"आत्मबोध -कन्हैयालाल नंदन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 34: पंक्ति 34:


आसमान टूटा,
आसमान टूटा,
उस पर टंके हुये
उस पर टंके हुये,
ख्वाबों के सलमे-सितारे
ख्वाबों के सलमे-सितारे बिखरे।
बिखरे।
देखते-देखते दूब के दलों का रंग,
देखते-देखते दूब के दलों का रंग
पीला पड़ गया।
पीला पड़ गया।
फूलों का गुच्छा सूख कर खरखराया
फूलों का गुच्छा सूख कर खरखराया।


और, यह सब कुछ मैं ही था  
और, यह सब कुछ मैं ही था  
यह मैं
यह मैं,
बहुत देर बाद जान पाया।
बहुत देर बाद जान पाया।
</poem>
</poem>
पंक्ति 72: पंक्ति 71:
{{समकालीन कवि}}
{{समकालीन कवि}}
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]]
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]]
[[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__
__NOEDITSECTION__
__NOEDITSECTION__

12:38, 15 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

आत्मबोध -कन्हैयालाल नंदन
कन्हैयालाल नंदन
कन्हैयालाल नंदन
कवि कन्हैयालाल नंदन
जन्म 1 जुलाई, 1933
जन्म स्थान फतेहपुर ज़िले के परसदेपुर गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 25 सितंबर, 2010
मृत्यु स्थान दिल्ली
मुख्य रचनाएँ लुकुआ का शाहनामा, घाट-घाट का पानी, आग के रंग आदि।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

यह सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ!

आसमान टूटा,
उस पर टंके हुये,
ख्वाबों के सलमे-सितारे बिखरे।
देखते-देखते दूब के दलों का रंग,
पीला पड़ गया।
फूलों का गुच्छा सूख कर खरखराया।

और, यह सब कुछ मैं ही था
यह मैं,
बहुत देर बाद जान पाया।












संबंधित लेख