"प्यार की कहानी चाहिए -गोपालदास नीरज": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "जिंदगी" to "ज़िंदगी") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " गरीब" to " ग़रीब") |
||
पंक्ति 71: | पंक्ति 71: | ||
वो खुदा तेरे बहुत क़रीब है | वो खुदा तेरे बहुत क़रीब है | ||
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में | प्यार का जो रस नहीं है आँखों में | ||
कैसा हो अमीर तू | कैसा हो अमीर तू ग़रीब है | ||
खाता और बही तो रे बहाना है | खाता और बही तो रे बहाना है | ||
चैक और सही तो रे बहाना है | चैक और सही तो रे बहाना है |
09:17, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||
|
आदमी को आदमी बनाने के लिए |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख