"वाक्यांश आ": अवतरणों में अंतर
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[[समास]], तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। [[भाषा]] में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे- | |||
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"राम [[कविता]] लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द '[[कवि]]' का प्रयोग कर सकते हैं। | |||
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| पैर से लेकर सिर तक || आपादमस्तक | | पैर से लेकर सिर तक || आपादमस्तक | ||
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| ऐसा व्रत, जो मरने पर ही समाप्त हो || आमरणव्रत | | ऐसा [[व्रत]], जो मरने पर ही समाप्त हो || आमरणव्रत | ||
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| किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान, जिसमें कोई | | किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान, जिसमें कोई चीज़ आ सके || आयतन | ||
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| दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना || आत्मोत्सर्ग | | दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना || आत्मोत्सर्ग | ||
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| वह स्त्री जिसका पति आने वाला है || आगमिस्यतपतिका | | वह स्त्री जिसका पति आने वाला है || आगमिस्यतपतिका | ||
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| किसी बात पर बार-बार | | किसी बात पर बार-बार ज़ोर देना || आग्रह | ||
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| वह जो अपने आचार से पवित्र है || आचारपूत | | वह जो अपने आचार से पवित्र है || आचारपूत | ||
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| सामाजिक एवं प्रशासनिक अनुशासन की अपने क्रूरता से उत्पन्न स्थिति || आतंक | | सामाजिक एवं प्रशासनिक अनुशासन की अपने क्रूरता से उत्पन्न स्थिति || आतंक | ||
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| देश में विदेश से माल आने की क्रिया || आयात | | देश में विदेश से माल आने की क्रिया || [[आयात]] | ||
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| जो जन्म लेते ही गिर या मर गया है || आदण्डपात | | जो जन्म लेते ही गिर या मर गया है || आदण्डपात | ||
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| आदि से अंत तक || आद्योपांत | | आदि से अंत तक || आद्योपांत | ||
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| गुण-दोषों का विवेचन करने | | गुण-दोषों का विवेचन करने वाला || आलोचक | ||
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| जिसे आश्वासन दिया गया हो || आश्वस्त | | जिसे आश्वासन दिया गया हो || आश्वस्त | ||
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| वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके || आशुकवि | | वह [[कवि]] जो तत्क्षण [[कविता]] कर सके || आशुकवि | ||
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| धन से संबंध रखने वाला || आर्थिक | | धन से संबंध रखने वाला || आर्थिक | ||
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| किसी अवधि से संबंध रखने वाला || आवधिक | | किसी अवधि से संबंध रखने वाला || आवधिक | ||
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| आशुलिपि | | आशुलिपि<ref>शार्ट हैण्ड</ref> जानने वाला लिपिक || आशुलिपिक | ||
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| किसी देश के वे निवासी | | किसी देश के वे निवासी जो पहले से वहाँ रहते रहे हैं || आदिवासी | ||
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| ईश्वर में विश्वास रखने वाला || आस्तिक | | [[ईश्वर]] में विश्वास रखने वाला || आस्तिक | ||
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| जिसकी बाँहें जानु | | जिसकी बाँहें जानु<ref>घुटने</ref> तक पहुँचती हों || आजानुबाहु | ||
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| आशा से अतीत | | आशा से अतीत <ref>परे</ref> || आशातीत | ||
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| सेतुबंध | | [[रामेश्वरम ब्रिज|सेतुबंध रामेश्वरम]] से [[हिमालय]] तक || आसेतु हिमालय | ||
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| बालक से वृद्ध तक || आबालवृद्ध | | बालक से वृद्ध तक || आबालवृद्ध |
11:58, 8 मार्च 2017 के समय का अवतरण
हिन्दी भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके।
समास, तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे-
- उदाहरण - 1.
"राम कविता लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कवि' का प्रयोग कर सकते हैं।
- उदाहरण - 2.
"जिस स्त्री का पति मर चुका हो।" - इस वाक्य में शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द का प्रयोग करना अधिक उपयुक्त है।
इसी प्रकार अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं-
वाक्यांश या शब्द-समूह | शब्द |
---|---|
अपने प्राण आप लेने वाला | आत्मघाती |
पैर से लेकर सिर तक | आपादमस्तक |
ऐसा व्रत, जो मरने पर ही समाप्त हो | आमरणव्रत |
किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान, जिसमें कोई चीज़ आ सके | आयतन |
दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना | आत्मोत्सर्ग |
अर्थ या धन से सम्बन्ध रखने वाला | आर्थिक |
वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो | आगतपतिका |
वह स्त्री जिसका पति आने वाला है | आगमिस्यतपतिका |
किसी बात पर बार-बार ज़ोर देना | आग्रह |
वह जो अपने आचार से पवित्र है | आचारपूत |
सामाजिक एवं प्रशासनिक अनुशासन की अपने क्रूरता से उत्पन्न स्थिति | आतंक |
देश में विदेश से माल आने की क्रिया | आयात |
जो जन्म लेते ही गिर या मर गया है | आदण्डपात |
सर्वप्रथम मत को प्रवर्तित करने वाला | आदिप्रवर्तक |
आदि से अंत तक | आद्योपांत |
गुण-दोषों का विवेचन करने वाला | आलोचक |
जिसे आश्वासन दिया गया हो | आश्वस्त |
वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके | आशुकवि |
आयोजन करने वाला व्यक्ति | आयोजक |
धन से संबंध रखने वाला | आर्थिक |
जो आलोचना के योग्य हो | आलोच्य |
किसी अवधि से संबंध रखने वाला | आवधिक |
आशुलिपि[1] जानने वाला लिपिक | आशुलिपिक |
किसी देश के वे निवासी जो पहले से वहाँ रहते रहे हैं | आदिवासी |
ईश्वर में विश्वास रखने वाला | आस्तिक |
जिसकी बाँहें जानु[2] तक पहुँचती हों | आजानुबाहु |
आशा से अतीत [3] | आशातीत |
सेतुबंध रामेश्वरम से हिमालय तक | आसेतु हिमालय |
बालक से वृद्ध तक | आबालवृद्ध |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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