"पंजाब दिवस": अवतरणों में अंतर
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'''पंजाब'''उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है, जिसकी स्थापना [[1 नवम्बर]], [[1956]] में की गई थी। पंजाब वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग [[पाकिस्तान]] में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग ([[भारत]] के) [[हरियाणा]] और [[हिमाचल प्रदेश]] राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में [[जम्मू और कश्मीर]], उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश [[चंडीगढ़]] और दक्षिण-पश्चिम में [[राजस्थान]] राज्य हैं। पंजाब के प्रमुख नगरों में [[अमृतसर]], [[लुधियाना]], [[जालंधर]], [[पटियाला]] और बठिंडा हैं। | '''पंजाब'''उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है, जिसकी स्थापना [[1 नवम्बर]], [[1956]] में की गई थी। पंजाब वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग [[पाकिस्तान]] में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग ([[भारत]] के) [[हरियाणा]] और [[हिमाचल प्रदेश]] राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में [[जम्मू और कश्मीर]], उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश [[चंडीगढ़]] और दक्षिण-पश्चिम में [[राजस्थान]] राज्य हैं। पंजाब के प्रमुख नगरों में [[अमृतसर]], [[लुधियाना]], [[जालंधर]], [[पटियाला]] और बठिंडा हैं। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
प्राचीन समय में पंजाब [[भारत]] और [[ईरान]] का क्षेत्र था। यहाँ [[मौर्य]], बैक्ट्रियन, [[यूनानी]], [[शक]], [[कुषाण]], [[गुप्त]] आदि अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। पंजाब [[मध्य काल]] में [[मुस्लिम]] शासकों के अधीन रहा। यहाँ सबसे पहले [[महमूद ग़ज़नवी|गज़नवी]], [[मुहम्मद ग़ोरी|ग़ोरी]], [[ग़ुलाम वंश]], [[ख़िलजी वंश]], [[तुग़लक़ वंश|तुग़लक]],[[लोदी वंश|लोदी]] और [[मुग़ल वंश]] के शासकों ने यहाँ राज किया। | प्राचीन समय में पंजाब [[भारत]] और [[ईरान]] का क्षेत्र था। यहाँ [[मौर्य]], बैक्ट्रियन, [[यूनानी]], [[शक]], [[कुषाण]], [[गुप्त]] आदि अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। पंजाब [[मध्य काल]] में [[मुस्लिम]] शासकों के अधीन रहा। यहाँ सबसे पहले [[महमूद ग़ज़नवी|गज़नवी]], [[मुहम्मद ग़ोरी|ग़ोरी]], [[ग़ुलाम वंश]], [[ख़िलजी वंश]], [[तुग़लक़ वंश|तुग़लक]],[[लोदी वंश|लोदी]] और [[मुग़ल वंश]] के शासकों ने यहाँ राज किया। 15वीं और 16वीं शती में गुरु [[नानक देव, गुरु|नानकदेव जी]] की शिक्षाओं से भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, मूल रूप से जिसका उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु [[गुरु गोविंद सिंह |गोविंद सिंह जी]] ने सिखों को '[[खालसा पंथ]]' के रूप में संगठित किया। मुग़लों के दमन और अत्याचार के ख़िलाफ़ सिक्खों को एकत्र करके 'पंजाबी राज' की स्थापना की। पंजाब में ही बनवारीदास ने [[उत्तराडो साधु|उत्तराडी साधुओं]] की मंडली बनाई थी। एक फ़ारसी लेखक ने लिखा है कि 'महाराजा [[रणजीत सिंह]] ने पंजाब को 'मदम कदा'('बाग़-ए-बहिश्त')' अर्थात् स्वर्ग में बदल दिया था। उनके देहांत के बाद अंग्रेज़ों की साज़िशों से यह साम्राज्य समाप्त हो गया। 1849 में दो युद्धों के बाद पंजाब ब्रिटिश साम्राज्य में आ गया था। | ||
[[महात्मा गाँधी|गांधी जी]] के [[स्वतंत्रता संग्राम|स्वतंत्रता आन्दोलन]] से पहले ही ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ पंजाब में संघर्ष प्रारम्भ हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम में [[लाला लाजपतराय]] ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। देश हो या विदेश, पंजाब बलिदान में सबसे आगे रहा। विभाजन का कष्ट भी उठाना पड़ा जिसके कारण बड़े पैमाने पर रक्तपात और विस्थापन का दंश उठाया और पुनर्वास के साथ साथ राज्य के नये सिरे से संगठित करने की चुनौती का बख़ूबी सामना किया। | [[महात्मा गाँधी|गांधी जी]] के [[स्वतंत्रता संग्राम|स्वतंत्रता आन्दोलन]] से पहले ही ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ पंजाब में संघर्ष प्रारम्भ हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम में [[लाला लाजपतराय]] ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। देश हो या विदेश, पंजाब बलिदान में सबसे आगे रहा। विभाजन का कष्ट भी उठाना पड़ा जिसके कारण बड़े पैमाने पर रक्तपात और विस्थापन का दंश उठाया और पुनर्वास के साथ साथ राज्य के नये सिरे से संगठित करने की चुनौती का बख़ूबी सामना किया। | ||
पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नया राज्य 'पेप्सू' बनाया गया और 'पूर्वी पंजाब राज्य संघ, पटियाला' का निर्माण करके [[पटियाला]] को इसकी राजधानी बनाया गया। [[1956]] में 'पेप्सू' को पंजाब में मिला दिया गया। [[1966]] में पंजाब के कुछ भाग से '[[हरियाणा]]' राज्य का निर्माण किया गया। | पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नया राज्य 'पेप्सू' बनाया गया और 'पूर्वी पंजाब राज्य संघ, पटियाला' का निर्माण करके [[पटियाला]] को इसकी राजधानी बनाया गया। [[1956]] में 'पेप्सू' को पंजाब में मिला दिया गया। [[1966]] में पंजाब के कुछ भाग से '[[हरियाणा]]' राज्य का निर्माण किया गया। | ||
==भू-आकृति== | |||
[[पंजाब]] का अधिकांश हिस्सा समतल मैदानी है, जो पूर्वोत्तर में समुद्र तल से लगभग 275 मीटर से दक्षिण-पश्चिम में लगभग 168 मीटर की ऊँचाई की अनुवर्ती ढलान वाला है। भौतिक रूप से इस प्रदेश को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है<ref>{{cite web |url=http://yexpress.blogspot.com/2015/11/blog-post_72.html |title= पंजाब राज्य का स्थापना दिवस|accessmonthday=30 जून |accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=yexpress.blogspot.com |language=हिंदी }}</ref>- | |||
#पूर्वोत्तर में 274-914 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शिवालिक पहाड़ियाँ राज्य का बहुत ही छोटा हिस्सा है। | |||
#दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियाँ संकरे और लहरदार तराई क्षेत्र के रूप में फैली हुई हैं, जिनसे होकर कई मौसमी धाराएँ बहती हैं। इनका स्थानीय नाम चोस है और इनमें से कई मैदानों में किसी नदी में शामिल हुए बिना ही समाप्त हो जाती हैं। | |||
#तीसरा क्षेत्र जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी वाला विशाल समतल मैदान है। | |||
मैदानी क्षेत्र में नदियों के किनारे निम्न भूमि पर स्थित [[बाढ़]] के [[मैदान]] और उनके बीच में कम ऊँचाई पर स्थित समतल क्षेत्रों को अलग-अलग पहचाना जा सकता है। पहले रेत के टीलों से ढके दक्षिणी-पश्चिमी ऊँचे क्षेत्र को सिंचाई के व्यापक विस्तार के साथ ही लगभग समतल कर दिया गया है, जिससे समूचा परिदृश्य परिवर्तित हो गया है। | |||
== पर्यटन== | |||
*पंजाब की पावन भूमि से संत भी पैदा हुए और ऐतिहासिक युद्ध भी हुए। पुरातत्त्व ज्ञान का यहाँ भंडार है। | |||
*राज्य में पर्यटकों की रुचि के बहुत से स्थान हैं। इनमें [[अमृतसर]] का स्वर्ण मंदिर, दुर्गियाना मंदिर, जलियाँवाला बाग़, स्टील सिटी- गोविन्दगढ़ में, आनंदपुर साहब में तख़्त श्री केशगढ़ साहब, खालसा सांस्कृतिक परिसर, भाखड़ा-नांगल बांध, [[पटियाला]] में क़िला अंदरून, मोतीबाग़ राजमहल, हरिके पट्टन में आर्द्र भूमि, पुरातात्विक महत्त्व का संगोल और छतवीर चिड़ियाघर, आम ख़ास बाग़ में मुग़लकालीन स्मारक परिसर और सरहिंद में [[अफ़ग़ान]] शासकों की क़ब्रें और शेख़ अहमद का रोज़ा शरीफ, [[जालंधर]] में सोदाल मंदिर और [[महर्षि वाल्मीकि]] का स्मारक आदि मुख्य हैं। | |||
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13:13, 30 जून 2018 के समय का अवतरण
पंजाब दिवस
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राजधानी | चंडीगढ़ |
राजभाषा(एँ) | पंजाबी भाषा, हिन्दी भाषा |
स्थापना | 1 नवम्बर, 1956 |
जनसंख्या | 2,42,89,296[1] |
· घनत्व | 484 /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 50,362[2] |
भौगोलिक निर्देशांक | 30.73°N 76.78°E |
ज़िले | 22[2] |
सबसे बड़ा नगर | लुधियाना |
बड़े नगर | अमृतसर, जालंधर |
लिंग अनुपात | 1000:876 ♂/♀ |
साक्षरता | 69.7%[2]% |
· स्त्री | 63.55% |
· पुरुष | 75.63% |
राज्यपाल | वी. पी. सिंह बदनौर[2] |
मुख्यमंत्री | कैप्टन अमरिंदर सिंह[2] |
विधानसभा सदस्य | 117 |
लोकसभा क्षेत्र | 13 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 15:45, 30 जनवरी 2016 (IST)
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पंजाबउत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है, जिसकी स्थापना 1 नवम्बर, 1956 में की गई थी। पंजाब वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं।
इतिहास
प्राचीन समय में पंजाब भारत और ईरान का क्षेत्र था। यहाँ मौर्य, बैक्ट्रियन, यूनानी, शक, कुषाण, गुप्त आदि अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। पंजाब मध्य काल में मुस्लिम शासकों के अधीन रहा। यहाँ सबसे पहले गज़नवी, ग़ोरी, ग़ुलाम वंश, ख़िलजी वंश, तुग़लक,लोदी और मुग़ल वंश के शासकों ने यहाँ राज किया। 15वीं और 16वीं शती में गुरु नानकदेव जी की शिक्षाओं से भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, मूल रूप से जिसका उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने सिखों को 'खालसा पंथ' के रूप में संगठित किया। मुग़लों के दमन और अत्याचार के ख़िलाफ़ सिक्खों को एकत्र करके 'पंजाबी राज' की स्थापना की। पंजाब में ही बनवारीदास ने उत्तराडी साधुओं की मंडली बनाई थी। एक फ़ारसी लेखक ने लिखा है कि 'महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को 'मदम कदा'('बाग़-ए-बहिश्त')' अर्थात् स्वर्ग में बदल दिया था। उनके देहांत के बाद अंग्रेज़ों की साज़िशों से यह साम्राज्य समाप्त हो गया। 1849 में दो युद्धों के बाद पंजाब ब्रिटिश साम्राज्य में आ गया था।
गांधी जी के स्वतंत्रता आन्दोलन से पहले ही ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ पंजाब में संघर्ष प्रारम्भ हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम में लाला लाजपतराय ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। देश हो या विदेश, पंजाब बलिदान में सबसे आगे रहा। विभाजन का कष्ट भी उठाना पड़ा जिसके कारण बड़े पैमाने पर रक्तपात और विस्थापन का दंश उठाया और पुनर्वास के साथ साथ राज्य के नये सिरे से संगठित करने की चुनौती का बख़ूबी सामना किया।
पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नया राज्य 'पेप्सू' बनाया गया और 'पूर्वी पंजाब राज्य संघ, पटियाला' का निर्माण करके पटियाला को इसकी राजधानी बनाया गया। 1956 में 'पेप्सू' को पंजाब में मिला दिया गया। 1966 में पंजाब के कुछ भाग से 'हरियाणा' राज्य का निर्माण किया गया।
भू-आकृति
पंजाब का अधिकांश हिस्सा समतल मैदानी है, जो पूर्वोत्तर में समुद्र तल से लगभग 275 मीटर से दक्षिण-पश्चिम में लगभग 168 मीटर की ऊँचाई की अनुवर्ती ढलान वाला है। भौतिक रूप से इस प्रदेश को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है[3]-
- पूर्वोत्तर में 274-914 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शिवालिक पहाड़ियाँ राज्य का बहुत ही छोटा हिस्सा है।
- दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियाँ संकरे और लहरदार तराई क्षेत्र के रूप में फैली हुई हैं, जिनसे होकर कई मौसमी धाराएँ बहती हैं। इनका स्थानीय नाम चोस है और इनमें से कई मैदानों में किसी नदी में शामिल हुए बिना ही समाप्त हो जाती हैं।
- तीसरा क्षेत्र जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी वाला विशाल समतल मैदान है।
मैदानी क्षेत्र में नदियों के किनारे निम्न भूमि पर स्थित बाढ़ के मैदान और उनके बीच में कम ऊँचाई पर स्थित समतल क्षेत्रों को अलग-अलग पहचाना जा सकता है। पहले रेत के टीलों से ढके दक्षिणी-पश्चिमी ऊँचे क्षेत्र को सिंचाई के व्यापक विस्तार के साथ ही लगभग समतल कर दिया गया है, जिससे समूचा परिदृश्य परिवर्तित हो गया है।
पर्यटन
- पंजाब की पावन भूमि से संत भी पैदा हुए और ऐतिहासिक युद्ध भी हुए। पुरातत्त्व ज्ञान का यहाँ भंडार है।
- राज्य में पर्यटकों की रुचि के बहुत से स्थान हैं। इनमें अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, दुर्गियाना मंदिर, जलियाँवाला बाग़, स्टील सिटी- गोविन्दगढ़ में, आनंदपुर साहब में तख़्त श्री केशगढ़ साहब, खालसा सांस्कृतिक परिसर, भाखड़ा-नांगल बांध, पटियाला में क़िला अंदरून, मोतीबाग़ राजमहल, हरिके पट्टन में आर्द्र भूमि, पुरातात्विक महत्त्व का संगोल और छतवीर चिड़ियाघर, आम ख़ास बाग़ में मुग़लकालीन स्मारक परिसर और सरहिंद में अफ़ग़ान शासकों की क़ब्रें और शेख़ अहमद का रोज़ा शरीफ, जालंधर में सोदाल मंदिर और महर्षि वाल्मीकि का स्मारक आदि मुख्य हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 2001 की जनगणना के अनुसार
- ↑ 2.0 2.1 2.2 2.3 2.4 State Profile (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) पंजाब की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 14 मई, 2012।
- ↑ पंजाब राज्य का स्थापना दिवस (हिंदी) yexpress.blogspot.com। अभिगमन तिथि: 30 जून, 2018।
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