"जागो प्यारे -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Ayodhya-Singh-Upad...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
{{सूचना बक्सा कविता
{{सूचना बक्सा कविता
|चित्र=Ayodhya-Singh-Upadhyay.jpg
|चित्र=Ayodhya-Singh-Upadhyay.jpg
|चित्र का नाम=महादेवी वर्मा
|चित्र का नाम=अयोध्यासिंह उपाध्याय
|कवि=[[अयोध्यासिंह उपाध्याय|अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध']]
|कवि=[[अयोध्यासिंह उपाध्याय|अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध']]
|जन्म=[[15 अप्रैल]], [[1865]]
|जन्म=[[15 अप्रैल]], [[1865]]

07:36, 4 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

जागो प्यारे -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
अयोध्यासिंह उपाध्याय
अयोध्यासिंह उपाध्याय
कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
जन्म 15 अप्रैल, 1865
जन्म स्थान निज़ामाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 16 मार्च, 1947
मृत्यु स्थान निज़ामाबाद, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ 'प्रियप्रवास', 'वैदेही वनवास', 'पारिजात', 'हरिऔध सतसई'
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की रचनाएँ

उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लाई हूँ, मुँह धो लो।

बीती रात कमल-दल फूले,
उनके ऊपर भौंरे झूले।

चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर,
बहने लगी हवा अति सुदर।

नभ में न्यारी लाली छाई,
धरती ने प्यारी छवि पाई।

भोर हुआ सूरज उग आया,
जल में पड़ी सुनहरी छाया।

ऐसा सुंदर समय न खोओ,
मेरे प्यारे अब मत सोओ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख