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'''वहीदा रहमान''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Waheeda Rehman'') (जन्म- [[14 मई]], [[1936]]) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म [[अभिनेत्री]] हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, [[प्यासा (फ़िल्म)|प्यासा]], चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं।
'''वहीदा रहमान''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Waheeda Rehman'', जन्म: [[3 फ़रवरी]], [[1938]]) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म [[अभिनेत्री]] हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, [[प्यासा (फ़िल्म)|प्यासा]], चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। वहीदा रहमान का चयन वर्ष [[2013]] की [[भारतीय फ़िल्म हस्ती का शताब्दी पुरस्कार|भारतीय फ़िल्म हस्ती के शताब्दी पुरस्कार]] के लिए किया गया। वहीदा रहमान को यह पुरस्कार [[गोवा]] में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में [[20 नवम्बर]] [[2013]] को प्रदान किया गया।<ref name="JJ">{{cite web |url= http://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%85%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%A6%E0%A4%BE-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-2013-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-1384693340-2|title=हिन्दी फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान को वर्ष 2013 की भारतीय फिल्म हस्ती का शताब्दी पुरस्कार  |accessmonthday=17 नवंबर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जोश |language=हिंदी }}</ref>
==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
वहीदा रहमान का जन्म [[14 मई]] 1936 में [[हैदराबाद]] के एक परंपरागत [[मुस्लिम]] [[परिवार]] में हुआ था। बचपन से ही डाक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]] में प्रवीण वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् [[1955]] में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।  
वहीदा रहमान का जन्म [[3 फ़रवरी]], [[1938]] में [[हैदराबाद]] के एक परंपरागत [[मुस्लिम]] [[परिवार]] में हुआ था। बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]] में प्रवीण वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् [[1955]] में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।  
==फ़िल्मी सफ़र==
==फ़िल्मी सफ़र==
फ़िल्म सी.आई.डी. (1956) में खलनायिका का रोल दे कर [[गुरु दत्त]] वहीदा को बंबई (वर्तमान [[मुंबई]]) ले आये। सी.आई.डी. की सफलता के बाद फ़िल्म प्यासा (1957) में वहीदा रहमान को हीरोइन का रोल मिला। फ़िल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ। गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म काग़ज़ के फूल (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी। दोनों ही कलाकारों ने फ़िल्म चौदहवीं का चाँद (1960) और साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) में साथ-साथ काम किया।<ref>{{cite web |url=http://agoodplace4all.com/?p=3492 |title=वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री |accessmonthday=[[3 मई]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=हिन्दी वेबसाइट |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
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====गुरु दत्त के बाद====
====गुरु दत्त के बाद====
[[10 अक्टूबर]], [[1964]] को गुरुदत्त ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद वहीदा अकेली हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने कॅरियर से मुंह नहीं मोड़ा और 1965 में गाइड के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड का पुरस्कार मिला। 1968 में आई नीलकमल के बाद एक बार फिर से वहीदा रहमान का कॅरियर आसमान की ऊंचाइयां छूने लगा। साल [[1974]] में उनके साथ काम करने वाले अभिनेता कमलजीत ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा जिसे वहीदा रहमान ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और शादी के बंधन में बंध गईं। वर्ष 2000 उनके जिंदगी में एक और धक्के के रुप में आया जब उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई पर वहीदा ने यहां भी अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए दुबारा फ़िल्मों में काम करने का निर्णय लिया और वाटर, रंग दे बसंती और दिल्ली 6 जैसी फ़िल्मों में अपनी बेजोड़ अदाकारी का परिचय दिया।<ref>{{cite web |url= http://days.jagranjunction.com/2012/05/14/waheeda-rehman-profile-in-hindi/|title=सादगी और बेजोड़ अभिनय की पहचान – वहीदा रहमान |accessmonthday=14 मई |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जंक्शन |language=हिंदी }}</ref>
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==विवाह==  
==विवाह==  
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सन [[1963]] में [[गुरु दत्त]] और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गयी और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् [[1964]] में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने [[27 अप्रैल]] [[1974]] को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन ([[1964]]) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।
सन [[1963]] में [[गुरु दत्त]] और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गयी और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् [[1964]] में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने [[27 अप्रैल]] [[1974]] को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन ([[1964]]) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।
==पुरस्कार==  
==पुरस्कार==  
अभिनय के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1972 में [[पद्म श्री]] और साल [[2011]] में [[पद्म भूषण]] पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ वहीदा रहमान को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड भी मिल चुका है।
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;नागरिक सम्मान
अभिनय के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1972 में [[पद्म श्री]] और साल [[2011]] में [[पद्म भूषण]] पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ वहीदा रहमान को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड भी मिल चुका है। [[भारत]] के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान [[पद्म भूषण]] के लिए नामित किए जाने पर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री वहीदा रहमान ने सिनेमा उद्योग में और काम करने की उम्मीद ज़ाहिर की है।
भारत के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान [[पद्म भूषण]] के लिए नामित किए जाने पर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री वहीदा रहमान ने सिनेमा उद्योग में और काम करने की उम्मीद ज़ाहिर की है।
;नागरिक सम्मान
*1972 - [[पद्मश्री]]  
*1972 - [[पद्मश्री]]  
*2011 - [[पद्म भूषण]]
*2011 - [[पद्म भूषण]]
{{वहीदा रहमान फ़िल्म सूची}}
;सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री  
;सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री  
*1966 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - गाइड
*1966 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - गाइड
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*2006 - एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार   
*2006 - एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार   
==वर्तमान में==
==वर्तमान में==
आज भी वहीदा रहमान फ़िल्मों में सक्रिय हैं और [[भारतीय सिनेमा]] के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दीं। पति की मृत्यु के पश्चात वहीदा [[बैंगलोर]] छोड़कर [[मुंबई]] में अपने दो बच्चों के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। उनका अभिनय सफर जारी है।
आज भी वहीदा रहमान फ़िल्मों में सक्रिय हैं और [[भारतीय सिनेमा]] के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दीं। पति की मृत्यु के पश्चात् वहीदा [[बैंगलोर]] छोड़कर [[मुंबई]] में अपने दो बच्चों के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। उनका अभिनय सफर जारी है।


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07:07, 3 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण

वहीदा रहमान
वहीदा रहमान
वहीदा रहमान
पूरा नाम वहीदा रहमान
जन्म 3 फ़रवरी, 1938
जन्म भूमि हैदराबाद
अभिभावक जयराम, संध्या
पति/पत्नी कमलजीत सिंह
कर्म भूमि मुंबई
कर्म-क्षेत्र अभिनेत्री
मुख्य फ़िल्में गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम, राम और श्याम
पुरस्कार-उपाधि पद्मश्री, पद्म भूषण, चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड, एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार, भारतीय फ़िल्म हस्ती का शताब्दी पुरस्कार[1]
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी आज भी वहीदा रहमान फ़िल्मों में सक्रिय हैं और भारतीय सिनेमा के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं।
अद्यतन‎

वहीदा रहमान (अंग्रेज़ी: Waheeda Rehman, जन्म: 3 फ़रवरी, 1938) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। वहीदा रहमान का चयन वर्ष 2013 की भारतीय फ़िल्म हस्ती के शताब्दी पुरस्कार के लिए किया गया। वहीदा रहमान को यह पुरस्कार गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में 20 नवम्बर 2013 को प्रदान किया गया।[1]

जीवन परिचय

वहीदा रहमान का जन्म 3 फ़रवरी, 1938 में हैदराबाद के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। भरतनाट्यम में प्रवीण वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् 1955 में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।

फ़िल्मी सफ़र

फ़िल्म सी.आई.डी. (1956) में खलनायिका का रोल दे कर गुरु दत्त वहीदा को बंबई (वर्तमान मुंबई) ले आये। सी.आई.डी. की सफलता के बाद फ़िल्म प्यासा (1957) में वहीदा रहमान को हिरोइन का रोल मिला। फ़िल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ। गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म काग़ज़ के फूल (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी। दोनों ही कलाकारों ने फ़िल्म चौदहवीं का चाँद (1960) और साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) में साथ-साथ काम किया।[2]

वहीदा रहमान
Waheeda Rehman

गुरु दत्त के बाद

10 अक्टूबर, 1964 को गुरुदत्त ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद वहीदा अकेली हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने कैरियर से मुंह नहीं मोड़ा और 1965 में गाइड के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड का पुरस्कार मिला। 1968 में आई 'नीलकमल' के बाद एक बार फिर से वहीदा रहमान का कैरियर आसमान की ऊंचाइयां छूने लगा। साल 1974 में उनके साथ काम करने वाले अभिनेता कमलजीत ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा जिसे वहीदा रहमान ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और शादी के बंधन में बंध गईं। वर्ष 2000 उनके ज़िंदगी में एक और धक्के के रुप में आया जब उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई पर वहीदा ने यहां भी अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए दुबारा फ़िल्मों में काम करने का निर्णय लिया और 'वाटर', 'रंग दे बसंती' और 'दिल्ली 6' जैसी फ़िल्मों में अपनी बेजोड़ अदाकारी का परिचय दिया।[3]

विवाह

नन्दा, वहीदा रहमान, हेलन और साधना (बाएँ से दाएँ)

सन 1963 में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गयी और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् 1964 में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने 27 अप्रैल 1974 को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन (1964) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।

पुरस्कार

वहीदा रहमान की प्रमुख फ़िल्में [4]
वर्ष फ़िल्म का नाम
1956 सी.आई.डी.
1957 प्यासा
1958 12 ओ 'क्लॉक'
1958 सोलवाँ साल
1959 काग़ज़ के फूल
1960 चौदहवीं का चाँद
1960 एक फूल चार कांटे
1960 गर्ल फ्रेंड
1960 काला बाज़ार
1961 रूप की रानी चोरों का राजा
1962 बात एक रात की
1962 बीस साल बाद
1962 राखी
1962 साहिब बीबी और ग़ुलाम
1963 एक दिल सौ अफसाने
1963 मुझे जीने दो
1964 कोहरा
1964 मजबूर
1964 शगुन
1965 गाइड
1966 दिल दिया दर्द लिया
1966 तीसरी कसम
1966 घर का चिराग
1967 पालकी
1967 पत्थर के सनम
1967 राम और श्याम
1968 आदमी
1968 बाज़ी
1968 नीलकमल
1969 खामोशी
1969 मेरी भाभी
1969 शतरंज
1970 दर्पण
1970 धरती
1970 मन की आंखें
1970 प्रेम पुजारी
1971 मन मंदिर
1971 रेशमा और शेरा
1972 दिल का राजा
1972 सुबहो शाम
1972 त्रिसंध्या
1972 जिंदगी जिंदगी
1973 इंसाफ
1973 फागुन
1976 कभी कभी
1976 अदालत
1978 त्रिशूल
1979 आज की धारा
1980 ज्वालामुखी
1980 ज्योति बने ज्वाला
1982 धरम कांता
1982 नमक हलाल
1982 नमकीन
1982 सवाल
1982 कुली
1983 घुंघरू
1983 हिम्मतवाला
1983 महान
1983 प्यासी आंखें
1984 मशाल
1984 मकसद
1984 सनी
1986 अल्ला रक्खा
1986 सिंहासन
1989 चांदनी
1989 लम्हे
1991 स्वयं
1994 उल्फ़त की नई मंजिलें
1999 ईस्ट इज़ ईस्ट
2002 ओम जय जगदीश
2005 15 पॉर्क एव्हेन्यू
2005 मैने गाँधी को नहीं मारा
2005 वाटर
2006 रंग दे बसन्ती
2009 दिल्ली 6

अभिनय के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1972 में पद्म श्री और साल 2011 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ वहीदा रहमान को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड भी मिल चुका है। भारत के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण के लिए नामित किए जाने पर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री वहीदा रहमान ने सिनेमा उद्योग में और काम करने की उम्मीद ज़ाहिर की है।

नागरिक सम्मान
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
  • 1966 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - गाइड
  • 1967 - बंगाल फ़िल्मी पत्रकार संघ पुरस्कार - तीसरी कसम
  • 1968 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - नीलकमल
  • 1971 - राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - रेशमा और शेरा
अन्य
  • 1994 - फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड
  • 2006 - एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार

वर्तमान में

आज भी वहीदा रहमान फ़िल्मों में सक्रिय हैं और भारतीय सिनेमा के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दीं। पति की मृत्यु के पश्चात् वहीदा बैंगलोर छोड़कर मुंबई में अपने दो बच्चों के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। उनका अभिनय सफर जारी है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 हिन्दी फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान को वर्ष 2013 की भारतीय फिल्म हस्ती का शताब्दी पुरस्कार (हिंदी) जागरण जोश। अभिगमन तिथि: 17 नवंबर, 2013।
  2. वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री (हिन्दी) (पी.एच.पी) हिन्दी वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 3 मई, 2011।
  3. सादगी और बेजोड़ अभिनय की पहचान – वहीदा रहमान (हिंदी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 14 मई, 2013।
  4. वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री (हिन्दी) (पी.एच.पी) हिन्दी वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 3 मई, 2011

बाहरी कड़ियाँ

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