"मुनीश्वर चन्द्र डावर": अवतरणों में अंतर
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'''मुनीश्वर चन्द्र डावर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Munishwar Chandra Davar'', जन्म- [[16 जनवरी]], [[1946]], [[पंजाब]]) भारतीय चिकित्सक हैं। उनकी नि:स्वार्थ सेवाओं के लिये [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[पद्म श्री]], [[2023]] से सम्मानित किया है। पद्म श्री सम्मान से नवाजे गये मुनीश्वर चन्द्र डावर की कहानी वास्तव में ऐसे डॉक्टर की कहानी है, जो सच में धरती पर भगवान कहलाने के लायक हैं। सेना से रिटायर जबलपुर के डॉक्टर कैप्टन मुनीश्वर चन्द्र डावर इस उम्र में भी पीड़ित मानवता की सेवा में लगे हैं। वह इलाज के सिर्फ 20 रुपये लेते हैं। 02 रुपये फीस से शुरू हुआ उनका सफर महंगाई के इस दौर में भी सिर्फ 20 रुपये तक ही पहुंचा है। | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
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|चित्र का नाम=मुनीश्वर चन्द्र डावर | |||
|पूरा नाम=डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर | |||
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|जन्म=[[16 जनवरी]], [[1946]] | |||
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|मुख्य रचनाएँ= | |||
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|प्रसिद्धि=20 रुपये वाले चिकित्सक | |||
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|नागरिकता=भारतीय | |||
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|अद्यतन={{अद्यतन|12:22, 15 जुलाई 2023 (IST)}} | |||
}}'''मुनीश्वर चन्द्र डावर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Munishwar Chandra Davar'', जन्म- [[16 जनवरी]], [[1946]], [[पंजाब]]) भारतीय चिकित्सक हैं। उनकी नि:स्वार्थ सेवाओं के लिये [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[पद्म श्री]], [[2023]] से सम्मानित किया है। पद्म श्री सम्मान से नवाजे गये मुनीश्वर चन्द्र डावर की कहानी वास्तव में ऐसे डॉक्टर की कहानी है, जो सच में धरती पर भगवान कहलाने के लायक हैं। सेना से रिटायर जबलपुर के डॉक्टर कैप्टन मुनीश्वर चन्द्र डावर इस उम्र में भी पीड़ित मानवता की सेवा में लगे हैं। वह इलाज के सिर्फ 20 रुपये लेते हैं। 02 रुपये फीस से शुरू हुआ उनका सफर महंगाई के इस दौर में भी सिर्फ 20 रुपये तक ही पहुंचा है। | |||
==जन्म== | ==जन्म== | ||
डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर का जन्म 16 जनवरी सन 1946 को विभाजन से पूर्व पंजाब (पाकिस्तान]] में हुआ था। विभाजन के बाद उनका [[परिवार]] [[भारत]] आ गया। सन [[1967]] में उन्होंने [[जबलपुर]] से एमबीबीएस का कोर्स पूरा किया। उन्होंने सन [[1971]] में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना को भी अपनी सेवाएँ दीं। इसके बाद सन [[1972]] से डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर जबलपुर के लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। | डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर का जन्म 16 जनवरी सन 1946 को विभाजन से पूर्व पंजाब (पाकिस्तान]] में हुआ था। विभाजन के बाद उनका [[परिवार]] [[भारत]] आ गया। सन [[1967]] में उन्होंने [[जबलपुर]] से एमबीबीएस का कोर्स पूरा किया। उन्होंने सन [[1971]] में [[भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)|भारत-पाकिस्तान युद्ध]] के दौरान भारतीय सेना को भी अपनी सेवाएँ दीं। इसके बाद सन [[1972]] से डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर जबलपुर के लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। | ||
==सबसे कम फीस== | ==सबसे कम फीस== | ||
डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर को खींच दिया है जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के बस में नहीं होगा। डॉ. एम. सी. डावर महंगाई के इस दौर में भी महज 20 रुपये लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर डावर सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने सन [[1986]] में 2 रुपये फीस लेनी शुरू की थी, जिसे बाद में 3 रुपये और फिर [[1997]] में 5 रुपये, उसके 15 साल बाद [[2012]] में 10 रुपये और अब महज 20 रुपये फीस ले रहे हैं। | डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर को खींच दिया है जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के बस में नहीं होगा। डॉ. एम. सी. डावर महंगाई के इस दौर में भी महज 20 रुपये लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर डावर सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने सन [[1986]] में 2 रुपये फीस लेनी शुरू की थी, जिसे बाद में 3 रुपये और फिर [[1997]] में 5 रुपये, उसके 15 साल बाद [[2012]] में 10 रुपये और अब महज 20 रुपये फीस ले रहे हैं। | ||
==जनसेवा का भाव व पद्म श्री== | ==जनसेवा का भाव व पद्म श्री== | ||
उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं। कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं। जनसेवा के इसी भाव ने आज डॉ. डावर को पूरे देश में ख्याति प्राप्त करवाई है। [[पद्म श्री]] सम्मान के बारे में डॉक्टर डावर का कहना है- "सम्मान मिलने से प्रोत्साहन मिलता है। जीवन में इस तरह के प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं"। | उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं। कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं। जनसेवा के इसी भाव ने आज डॉ. डावर को पूरे देश में ख्याति प्राप्त करवाई है। [[पद्म श्री]] सम्मान के बारे में डॉक्टर डावर का कहना है- "सम्मान मिलने से प्रोत्साहन मिलता है। जीवन में इस तरह के प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं"। | ||
मुनीश्वर चन्द्र डावर को पद्म श्री के लिए चुने जाने की खबर लगते ही [[मुख्यमंत्री]] [[शिवराज सिंह चौहान]] ने भी उन्हें बधाई दी। [[गणतंत्र दिवस]] समारोह के मौके पर डॉ. डावर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा- "सरकार देश में चुन-चुन कर ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित कर रही है जो समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं। डॉक्टर डावर भी उनमें से एक हैं जिन्होंने महज 02 रुपये से इलाज करने की शुरुआत की थी। उनका जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित रहा है। इसलिए आज उन्हें पद्म श्री का सम्मान मिल रहा है। यह पूरे [[मध्य प्रदेश]] के लिए गौरव की बात है"। | मुनीश्वर चन्द्र डावर को पद्म श्री के लिए चुने जाने की खबर लगते ही [[मुख्यमंत्री]] [[शिवराज सिंह चौहान]] ने भी उन्हें बधाई दी। [[गणतंत्र दिवस]] समारोह के मौके पर डॉ. डावर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा- "सरकार देश में चुन-चुन कर ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित कर रही है जो समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं। डॉक्टर डावर भी उनमें से एक हैं जिन्होंने महज 02 रुपये से इलाज करने की शुरुआत की थी। उनका जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित रहा है। इसलिए आज उन्हें पद्म श्री का सम्मान मिल रहा है। यह पूरे [[मध्य प्रदेश]] के लिए गौरव की बात है"। | ||
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06:56, 15 जुलाई 2023 के समय का अवतरण
मुनीश्वर चन्द्र डावर
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पूरा नाम | डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर |
जन्म | 16 जनवरी, 1946 |
जन्म भूमि | पंजाब |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | चिकित्सा |
शिक्षा | एमबीबीएस |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2023 |
प्रसिद्धि | 20 रुपये वाले चिकित्सक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं। कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं। जनसेवा के इसी भाव ने आज डॉ. डावर को पूरे देश में ख्याति प्राप्त करवाई है। |
अद्यतन | 12:22, 15 जुलाई 2023 (IST)
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मुनीश्वर चन्द्र डावर (अंग्रेज़ी: Munishwar Chandra Davar, जन्म- 16 जनवरी, 1946, पंजाब) भारतीय चिकित्सक हैं। उनकी नि:स्वार्थ सेवाओं के लिये भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, 2023 से सम्मानित किया है। पद्म श्री सम्मान से नवाजे गये मुनीश्वर चन्द्र डावर की कहानी वास्तव में ऐसे डॉक्टर की कहानी है, जो सच में धरती पर भगवान कहलाने के लायक हैं। सेना से रिटायर जबलपुर के डॉक्टर कैप्टन मुनीश्वर चन्द्र डावर इस उम्र में भी पीड़ित मानवता की सेवा में लगे हैं। वह इलाज के सिर्फ 20 रुपये लेते हैं। 02 रुपये फीस से शुरू हुआ उनका सफर महंगाई के इस दौर में भी सिर्फ 20 रुपये तक ही पहुंचा है।
जन्म
डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर का जन्म 16 जनवरी सन 1946 को विभाजन से पूर्व पंजाब (पाकिस्तान]] में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। सन 1967 में उन्होंने जबलपुर से एमबीबीएस का कोर्स पूरा किया। उन्होंने सन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना को भी अपनी सेवाएँ दीं। इसके बाद सन 1972 से डॉ. मुनीश्वर चन्द्र डावर जबलपुर के लोगों की सेवा में लगे हुए हैं।
सबसे कम फीस
डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर को खींच दिया है जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के बस में नहीं होगा। डॉ. एम. सी. डावर महंगाई के इस दौर में भी महज 20 रुपये लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर डावर सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने सन 1986 में 2 रुपये फीस लेनी शुरू की थी, जिसे बाद में 3 रुपये और फिर 1997 में 5 रुपये, उसके 15 साल बाद 2012 में 10 रुपये और अब महज 20 रुपये फीस ले रहे हैं।
जनसेवा का भाव व पद्म श्री
उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर मुनीश्वर चन्द्र डावर लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं। कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं। जनसेवा के इसी भाव ने आज डॉ. डावर को पूरे देश में ख्याति प्राप्त करवाई है। पद्म श्री सम्मान के बारे में डॉक्टर डावर का कहना है- "सम्मान मिलने से प्रोत्साहन मिलता है। जीवन में इस तरह के प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं"।
मुनीश्वर चन्द्र डावर को पद्म श्री के लिए चुने जाने की खबर लगते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें बधाई दी। गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर डॉ. डावर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा- "सरकार देश में चुन-चुन कर ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित कर रही है जो समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं। डॉक्टर डावर भी उनमें से एक हैं जिन्होंने महज 02 रुपये से इलाज करने की शुरुआत की थी। उनका जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित रहा है। इसलिए आज उन्हें पद्म श्री का सम्मान मिल रहा है। यह पूरे मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात है"।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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