"सुषमा स्वराज": अवतरणों में अंतर
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'''सुषमा स्वराज''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sushma Swaraj'', जन्म- [[14 फ़रवरी]], [[1952]] - मृत्यु- [[6 अगस्त]], [[2019]]) [[भारत सरकार]] की केंद्रीय केबिनेट में शामिल विदेश मंत्री थीं। [[भारत]] की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक '[[भारतीय जनता पार्टी]]' (भाजपा) की शीर्ष महिला नेत्रियों में वे गिनी जाती थीं। सुषमा स्वराज [[:श्रेणी:ग्यारहवीं लोकसभा सांसद|ग्यारहवीं]], [[:श्रेणी:बारहवीं लोकसभा सांसद|बारहवीं]] और [[:श्रेणी:पंद्रहवीं लोकसभा सांसद|पंद्रहवीं]] [[लोक सभा]] की सदस्य भी रहीं। उन्हें सन [[2009]] में [[लोकसभा]] चुनावों के लिये भाजपा की 19 सदस्यीय "चुनाव प्रचार समिति" का अध्यक्ष बनाया गया था। सुषमा स्वराज केन्द्रीय मंत्री और देश की राजधानी [[दिल्ली]] की प्रथम महिला [[मुख्यमंत्री]] रहींं। [[26 मई]], [[2014]] से [[24 मई]], [[2019]] तक भारत की विदेश मंत्री रहीं। | |||
'''सुषमा स्वराज''' (जन्म- 14 फ़रवरी, 1952) [[भारत]] की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक '[[भारतीय जनता पार्टी]]' (भाजपा) की शीर्ष महिला नेत्रियों में गिनी जाती | |||
==जन्म तथा शिक्षा== | ==जन्म तथा शिक्षा== | ||
14 फ़रवरी, 1952 को [[हरियाणा]] की [[अंबाला]] छावनी में सुषमा का जन्म हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम श्री हरदेव शर्मा था। सुषमा ने अपनी शिक्षा के अंतर्गत कला स्नातक और विधि स्नातक की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। वे [[सुप्रीम कोर्ट]] में वकालत भी करती हैं। [[13 जुलाई]], [[1975]] को उनका [[विवाह]] [[स्वराज कौशल]] के साथ सम्पन्न हुआ, जो छ: [[साल]] तक [[राज्य सभा]] में सांसद रहे और साथ ही [[मिजोरम]] में [[राज्यपाल]] भी रहे। स्वराज कौशल अभी तक के सबसे कम आयु में [[राज्यपाल]] का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं। सुषमा और उनके पति की उपलब्धियों का यह स्वर्णिम रिकॉर्ड 'लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो चुका है। सुषमा स्वराज एक बेटी की माँ भी है, जो वकालत कर रही है। | 14 फ़रवरी, 1952 को [[हरियाणा]] की [[अंबाला]] छावनी में सुषमा का जन्म हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम श्री हरदेव शर्मा था। सुषमा ने अपनी शिक्षा के अंतर्गत कला स्नातक और विधि स्नातक की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। वे [[सुप्रीम कोर्ट]] में वकालत भी करती हैं। [[13 जुलाई]], [[1975]] को उनका [[विवाह]] [[स्वराज कौशल]] के साथ सम्पन्न हुआ, जो छ: [[साल]] तक [[राज्य सभा]] में सांसद रहे और साथ ही [[मिजोरम]] में [[राज्यपाल]] भी रहे। स्वराज कौशल अभी तक के सबसे कम आयु में [[राज्यपाल]] का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं। सुषमा और उनके पति की उपलब्धियों का यह स्वर्णिम रिकॉर्ड 'लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो चुका है। सुषमा स्वराज एक बेटी की माँ भी है, जो वकालत कर रही है। | ||
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पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान सुषमा 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' का हिस्सा बन गई थीं। [[अरुण जेटली]] जब [[1974]] में [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे थे, तब वह [[दिल्ली]] चुनाव प्रचार से सम्बन्धित कार्य हेतु आई थीं। 80 के दशक में वह [[भाजपा]] से जुड़ीं। | पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान सुषमा 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' का हिस्सा बन गई थीं। [[अरुण जेटली]] जब [[1974]] में [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे थे, तब वह [[दिल्ली]] चुनाव प्रचार से सम्बन्धित कार्य हेतु आई थीं। 80 के दशक में वह [[भाजपा]] से जुड़ीं। | ||
==पार्टी को स्थायित्व== | ==पार्टी को स्थायित्व== | ||
वर्ष [[1999]] में जब सुषमा को बेल्लारी सीट से [[सोनिया गांधी]] के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, तब उस समय वहाँ उन्होंने पार्टी को स्थायित्व प्रदान कर दिया था, जिसका अस्तित्व वहाँ पहले नहीं था। चुनाव में सोनिया गांधी को 51.7 फीसदी वोट मिले थे, जबकि सुषमा स्वराज को 44.7 फीसदी मिला वोट हासिल हुए। [[कर्नाटक]] में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में विधान सौध में भाजपा विधायक दल में सबसे अधिक हिस्सेदारी बेल्लारी क्षेत्र की ही थी। लेकिन समान रूप से उन्होंने पार्टी में अपने सहयोगी जसवंत सिंह की बड़ी आलोचना की और यह भी कहा कि लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। गोधरा दंगों के मामले में जब [[अटल बिहारी वाजपेयी]] ने [[नरेंद्र मोदी]] को राजधर्म निभाने की सलाह दी, तब सुषमा इससे सहमत नजर आईं, किंतु जब चंद्रबाबू नायडू ने इस मुद्दे पर राजग से समर्थन वापस लेने के लिए कहा, उस समय सुषमा ने पार्टी के दूसरे नेताओं की तरह कहा कि 'दबाव में मोदी को नहीं बदला जा सकता।' | वर्ष [[1999]] में जब सुषमा को बेल्लारी सीट से [[सोनिया गांधी]] के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, तब उस समय वहाँ उन्होंने पार्टी को स्थायित्व प्रदान कर दिया था, जिसका अस्तित्व वहाँ पहले नहीं था। चुनाव में सोनिया गांधी को 51.7 फीसदी वोट मिले थे, जबकि सुषमा स्वराज को 44.7 फीसदी मिला वोट हासिल हुए। [[कर्नाटक]] में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में विधान सौध में भाजपा विधायक दल में सबसे अधिक हिस्सेदारी बेल्लारी क्षेत्र की ही थी। लेकिन समान रूप से उन्होंने पार्टी में अपने सहयोगी जसवंत सिंह की बड़ी आलोचना की और यह भी कहा कि [[लोक लेखा समिति, भारत|लोक लेखा समिति]] के अध्यक्ष पद से उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। गोधरा दंगों के मामले में जब [[अटल बिहारी वाजपेयी]] ने [[नरेंद्र मोदी]] को राजधर्म निभाने की सलाह दी, तब सुषमा इससे सहमत नजर आईं, किंतु जब [[चंद्रबाबू नायडू]] ने इस मुद्दे पर राजग से समर्थन वापस लेने के लिए कहा, उस समय सुषमा ने पार्टी के दूसरे नेताओं की तरह कहा कि 'दबाव में मोदी को नहीं बदला जा सकता।' | ||
====गम्भीर विचारक==== | ====गम्भीर विचारक==== | ||
सुषमा स्वराज एक अच्छी शिक्षिका के रूप में भी जानी-पहचानी जाती हैं। | सुषमा स्वराज एक अच्छी शिक्षिका के रूप में भी जानी-पहचानी जाती हैं। वे पार्टी के उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने [[वसुंधरा राजे सिंधिया]] को [[राजस्थान]] में विपक्ष का नेता बनाए रखने की बात कही थी। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया था कि "किसी नेता को नष्ट करने में एक मिनट का समय लगता है, जबकि बनाने में कई साल लग जाते हैं।" उन्होंने कई बार यादगार भाषण भी दिए, लेकिन उनका सबसे अच्छा भाषण वह है, जो [[उड़िया भाषा|उड़िया]] में दिया गया था। [[बीजू जनता दल]] ने जब भाजपा से नाता तोड़ लिया था, तब चार दिन बाद सुषमा वहाँ पहुंची थीं और तब उड़िया में उन्होंने यह यादगार भाषण दिया था। नौ साल के मुख्यमंत्रित्व काल में [[नवीन पटनायक]] एक बार भी उड़िया में सार्वजनिक भाषण नहीं दे पाए थे। उनकी मौजूदगी की वजह से [[संसद]] प्राय: सजीव सी प्रतीत होती है। | ||
==राज्य सभा में भाजपा नेता== | ==राज्य सभा में भाजपा नेता== | ||
[[अप्रैल]], [[2006]] में सुषमा स्वराज पुन: राज्य सभा के लिए चुनी गईं, लेकिन इस बार उन्हें [[मध्य प्रदेश]] से चुनकर भेजा गया। राज्य सभा में वे भाजपा की उपनेता भी रहीं और एक समय पर तो उन्हें पार्टी का प्रमुख बनाए जाने की संभावनाएँ | [[अप्रैल]], [[2006]] में सुषमा स्वराज पुन: राज्य सभा के लिए चुनी गईं, लेकिन इस बार उन्हें [[मध्य प्रदेश]] से चुनकर भेजा गया। राज्य सभा में वे भाजपा की उपनेता भी रहीं और एक समय पर तो उन्हें पार्टी का प्रमुख बनाए जाने की संभावनाएँ ज़ाहिर की जाने लगीं। वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य होने के साथ कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। वे चार वर्षों तक [[हरियाणा]] के 'हिंदी साहित्य सम्मेलन' की अध्यक्ष भी रहीं। इस बार पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश के [[विदिशा]] संसदीय चुनाव क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। [[:श्रेणी:पंद्रहवीं लोकसभा सांसद|पंद्रहवीं लोकसभा]] के लिए चुनाव लड़ने के साथ-साथ ही सुषमा कई राज्यों के लिए [[भारतीय जनता पार्टी]] की प्रमुख रणनीतिकार भी नियुक्त की गई थीं। | ||
==उत्कृष्ट सांसद का सम्मान== | ==उत्कृष्ट सांसद का सम्मान== | ||
[[संसद]] के केन्द्रीय कक्ष में सम्पन्न एक गरिमामय कार्यक्रम में [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा पाटिल|श्रीमती प्रतिभा पाटिल]] ने भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद सुषमा स्वराज को वर्ष [[2004]] के लिए 'उत्कृष्ट सांसद सम्मान' से अलंकृत किया था। [[प्रतिभा पाटिल]] ने सुषमा स्वराज की प्रशंसा करते हुए उन्हें राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों की प्रखर वक्ता बताया था। इस मौके पर सुषमा ने इस पुरस्कार के लिए पहली बार किसी महिला को चुनने के लिए चयन समिति को धन्यवाद दिया और कहा कि "यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें यह पुरस्कार देश की पहली महिला राष्ट्रपति के हाथों मिला है।" उन्होंने कहा "मेरा | [[संसद]] के केन्द्रीय कक्ष में सम्पन्न एक गरिमामय कार्यक्रम में [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा पाटिल|श्रीमती प्रतिभा पाटिल]] ने भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद सुषमा स्वराज को वर्ष [[2004]] के लिए 'उत्कृष्ट सांसद सम्मान' से अलंकृत किया था। [[प्रतिभा पाटिल]] ने सुषमा स्वराज की प्रशंसा करते हुए उन्हें राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों की प्रखर वक्ता बताया था। इस मौके पर सुषमा ने इस पुरस्कार के लिए पहली बार किसी महिला को चुनने के लिए चयन समिति को धन्यवाद दिया और कहा कि "यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें यह पुरस्कार देश की पहली महिला राष्ट्रपति के हाथों मिला है।" उन्होंने कहा "मेरा क़द तो छोटा था। सहयोगियों ने यह पुरस्कार देकर मेरे क़द को और भी बड़ा कर दिया है।" इसके साथ ही सुषमा ने ईश्वर से इस पुरस्कार की मर्यादा को बनाए रखने की शक्ति प्रदान करने की कामना की और वचन दिया कि वह हर संभव प्रयास कर इस पुरस्कार का मान सम्मान बनाए रखने का प्रयास करेंगी। | ||
====प्रशस्ति पत्र==== | ====प्रशस्ति पत्र==== | ||
सुषमा स्वराज को प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुआ है। इनको अर्पित प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि- "श्रीमती सुषमा स्वराज का तीन दशकों से अधिक का उत्कृष्ट सार्वजनिक जीवन रहा है। उन्हें [[हरियाणा]] सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री तथा [[दिल्ली]] की प्रथम महिला [[मुख्यमंत्री]] होने का गौरव प्राप्त है। एक प्रतिभाशाली वक्ता होने के साथ-साथ उन्होंने देश में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में विशिष्ट योगदान दिया है।" | सुषमा स्वराज को प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुआ है। इनको अर्पित प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि- "श्रीमती सुषमा स्वराज का तीन दशकों से अधिक का उत्कृष्ट सार्वजनिक जीवन रहा है। उन्हें [[हरियाणा]] सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री तथा [[दिल्ली]] की प्रथम महिला [[मुख्यमंत्री]] होने का गौरव प्राप्त है। एक प्रतिभाशाली वक्ता होने के साथ-साथ उन्होंने देश में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में विशिष्ट योगदान दिया है।" | ||
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*[[विदिशा]], [[मध्य प्रदेश]] | *[[विदिशा]], [[मध्य प्रदेश]] | ||
*दक्षिण दिल्ली, [[दिल्ली]] | *दक्षिण दिल्ली, [[दिल्ली]] | ||
== | ==राजनैतिक सफ़र== | ||
;सदस्यता | ;सदस्यता | ||
*[[हरियाणा]]-विधान सभा, 1977-1982 और 1987-1990 | *[[हरियाणा]]-विधान सभा, 1977-1982 और 1987-1990 | ||
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*वर्तमान में सदस्य [[राज्य सभा]], [[अप्रैल]] 2000 | *वर्तमान में सदस्य [[राज्य सभा]], [[अप्रैल]] 2000 | ||
;केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री | ;केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री | ||
*विदेश मंत्री- 26 मई 2014 से अब तक | |||
*श्रम और | *श्रम और रोज़गार 1977-1979 | ||
*शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति 1987-1990 | *शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति 1987-1990 | ||
*सूचना और प्रसारण [[16 मई]] 1996-[[1 जून]] 1996 | *सूचना और प्रसारण [[16 मई]] 1996-[[1 जून]] 1996 | ||
*सूचना और प्रसारण और दूरसंचार (अतिरिक्त प्रभार) [[19 मार्च]]-[[12 अक्टूबर]] 1998 | *सूचना और प्रसारण और दूरसंचार (अतिरिक्त प्रभार) [[19 मार्च]]-[[12 अक्टूबर]] 1998 | ||
*सूचना और प्रसारण [[30 सितंबर]] 2000 से | *सूचना और प्रसारण [[30 सितंबर]] 2000 से [[29 जनवरी]] 2003 | ||
*[[29 जनवरी]] 2003 से [[22 मई]] 2004 स्वास्थ मंत्री एवं संसदीय मंत्री | |||
*अप्रेल 2006, पाँचवी बार राज्य सभा के लिए पुन: चुनी गईं। | |||
*16 मई 2009, पंद्रहवीं लोकसभा के लिए छटवीं बार चुनी गईं। | |||
*3 जून 2009 को लोक सभा के उपनेता विपक्ष चुनी गईं। | |||
*[[21 दिसम्बर]] 2009 को नेता विपक्ष चुनी गईं। | |||
*26 मई 2014 से 24 मई 2019 तक विदेश मंत्री के पद पर आसीन रहीं। | |||
==निधन== | |||
'''पूर्व विदेश मंत्री''' सुषमा स्वराज का 6 अगस्त की रात को निधन हो गया। वह 67 [[वर्ष]] की थीं। एम्स के सूत्रों ने बताया कि स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया। [[भाजपा]] की वरिष्ठ नेता का [[2016]] में '''गुर्दा प्रतिरोपित''' किया गया था और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने [[लोकसभा]] चुनाव नहीं लड़ा था। [[दिल्ली]] में अपने घर पर '''कार्डिएक अरेस्ट''' के बाद सुषमा स्वराज को एम्स अस्पताल ले जाया गया। लेकिन सुषमा को बचाया नहीं जा सका। | |||
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*[http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=26165 सुषमा स्वराज] | *[http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=26165 सुषमा स्वराज] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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08:03, 15 मार्च 2020 के समय का अवतरण
सुषमा स्वराज
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पूरा नाम | सुषमा स्वराज |
जन्म | 14 फ़रवरी, 1952 |
जन्म भूमि | अंबाला छावनी, हरियाणा |
मृत्यु | 6 अगस्त 2019 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
मृत्यु कारण | हृदय गति रूक जाने से |
अभिभावक | श्री हरदेव शर्मा |
पति/पत्नी | स्वराज कौशल |
संतान | एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | भाजपा की शीर्ष महिला नेत्री |
पार्टी | 'भारतीय जनता पार्टी' |
पद | पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री |
कार्य काल | मुख्यमंत्री- 13 अक्तूबर 1998 से 3 दिसम्बर 1998 तक; विपक्ष की नेता- 21 दिसंबर 2009 से 26 मई 2014 तक; विदेश मंत्री- 26 मई, 2014 से 24 मई 2019 तक |
शिक्षा | कला स्नातक और विधि स्नातक |
विद्यालय | केरल विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | 'उत्कृष्ट सांसद सम्मान' (2004) |
अन्य जानकारी | सुषमा स्वराज केन्द्रीय विदेश मंत्री और देश की राजधानी दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री रहीं। |
अद्यतन | 15:17, 07 अगस्त 2019 (IST)
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सुषमा स्वराज (अंग्रेज़ी: Sushma Swaraj, जन्म- 14 फ़रवरी, 1952 - मृत्यु- 6 अगस्त, 2019) भारत सरकार की केंद्रीय केबिनेट में शामिल विदेश मंत्री थीं। भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक 'भारतीय जनता पार्टी' (भाजपा) की शीर्ष महिला नेत्रियों में वे गिनी जाती थीं। सुषमा स्वराज ग्यारहवीं, बारहवीं और पंद्रहवीं लोक सभा की सदस्य भी रहीं। उन्हें सन 2009 में लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा की 19 सदस्यीय "चुनाव प्रचार समिति" का अध्यक्ष बनाया गया था। सुषमा स्वराज केन्द्रीय मंत्री और देश की राजधानी दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री रहींं। 26 मई, 2014 से 24 मई, 2019 तक भारत की विदेश मंत्री रहीं।
जन्म तथा शिक्षा
14 फ़रवरी, 1952 को हरियाणा की अंबाला छावनी में सुषमा का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम श्री हरदेव शर्मा था। सुषमा ने अपनी शिक्षा के अंतर्गत कला स्नातक और विधि स्नातक की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। वे सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी करती हैं। 13 जुलाई, 1975 को उनका विवाह स्वराज कौशल के साथ सम्पन्न हुआ, जो छ: साल तक राज्य सभा में सांसद रहे और साथ ही मिजोरम में राज्यपाल भी रहे। स्वराज कौशल अभी तक के सबसे कम आयु में राज्यपाल का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं। सुषमा और उनके पति की उपलब्धियों का यह स्वर्णिम रिकॉर्ड 'लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो चुका है। सुषमा स्वराज एक बेटी की माँ भी है, जो वकालत कर रही है।
राजनीति में प्रवेश
सत्तर के दशक में छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाली सुषमा, हरियाणा विधानसभा की विधायक रहीं और जनता पार्टी की विधायक के तौर पर उन्हें चौधरी देवीलाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। वे लगातार तीन वर्षों तक हरियाणा विधानसभा की सर्वश्रेष्ठ वक्ता भी रहीं। वर्ष 1990 में वे राज्य सभा और 1996 में 11वीं लोक सभा के लिए दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं। 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की तेरह दिनों तक चली सरकार में उन्हें 'सूचना और प्रसारण मंत्री' बनाया गया था। 12वीं लोक सभा में भी वे चुनकर आईं और फिर 'सूचना प्रसारण मंत्री' बनीं। बाद में वे कुछ समय के लिए दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं। भाजपा के विधानसभा चुनाव हारने के बाद वे फिर से केन्द्रीय राजनीति में लौटीं। वर्ष 1999 के लोक सभा चुनावों में उन्होंने कर्नाटक के बेल्लारी संसदीय चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा था। हालाँकि वे चुनाव हार गईं, लेकिन उन्होंने सोनिया गाँधी को कड़ी टक्कर दी। वर्ष 2000 में वे उत्तराखंड से राज्य सभा के लिए चुनी गईं और राज्य सभा में रहते हुए सूचना प्रसारण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा संसदीय कार्यमंत्री के पद पर रहीं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव
पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान सुषमा 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' का हिस्सा बन गई थीं। अरुण जेटली जब 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे थे, तब वह दिल्ली चुनाव प्रचार से सम्बन्धित कार्य हेतु आई थीं। 80 के दशक में वह भाजपा से जुड़ीं।
पार्टी को स्थायित्व
वर्ष 1999 में जब सुषमा को बेल्लारी सीट से सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, तब उस समय वहाँ उन्होंने पार्टी को स्थायित्व प्रदान कर दिया था, जिसका अस्तित्व वहाँ पहले नहीं था। चुनाव में सोनिया गांधी को 51.7 फीसदी वोट मिले थे, जबकि सुषमा स्वराज को 44.7 फीसदी मिला वोट हासिल हुए। कर्नाटक में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में विधान सौध में भाजपा विधायक दल में सबसे अधिक हिस्सेदारी बेल्लारी क्षेत्र की ही थी। लेकिन समान रूप से उन्होंने पार्टी में अपने सहयोगी जसवंत सिंह की बड़ी आलोचना की और यह भी कहा कि लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। गोधरा दंगों के मामले में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को राजधर्म निभाने की सलाह दी, तब सुषमा इससे सहमत नजर आईं, किंतु जब चंद्रबाबू नायडू ने इस मुद्दे पर राजग से समर्थन वापस लेने के लिए कहा, उस समय सुषमा ने पार्टी के दूसरे नेताओं की तरह कहा कि 'दबाव में मोदी को नहीं बदला जा सकता।'
गम्भीर विचारक
सुषमा स्वराज एक अच्छी शिक्षिका के रूप में भी जानी-पहचानी जाती हैं। वे पार्टी के उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने वसुंधरा राजे सिंधिया को राजस्थान में विपक्ष का नेता बनाए रखने की बात कही थी। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया था कि "किसी नेता को नष्ट करने में एक मिनट का समय लगता है, जबकि बनाने में कई साल लग जाते हैं।" उन्होंने कई बार यादगार भाषण भी दिए, लेकिन उनका सबसे अच्छा भाषण वह है, जो उड़िया में दिया गया था। बीजू जनता दल ने जब भाजपा से नाता तोड़ लिया था, तब चार दिन बाद सुषमा वहाँ पहुंची थीं और तब उड़िया में उन्होंने यह यादगार भाषण दिया था। नौ साल के मुख्यमंत्रित्व काल में नवीन पटनायक एक बार भी उड़िया में सार्वजनिक भाषण नहीं दे पाए थे। उनकी मौजूदगी की वजह से संसद प्राय: सजीव सी प्रतीत होती है।
राज्य सभा में भाजपा नेता
अप्रैल, 2006 में सुषमा स्वराज पुन: राज्य सभा के लिए चुनी गईं, लेकिन इस बार उन्हें मध्य प्रदेश से चुनकर भेजा गया। राज्य सभा में वे भाजपा की उपनेता भी रहीं और एक समय पर तो उन्हें पार्टी का प्रमुख बनाए जाने की संभावनाएँ ज़ाहिर की जाने लगीं। वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य होने के साथ कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। वे चार वर्षों तक हरियाणा के 'हिंदी साहित्य सम्मेलन' की अध्यक्ष भी रहीं। इस बार पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय चुनाव क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। पंद्रहवीं लोकसभा के लिए चुनाव लड़ने के साथ-साथ ही सुषमा कई राज्यों के लिए भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख रणनीतिकार भी नियुक्त की गई थीं।
उत्कृष्ट सांसद का सम्मान
संसद के केन्द्रीय कक्ष में सम्पन्न एक गरिमामय कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद सुषमा स्वराज को वर्ष 2004 के लिए 'उत्कृष्ट सांसद सम्मान' से अलंकृत किया था। प्रतिभा पाटिल ने सुषमा स्वराज की प्रशंसा करते हुए उन्हें राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों की प्रखर वक्ता बताया था। इस मौके पर सुषमा ने इस पुरस्कार के लिए पहली बार किसी महिला को चुनने के लिए चयन समिति को धन्यवाद दिया और कहा कि "यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें यह पुरस्कार देश की पहली महिला राष्ट्रपति के हाथों मिला है।" उन्होंने कहा "मेरा क़द तो छोटा था। सहयोगियों ने यह पुरस्कार देकर मेरे क़द को और भी बड़ा कर दिया है।" इसके साथ ही सुषमा ने ईश्वर से इस पुरस्कार की मर्यादा को बनाए रखने की शक्ति प्रदान करने की कामना की और वचन दिया कि वह हर संभव प्रयास कर इस पुरस्कार का मान सम्मान बनाए रखने का प्रयास करेंगी।
प्रशस्ति पत्र
सुषमा स्वराज को प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुआ है। इनको अर्पित प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि- "श्रीमती सुषमा स्वराज का तीन दशकों से अधिक का उत्कृष्ट सार्वजनिक जीवन रहा है। उन्हें हरियाणा सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री तथा दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। एक प्रतिभाशाली वक्ता होने के साथ-साथ उन्होंने देश में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में विशिष्ट योगदान दिया है।"
चुनाव क्षेत्र
- विदिशा, मध्य प्रदेश
- दक्षिण दिल्ली, दिल्ली
राजनैतिक सफ़र
- सदस्यता
- हरियाणा-विधान सभा, 1977-1982 और 1987-1990
- मुख्यमंत्री (दिल्ली), 13 अक्टूबर-3 दिसंबर 1998
- वर्तमान में सदस्य राज्य सभा, अप्रैल 2000
- केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री
- विदेश मंत्री- 26 मई 2014 से अब तक
- श्रम और रोज़गार 1977-1979
- शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति 1987-1990
- सूचना और प्रसारण 16 मई 1996-1 जून 1996
- सूचना और प्रसारण और दूरसंचार (अतिरिक्त प्रभार) 19 मार्च-12 अक्टूबर 1998
- सूचना और प्रसारण 30 सितंबर 2000 से 29 जनवरी 2003
- 29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004 स्वास्थ मंत्री एवं संसदीय मंत्री
- अप्रेल 2006, पाँचवी बार राज्य सभा के लिए पुन: चुनी गईं।
- 16 मई 2009, पंद्रहवीं लोकसभा के लिए छटवीं बार चुनी गईं।
- 3 जून 2009 को लोक सभा के उपनेता विपक्ष चुनी गईं।
- 21 दिसम्बर 2009 को नेता विपक्ष चुनी गईं।
- 26 मई 2014 से 24 मई 2019 तक विदेश मंत्री के पद पर आसीन रहीं।
निधन
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 6 अगस्त की रात को निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। एम्स के सूत्रों ने बताया कि स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया। भाजपा की वरिष्ठ नेता का 2016 में गुर्दा प्रतिरोपित किया गया था और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। दिल्ली में अपने घर पर कार्डिएक अरेस्ट के बाद सुषमा स्वराज को एम्स अस्पताल ले जाया गया। लेकिन सुषमा को बचाया नहीं जा सका।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |