"जे. पी. दत्ता": अवतरणों में अंतर
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'''ज्योति प्रकाश दत्ता''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''J. P. Dutta''; जन्म- [[3 अक्टूबर]], [[1949]], [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]) [[हिन्दी]] फ़िल्मों के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक के रूप में प्रसिद्ध हैं। [[भारतीय सिनेमा]] में जब भी जे. पी. दत्ता का नाम लिया जाता है तो [[आँख|आँखों]] के सामने 'बॉर्डर', 'एल ओ सी कारगिल' और 'उमराव जान' ([[2006]]) जैसी भव्य फ़िल्में आ जाती हैं। हिन्दी सिनेमा में जे. पी. दत्ता ने बहुत कम फ़िल्में बनाई हैं, लेकिन उनकी फ़िल्में हमेशा सब से हटकर होती हैं। देशभक्ति और जंग पर आधारित फ़िल्में बनाने के कारण ही जे. पी. दत्ता को सबसे अलग एक बेहतरीन सफल निर्माता-निर्देशक माना जाता है। | |||
'''ज्योति प्रकाश दत्ता''' ([[अंग्रेज़ी]]: J. P. Dutta; जन्म- [[3 अक्टूबर]], [[1949]], [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]) [[हिन्दी]] फ़िल्मों के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक के रूप में प्रसिद्ध हैं। [[भारतीय सिनेमा]] में जब भी जे. पी. दत्ता का नाम लिया जाता है तो आँखों के सामने 'बॉर्डर', ' | |||
==जन्म== | ==जन्म== | ||
जे. पी. दत्ता का जन्म 3 अक्टूबर, 1949 को [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम ओ. पी. दत्ता था। ओ. पी. दत्ता भी अपने समय के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और संवाद लेखक रहे थे। जे. पी. दत्ता को अपने पिता से ही फ़िल्में बनाने का सपना मिला था। उनकी अधिकांश फ़िल्मों के संवाद उनके पिता ही लिखते थे। [[फ़रवरी]], [[2012]] में ओ. पी. दत्ता का निधन हो गया था। | जे. पी. दत्ता का जन्म 3 अक्टूबर, 1949 को [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम ओ. पी. दत्ता था। ओ. पी. दत्ता भी अपने समय के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और संवाद लेखक रहे थे। जे. पी. दत्ता को अपने पिता से ही फ़िल्में बनाने का सपना मिला था। उनकी अधिकांश फ़िल्मों के संवाद उनके पिता ही लिखते थे। [[फ़रवरी]], [[2012]] में ओ. पी. दत्ता का निधन हो गया था। | ||
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जे. पी. दत्ता ने अपने समय की [[हिन्दी]] फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से [[विवाह]] किया था। उनकी दो बेटियाँ भी हैं। जे. पी. दत्ता फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने गुस्से के लिए बहुत मशहूर हैं, फिर चाहे वह | जे. पी. दत्ता ने अपने समय की [[हिन्दी]] फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से [[विवाह]] किया था। उनकी दो बेटियाँ भी हैं। जे. पी. दत्ता फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने गुस्से के लिए बहुत मशहूर हैं, फिर चाहे वह फ़िल्म के दौरान फ़िल्म कलाकारों पर हो या फिर किसी पार्टी में।<ref>{{cite web |url=http://days.jagranjunction.com/2011/10/03/jpdutt-profile-in-hindi-director-producer-of-cinema/|title=जे. पी. दत्ता, भव्य फ़िल्मों के निर्माता|accessmonthday=17 सितम्बर|accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
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कहते हैं कि एक अच्छे फ़िल्मकार को अपने फ़िल्म निर्देशन की तारीफ के लिए अवार्ड की ज़रूरत नहीं होती है। उन्हीं फ़िल्मकारों में से एक नाम जे. पी. दता का है, जिन्हें अपने बेहतर फ़िल्म निर्देशन के लिए किसी अवार्ड की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि उनका अवार्ड उनके वे दर्शक हैं, जो जे. पी. दता की निर्देशित फ़िल्मों को हजारों बार देखना चाहते हैं। जे. पी. दता उन फ़िल्म निर्माता-निर्देशकों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी निर्देशित फ़िल्मों में शायद ही किसी [[रंग]] की कमी छोड़ी है। | |||
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जे. पी. दत्ता
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पूरा नाम | ज्योति प्रकाश दत्ता |
प्रसिद्ध नाम | जे. पी. दत्ता |
जन्म | 3 अक्टूबर, 1949 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | ओ. पी. दत्ता |
पति/पत्नी | बिंदिया गोस्वामी |
संतान | दो पुत्रियाँ |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | 'बॉर्डर', 'क्षत्रिय', 'ग़ुलामी', 'एल ओ सी कारगिल', 'उमराव जान' (2006), 'यतीम', 'बंटवारा' आदि। |
प्रसिद्धि | फ़िल्म निर्माता-निर्देशक |
नागरिकता | भारतीय |
फ़िल्मी शुरुआत | जे. पी. दत्ता ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत 1985 में फ़िल्म 'ग़ुलामी' से की थी। |
अन्य जानकारी | देशभक्ति और जंग पर आधारित फ़िल्में बनाने के कारण ही जे. पी. दत्ता को सबसे अलग एक बेहतरीन सफल निर्माता-निर्देशक माना जाता है। |
अद्यतन | 01:19, 17 सितम्बर 2013 (IST) |
ज्योति प्रकाश दत्ता (अंग्रेज़ी: J. P. Dutta; जन्म- 3 अक्टूबर, 1949, मुम्बई, महाराष्ट्र) हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक के रूप में प्रसिद्ध हैं। भारतीय सिनेमा में जब भी जे. पी. दत्ता का नाम लिया जाता है तो आँखों के सामने 'बॉर्डर', 'एल ओ सी कारगिल' और 'उमराव जान' (2006) जैसी भव्य फ़िल्में आ जाती हैं। हिन्दी सिनेमा में जे. पी. दत्ता ने बहुत कम फ़िल्में बनाई हैं, लेकिन उनकी फ़िल्में हमेशा सब से हटकर होती हैं। देशभक्ति और जंग पर आधारित फ़िल्में बनाने के कारण ही जे. पी. दत्ता को सबसे अलग एक बेहतरीन सफल निर्माता-निर्देशक माना जाता है।
जन्म
जे. पी. दत्ता का जन्म 3 अक्टूबर, 1949 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था। इनके पिता का नाम ओ. पी. दत्ता था। ओ. पी. दत्ता भी अपने समय के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और संवाद लेखक रहे थे। जे. पी. दत्ता को अपने पिता से ही फ़िल्में बनाने का सपना मिला था। उनकी अधिकांश फ़िल्मों के संवाद उनके पिता ही लिखते थे। फ़रवरी, 2012 में ओ. पी. दत्ता का निधन हो गया था।
विवाह
जे. पी. दत्ता ने अपने समय की हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से विवाह किया था। उनकी दो बेटियाँ भी हैं। जे. पी. दत्ता फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने गुस्से के लिए बहुत मशहूर हैं, फिर चाहे वह फ़िल्म के दौरान फ़िल्म कलाकारों पर हो या फिर किसी पार्टी में।[1]
फ़िल्मी कैरियर
जे. पी. दत्ता ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत 1985 में फ़िल्म 'ग़ुलामी' से की थी। इसके बाद 'यतीम', 'बंटवारा', 'हथियार' और 'क्षत्रिय' जैसी फ़िल्में निर्देशित कीं। साल 1997 में उन्होंने ब्लॉक बस्टर फ़िल्म बनाई 'बॉर्डर'। यह फ़िल्म सुपर-डुपर हिट रही। इसके बाद जे. पी. दत्ता ने युद्ध पर ही आधारित फ़िल्म 'रिफ्यूजी' का निर्माण किया, जिसमें अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने एक साथ काम किया था। यह फ़िल्म भले ही फ्लॉप साबित हुई, किंतु समीक्षकों ने इसे काफ़ी सराहा। अपने कैरियर में 'रिफ्यूजी' के बाद वर्ष 2003 में जे. पी. दत्त ने कारगिल पर आधारित फ़िल्म 'एल ओ सी करगिल' बनाई। एक बार फिर अपने बेजोड़ निर्देशन की वजह से उन्होंने लोगों का दिल जीता। वर्ष 2006 में उन्होंने पीरियोडिक फ़िल्म 'उमराव जान' बनाई, जिसमें अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की जोड़ी एक साथ दिखाई दी। यह फ़िल्म भी उनकी कुछ हिट फ़िल्मों में से एक है।
'बॉर्डर' का सिक्वल
हाल के वर्षों में जे. पी. दत्ता 1997 की ब्लॉक बस्टर फ़िल्म 'बॉर्डर' का सिक्वल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस फ़िल्म में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को जीवंत करने के लिए उन्होंने ज़रूरी सैन्य तथा अन्य प्रकार की मदद के लिए 'रक्षा मंत्रालय' से बातचीत की है। मंत्रालय के जवाब का इंतजार कर रहे जे. पी. दत्ता के फ़िल्म की मुख्य कहानी 'परमवीर चक्र' विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल पर आधारित होगी, जो पंजाब के साकरगढ़ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना के हमले में लड़ते हुए शहीद हो गए थे। साथ ही यह फ़िल्म युद्ध के दौरान 'भारतीय सेना' की भूमिका पर भी केन्द्रित होगी।[2] उल्लेखनीय है कि 1997 में प्रदर्शित जे. पी. दत्ता की फ़िल्म 'बॉर्डर' में सन्नी देओल, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, रॉखी, पूजा भट्ट जैसे कई सितारों ने मुख्य भूमिका निभाई थीं। इस फ़िल्म का यह गीत 'संदेशे आते हैं' श्रोताओं के बीच आज भी देशभक्ति के जज़्बे को बुलंद कर देता है।
प्रमुख फ़िल्में
- 2006 - उमराव जान
- 2003 - एल ओ सी कारगिल
- 2000 - रिफ्युज़ी
- 1997 - बॉर्डर
- 1993 - क्षत्रिय
- 1989 - बंटवारा
- 1989 - हथियार
- 1988 - यतीम
- 1985 - ग़ुलामी
कहते हैं कि एक अच्छे फ़िल्मकार को अपने फ़िल्म निर्देशन की तारीफ के लिए अवार्ड की ज़रूरत नहीं होती है। उन्हीं फ़िल्मकारों में से एक नाम जे. पी. दता का है, जिन्हें अपने बेहतर फ़िल्म निर्देशन के लिए किसी अवार्ड की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि उनका अवार्ड उनके वे दर्शक हैं, जो जे. पी. दता की निर्देशित फ़िल्मों को हजारों बार देखना चाहते हैं। जे. पी. दता उन फ़िल्म निर्माता-निर्देशकों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी निर्देशित फ़िल्मों में शायद ही किसी रंग की कमी छोड़ी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जे. पी. दत्ता, भव्य फ़िल्मों के निर्माता (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 17 सितम्बर, 2013।
- ↑ जे. पी. दत्ता बनायेंगे बॉर्डर का सीक्वल (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 17 सितम्बर, 2013।