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[[भारत]] की सबसे विकसित शैक्षणिक प्रणालियों में से एक [[केरल]] में है। साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से काफ़ी अधिक है। 6 से 11 वर्ष के बीच प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य है। यहाँ प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय, पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कला, विज्ञान और व्यावसायिक महाविद्यालय हैं। केरल में केरल विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय और श्री चित्र थिरूनाल इंस्टिट्यूट फ़ॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोकलॉजी अवस्थित हैं। क्न्नुर, कोट्टयम, कोषिकोड, [[त्रिशूर]], आलप्पुषा और तिरूवनंतपुरम में मेडिकल कॉलेज हैं; ओल्लूर, कोट्टाकाल, त्रिपुनिथुरा और तिरूवनंतपुरम में आयुर्वेदिक कॉलेज और कोषिकोड में एक डेंटल कॉलेज स्थित है। कोषिकोड, आलप्पुषा, अडूर, [[कासरगोड]], कोच्चि, कोल्लम, कन्नूर, त्रिशूर, कोट्टयम, एर्णाकुलम, पलक्काड़ और तिरूवनंतपुरम में इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा है। कारख़ाना मज़दूरों के लिए विस्तृत स्वास्थ्य बीमा योजना और कई अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और औषधालयों में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा जैसे उदाहरण मिलते हैं। | |||
[[केरल]] में अखिल भारतीय 65.38 प्रतिशत की तुलना में 90.92 प्रतिशत (2001 की जनगणना), की उच्च साक्षरता दर है। केरल में ज़िलों के बीच [[कोट्टायम ज़िला|कोट्टायम ज़िले]] में 95.90 प्रतिशत की उच्चतम साक्षरता दर और पल्लकड़ में 84.31 प्रतिशत निम्नतम साक्षरता दर है। साक्षरता दरों में क्षेत्रीय और लैंगिक भेदभाव केरल में सबसे कम है। [[ज़िला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम]], [[सर्वशिक्षा अभियान]] के तहत सृजित मूल संरचना और स्थानीय सरकारों के योगदान से सुविधाओं के सुधार में योगदान मिला है। केरल में सात विश्वविद्यालय और दो मानद विश्वविद्यालय हैं। पिछले 5 वर्षों में केरल में तकनीकी शिक्षा संस्थानों की संख्या में अपार वृद्धि हुई है। | |||
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*केरल में 2005 में कुल 12650 स्कूल थे, जिनमें से 6827 लोअर प्राइमरी, 3042 अपर प्राइमरी और 2781 हाईस्कूल थे। इसके अलावा 483 सीबीएसई स्कूल, 78 आईसीएसई स्कूल, 27 केंद्रीय विद्यालय और 13 जवाहर नवोदय विद्यालय थे। | *केरल में 2005 में कुल 12650 स्कूल थे, जिनमें से 6827 लोअर प्राइमरी, 3042 अपर प्राइमरी और 2781 हाईस्कूल थे। इसके अलावा 483 सीबीएसई स्कूल, 78 आईसीएसई स्कूल, 27 केंद्रीय विद्यालय और 13 जवाहर नवोदय विद्यालय थे। | ||
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*2004-05 में सरकारी और सहायता प्राप्त दोनों तरह के स्कूलों में संरक्षित अध्यापकों की संख्या 3148 थी। इसमें 524 हाईस्कूल अध्यापक, 1904 पीडी अध्यापक और 720 विशेष अध्यापक थे। | *2004-05 में सरकारी और सहायता प्राप्त दोनों तरह के स्कूलों में संरक्षित अध्यापकों की संख्या 3148 थी। इसमें 524 हाईस्कूल अध्यापक, 1904 पीडी अध्यापक और 720 विशेष अध्यापक थे। | ||
*राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार माध्यमिक स्तर की शिक्षा को मान्यता देने के लिए राज्य में उच्चतर माध्यमिक पाठ्यक्रम शुरू किया गया। प्रथम चरण में, 1990-91 के दौरान 31 सरकारी स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर उच्चतर माध्यमिक स्कूल बना दिया गया। 2005-06 के अकादमिक वर्ष से उच्चतर माध्यमिक स्तर पर ग्रेडिंग प्रणाली शुरू कर दी गई है। | *राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार माध्यमिक स्तर की शिक्षा को मान्यता देने के लिए राज्य में उच्चतर माध्यमिक पाठ्यक्रम शुरू किया गया। प्रथम चरण में, 1990-91 के दौरान 31 सरकारी स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर उच्चतर माध्यमिक स्कूल बना दिया गया। 2005-06 के अकादमिक वर्ष से उच्चतर माध्यमिक स्तर पर ग्रेडिंग प्रणाली शुरू कर दी गई है। | ||
*अधिक कुशल और | *अधिक कुशल और रोज़गारोन्मुख जनशक्ति तैयार करके रोज़गार के अधिकाधिक अवसर जुटाने के उद्देश्य से राज्य में व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षा शुरू की गई। शुरुआत में यह पाठ्यक्रम 1983-84 में 19 सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया। 2004-05 में स्वीकृत छात्र संख्या 26874 थी और वास्तविक छात्रों की संख्या 25382 थी। | ||
*केरल में राज्य के गठन के समय की तुलना में 'उच्च शिक्षा प्रणाली' में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या के मामले में काफ़ी वृद्धि हुई है। इस प्रणाली में 7 विश्वविद्यालय और 2 मानद विद्यालय हैं। केरल के विश्वविद्यालय की आमदनी का मुख्य स्रोत राज्य सरकार से मिलने वाला योजनागत और गैर योजनागत अनुदान हैं। विश्वविद्यालय का योजनागत व्यय 2003-04 में 11014.6 लाख रूपए था जो 2004-05 में बढ़कर 12858.1 लाख रुपए हो गया। | *केरल में राज्य के गठन के समय की तुलना में 'उच्च शिक्षा प्रणाली' में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या के मामले में काफ़ी वृद्धि हुई है। इस प्रणाली में 7 विश्वविद्यालय और 2 मानद विद्यालय हैं। केरल के विश्वविद्यालय की आमदनी का मुख्य स्रोत राज्य सरकार से मिलने वाला योजनागत और गैर योजनागत अनुदान हैं। विश्वविद्यालय का योजनागत व्यय 2003-04 में 11014.6 लाख रूपए था जो 2004-05 में बढ़कर 12858.1 लाख रुपए हो गया। | ||
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08:57, 16 जून 2014 के समय का अवतरण
भारत की सबसे विकसित शैक्षणिक प्रणालियों में से एक केरल में है। साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से काफ़ी अधिक है। 6 से 11 वर्ष के बीच प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य है। यहाँ प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय, पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कला, विज्ञान और व्यावसायिक महाविद्यालय हैं। केरल में केरल विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय और श्री चित्र थिरूनाल इंस्टिट्यूट फ़ॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोकलॉजी अवस्थित हैं। क्न्नुर, कोट्टयम, कोषिकोड, त्रिशूर, आलप्पुषा और तिरूवनंतपुरम में मेडिकल कॉलेज हैं; ओल्लूर, कोट्टाकाल, त्रिपुनिथुरा और तिरूवनंतपुरम में आयुर्वेदिक कॉलेज और कोषिकोड में एक डेंटल कॉलेज स्थित है। कोषिकोड, आलप्पुषा, अडूर, कासरगोड, कोच्चि, कोल्लम, कन्नूर, त्रिशूर, कोट्टयम, एर्णाकुलम, पलक्काड़ और तिरूवनंतपुरम में इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा है। कारख़ाना मज़दूरों के लिए विस्तृत स्वास्थ्य बीमा योजना और कई अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और औषधालयों में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा जैसे उदाहरण मिलते हैं।
केरल में अखिल भारतीय 65.38 प्रतिशत की तुलना में 90.92 प्रतिशत (2001 की जनगणना), की उच्च साक्षरता दर है। केरल में ज़िलों के बीच कोट्टायम ज़िले में 95.90 प्रतिशत की उच्चतम साक्षरता दर और पल्लकड़ में 84.31 प्रतिशत निम्नतम साक्षरता दर है। साक्षरता दरों में क्षेत्रीय और लैंगिक भेदभाव केरल में सबसे कम है। ज़िला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, सर्वशिक्षा अभियान के तहत सृजित मूल संरचना और स्थानीय सरकारों के योगदान से सुविधाओं के सुधार में योगदान मिला है। केरल में सात विश्वविद्यालय और दो मानद विश्वविद्यालय हैं। पिछले 5 वर्षों में केरल में तकनीकी शिक्षा संस्थानों की संख्या में अपार वृद्धि हुई है।
प्रारम्भिक शिक्षा
- केरल में 2005 में कुल 12650 स्कूल थे, जिनमें से 6827 लोअर प्राइमरी, 3042 अपर प्राइमरी और 2781 हाईस्कूल थे। इसके अलावा 483 सीबीएसई स्कूल, 78 आईसीएसई स्कूल, 27 केंद्रीय विद्यालय और 13 जवाहर नवोदय विद्यालय थे।
- केरल में अनुदान प्राप्त स्कूल प्रणाली भी अभी तक विद्यमान है। कुल 12650 स्कूलों में से 7287 सहायता प्राप्त निजी स्कूल (57.60 प्रतिशत) हैं। कुल 3042 अपर प्राइमरी स्कूलों में से 31.36 प्रतिशत सरकारी, 61.47 प्रतिशत सहायता प्राप्त निजी स्कूल और 7.17 प्रतिशत गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल हैं। कुल 2781 हाईस्कूलों में से 35.78 प्रतिशत सरकारी, 51.17 प्रतिशत सहायता प्राप्त निजी तथा 13.05 प्रतिशत गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल हैं।
- स्वतंत्रता प्राप्ति से अब तक की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी शैक्षिक परियोजना सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य 2010 तक 6 से 14 साल तक के आयु-वर्ग के समस्त बच्चों को उपयोगी और प्रासंगिक मूलभूत शिक्षा प्रदान करना है।
- 2004-05 में सरकारी और सहायता प्राप्त दोनों तरह के स्कूलों में संरक्षित अध्यापकों की संख्या 3148 थी। इसमें 524 हाईस्कूल अध्यापक, 1904 पीडी अध्यापक और 720 विशेष अध्यापक थे।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार माध्यमिक स्तर की शिक्षा को मान्यता देने के लिए राज्य में उच्चतर माध्यमिक पाठ्यक्रम शुरू किया गया। प्रथम चरण में, 1990-91 के दौरान 31 सरकारी स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर उच्चतर माध्यमिक स्कूल बना दिया गया। 2005-06 के अकादमिक वर्ष से उच्चतर माध्यमिक स्तर पर ग्रेडिंग प्रणाली शुरू कर दी गई है।
- अधिक कुशल और रोज़गारोन्मुख जनशक्ति तैयार करके रोज़गार के अधिकाधिक अवसर जुटाने के उद्देश्य से राज्य में व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षा शुरू की गई। शुरुआत में यह पाठ्यक्रम 1983-84 में 19 सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया। 2004-05 में स्वीकृत छात्र संख्या 26874 थी और वास्तविक छात्रों की संख्या 25382 थी।
- केरल में राज्य के गठन के समय की तुलना में 'उच्च शिक्षा प्रणाली' में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या के मामले में काफ़ी वृद्धि हुई है। इस प्रणाली में 7 विश्वविद्यालय और 2 मानद विद्यालय हैं। केरल के विश्वविद्यालय की आमदनी का मुख्य स्रोत राज्य सरकार से मिलने वाला योजनागत और गैर योजनागत अनुदान हैं। विश्वविद्यालय का योजनागत व्यय 2003-04 में 11014.6 लाख रूपए था जो 2004-05 में बढ़कर 12858.1 लाख रुपए हो गया।
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