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*स्त्री जानकर राम उसे मारने में संकोच कर रहे थे, किन्तु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर उन्होंने उसे मार डाला। | *स्त्री जानकर राम उसे मारने में संकोच कर रहे थे, किन्तु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर उन्होंने उसे मार डाला। | ||
*इसका दूसरा नाम 'सुकेतुसुता' भी है। | *इसका दूसरा नाम 'सुकेतुसुता' भी है। | ||
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12:51, 15 जून 2011 के समय का अवतरण
- मारीच-सुबाहु की माता, सुकेतु नामक यक्ष की पुत्री, जो अगस्त्य ऋषि के शाप से राक्षसी हो गयी थी।
- यह सरयू के निकट ताड़का वन में रहकर ऋषियों के यज्ञों में बाधा डालती थी।
- अत्याचार से पीड़ित होकर विश्वामित्र उसके वध के लिए राम-लक्ष्मण को दशरथ से माँगकर ले गये।
- स्त्री जानकर राम उसे मारने में संकोच कर रहे थे, किन्तु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर उन्होंने उसे मार डाला।
- इसका दूसरा नाम 'सुकेतुसुता' भी है।
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