाद हिन्द फ़ौज स्थापना दिवस]], [[विश्व आयोडीन अल्पता दिवस]], [[पुलिस स्मृति दिवस]]
*24 [[विश्व पोलियो दिवस]]
*31 [[राष्ट्रीय एकता दिवस]]
| व्रत-उत्सव =
*2 [[सर्वपितृ अमावस्या]], [[शनि अमावस्या]], [[मातामह श्राद्ध]], [[पितृ विसर्जन]], [[पितृ पक्ष|पितृ पक्ष समाप्त]]
*3 [[नवरात्र|शारदीय नवरात्र प्रारम्भ]], [[महाराजा अग्रसेन|अग्रसेन जयंती]]
*9 [[स्कन्द षष्ठी]]
*11 [[दुर्गाष्टमी]], [[महानवमी]]
*12 [[महा नवमी]], [[दुर्गा नवमी]], [[नवरात्र|शारदीय नवरात्र समाप्त]]
*13 [[विजयादशमी|विजयादशमी (दशहरा)]], [[शमी पूजा]], [[पापांकुशा एकादशी]], [[भरत मिलाप]], [[मध्वाचार्य|मध्वाचार्य जयंती]]
*15 [[प्रदोष व्रत]]
*16 [[शरद पूर्णिमा]], [[पौर्णमासी व्रत]], [[कार्तिक स्नान|कार्तिक स्नान प्रारम्भ]]
*17 [[तुला संक्रान्ति]], [[वाल्मीकि|वाल्मीकि जयंती]]
*20 [[करवा चौथ]]
*24 [[अहोई अष्टमी]], [[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुण्ड स्नान,गोवर्धन]], [[कालाष्टमी]]
*28 [[रमा एकादशी]]
*29 [[धनतेरस]], [[धन्वन्तरि जयन्ती]], [[यम दीपम]], [[प्रदोष व्रत]], [[गोवत्स द्वादशी]], [[वसु बारस]]
*31 [[नरक चतुर्दशी]]
| जन्म दिवस =
*01 [[रामनाथ कोविंद]], [[सचिन देव बर्मन]]
*02 [[लाल बहादुर शास्त्री]], [[महात्मा गाँधी]]
*04 [[रामचन्द्र शुक्ल]]
*09 [[अमजद अली ख़ाँ]]
*07 [[दुर्गा भाभी]]
*11 [[जयप्रकाश नारायण]], [[अमिताभ बच्चन]]
*13 [[सी. के. नायडू]], [[अशोक कुमार]]
*14 [[लाला हरदयाल]]
*15 [[अब्दुल कलाम]]
*17 [[सर सैयद अहमद ख़ाँ]], [[स्मिता पाटिल]]
*18 [[इब्राहिम अल्काज़ी]], [[ओम पुरी]]
*20 [[वीरेन्द्र सहवाग]]
*22 [[अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ]]
*23 [[भैरोंसिंह शेखावत]]
*25 [[घनश्यामभाई ओझा]]
*27 [[के. आर. नारायणन]]
*30 [[होमी जहाँगीर भाभा]]
*31 [[सरदार पटेल]], [[जी. माधवन नायर]]
| मृत्यु दिवस =
*02 [[राजा रवि वर्मा]]
*07 [[गुरु गोबिन्द सिंह]]
*08 [[ प्रेमचंद]], [[जयप्रकाश नारायण]], [[रामविलास पासवान]]
*09 [[कांशी राम]], [[रवीन्द्र जैन]]
*10 [[जगजीत सिंह]]
*12 [[राम मनोहर लोहिया]]
*13 [[किशोर कुमार]]
*15 [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']], [[दुर्गा भाभी]]
*21 [[यश चोपड़ा]]
*24 [[मन्ना डे]]
*25 [[साहिर लुधियानवी]]
*29 [[कमलादेवी चट्टोपाध्याय]]
*30 [[वी शांताराम]]
*31 [[दयानंद सरस्वती]], [[इंदिरा गाँधी]]
}}
{{माह क्रम |पिछला=[[सितम्बर 2024]]|अगला=[[नवम्बर 2024]]}}
[[Category:अगस्त]][[Category:भारतकोश कॅलण्डर]][[Category:कैलंडर]][[Category:2024]]
__INDEX__

06:15, 8 अगस्त 2024 के समय का अवतरण


सितम्बर 2024 Asha4 नवम्बर 2024


राष्ट्रीय शाके- 1946
राष्ट्रीय आश्विन 9 से राष्ट्रीय कार्तिक 14 तक
विक्रम संवत- 2081
आश्विन वदी 14 से कार्तिक वदी 14 तक
अक्टूबर 2024 इस्लामी हिजरी- 1446
रबीउल अव्वल 27 से रबीउल आख़िर 27 तक
बंगला संवत- 1431
बंग आश्विन 16 से बंग कार्तिक 15 तक
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
रवि
सोम
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
रवि
सोम
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
रवि
सोम
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
रवि
सोम
मंगल
बुध
गुरु


इस महीने की विशेष तिथि एवं घटनाएँ

प्रमुख दिवस एवं घटनाएँ
व्रत-उत्सव
जन्म दिवस
मृत्यु दिवस


सितम्बर 2024 Asha4 नवम्बर 2024