"अपनी महफ़िल -कन्हैयालाल नंदन": अवतरणों में अंतर
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<poem>अपनी महफ़िल से ऐसे न टालो मुझे | <poem> | ||
मैं तुम्हारा हूँ, तुम तो सँभालो | अपनी महफ़िल से ऐसे न टालो मुझे, | ||
मैं तुम्हारा हूँ, तुम तो सँभालो मुझे। | |||
ज़िंदगी! सब तुम्हारे भरम जी लिए | ज़िंदगी! सब तुम्हारे भरम जी लिए, | ||
हो सके तो भरम से निकालो | हो सके तो भरम से निकालो मुझे। | ||
मोतियों के सिवा कुछ नहीं पाओगे | मोतियों के सिवा कुछ नहीं पाओगे, | ||
जितना जी चाहे उतना खँगालो | जितना जी चाहे उतना खँगालो मुझे। | ||
मैं तो एहसास की एक कंदील हूँ | मैं तो एहसास की एक कंदील हूँ, | ||
जब भी चाहो बुझा लो, जला लो | जब भी चाहो बुझा लो, जला लो मुझे। | ||
जिस्म तो ख़्वाब है, कल को मिट जाएगा | जिस्म तो ख़्वाब है, कल को मिट जाएगा, | ||
रूह कहने लगी है, बचा लो | रूह कहने लगी है, बचा लो मुझे। | ||
फूल बन कर खिलूँगा, बिखर जाऊँगा | फूल बन कर खिलूँगा, बिखर जाऊँगा, | ||
ख़ुशबुओं की तरह से बसा लो | ख़ुशबुओं की तरह से बसा लो मुझे। | ||
दिल से गहरा न कोई समंदर मिला | दिल से गहरा न कोई समंदर मिला, | ||
देखना हो तो अपना बना लो | देखना हो तो अपना बना लो मुझे। | ||
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05:51, 14 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
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अपनी महफ़िल से ऐसे न टालो मुझे, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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