सुतीर्था मुखर्जी
सुतीर्था मुखर्जी
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पूरा नाम | सुतीर्था मुखर्जी |
जन्म | 10 अक्टूबर, 1995 |
जन्म भूमि | नैहाटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | टेबल टेनिस |
प्रसिद्धि | भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | मनिका बत्रा, अचंत शरत कमल |
अन्य जानकारी | सुतीर्था मुखर्जी 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा रही हैं। हालांकि ये भारतीय टेबल टेनिस प्लेयर कांस्य मुकाबला हारने के बाद वुमेंस डबल्स मेडल से चूक गईं। |
अद्यतन | 15:55, 10 अगस्त 2021 (IST)
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सुतीर्था मुखर्जी (अंग्रेज़ी: Sutirtha Mukherjee, जन्म- 10 अक्टूबर, 1995, कोलकाता, पश्चिम बंगाल) भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलंपिक) में महिलाओं की संख्या अधिक रही। इस ओलम्पिक में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जो शानदार प्रदर्शन के बाद भी खेल से बाहर हो गए। इसी में शामिल हैं पश्चिम बंगाल की सुतीर्था मुखर्जी। वह टेबल टेनिस की शानदार खिलाड़ी हैं हालांकि वह ओलंपिक में वुमन सिंगल टेबल टेनिस में पुर्तगाल की फू यो से हार गईं। सुतीर्था उन 4 टेबल टेनिस प्लेयर्स में से एक थीं, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया था। जबरदस्त परफॉर्मेंस के बाद भी उन्हें ओलंपिक में हार झेलनी पड़ी। उन्होंने यह खेल वजन कम करने के लिए शुरू किया था जो बाद में उनका शौक बन गया।
परिचय
सुतीर्था मुखर्जी का जन्म 10 अक्टूबर, 1995 को पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर नैहाटी में हुआ था। वह जूनियर डिवीजन में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से अपना नाम बना रही थी। वहीं, साल 2015 में उन पर अपनी उम्र को लेकर धोखाधड़ी का भी आरोप लगा, जिसके बाद उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। इस प्रतिबंध से भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी को काफी धक्का लगा। वहीं सुतीर्था मुखर्जी प्रतियोगिताओं से दूर रहीं, लेकिन अपनी वापसी के लिए लगातार मेहनत करती रहीं। उन्होंने अपनी मां और कोच के समर्थन के बाद वापसी की। इस दौरान उन्हें पूर्व नेशनल कोच सौम्यदीप रॉय और राष्ट्रीय चैंपियन पौलोमी घटक से काफी समर्थन मिला। सुतीर्था मुखर्जी ने 2017 की सीनियर नेशनल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में खिताबी जीत के साथ एक शानदार वापसी की।[1]
कॅरियर
सुतीर्था मुखर्जी 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा रही हैं। हालांकि ये भारतीय टेबल टेनिस प्लेयर कांस्य मुकाबला हारने के बाद वुमेंस डबल्स मेडल से चूक गईं। वहीं सुतीर्था ने कई सफलताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस की रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई। जहां उन्होंने एक साल में 502 से बढ़कर 95वें स्थान पर आ गईं। साथ ही साल 2019 में सुतीर्था मुखर्जी ने अपना दूसरा राष्ट्रीय खिताब हासिल किया। यही नहीं, साल 2019 के सीजन में सुतीर्था ने भारत में एक फ्रेंचाइजी-आधारित टीटी लीग अल्टीमेट टेबल टेनिस में एक बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शानदार अनुभव हासिल किया।
दरअसल, सुतीर्था मुखर्जी ने जर्मनी की पेट्रिसा सोल्जा और चीनी ताइपे की चेंग आई-चिंग पर शानदार जीत हासिल की, जिसकी वजह से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया। वहीं कोरोना महामारी से ठीक पहले सुतीर्था के प्रदर्शन ने सबको चौंका दिया। जहां उन्होंने आईटीटीएफ़ वर्ल्ड टीम क्वालिफिकेशन में रोमानिया की दुनिया की 19वें नंबर की बर्नाडेट स्ज़ोक्स को मात दी। इसके साथ ही सुतीर्था मुखर्जी ने इस महामारी के दौरान सौम्यदीप रॉय के मार्गदर्शन में अपने खेल में खुद को व्यस्त रखा।
टोक्यो ओलम्पिक
सुतीर्था मुखर्जी ने 2021 में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में मनिका बत्रा को हराकर ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) के लिये अपना स्थान पक्का किया था। टोक्यो ओलम्पिक में टेबल टेनिस में भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। सुतीर्था मुखर्जी को टेबल टेनिस के महिला मुकाबले में पुर्तगाल की फू यू के हाथों हार का सामना करना पड़ा। फू यू ने सुतीर्था मुखर्जी को 4-0 से हराकर एकतरफा जीत दर्ज की। दोनों के बीच मैच 23 मिनट चला और इस दौरान फू यू पूरी तरह से सुतीर्था मुखर्जी पर हावी नजर आईं। पहले दो गेम हारने के बाद सुतीर्था के पास फू यू के सामने खुद को बनाए रखने की चुनौती थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकीं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 बायोग्राफी सुतीर्था मुखर्जी (हिंदी) olympics.com। अभिगमन तिथि: 10 अगस्त, 2021।