"कमालिस्तान स्टूडियो": अवतरणों में अंतर
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==कमालिस्तान स्टूडियो का निर्माण== | ==कमालिस्तान स्टूडियो का निर्माण== | ||
[[1958]] में कमाल अमरोही ने कमालिस्तान स्टूडियो की नींव रखी। कमालिस्तान एक शानदार स्टूडियो के रूप में चला। इस स्टूडियो में 'रज़िया सुल्तान' की शूटिंग के लिए कमाल साहब ने बाग़-बग़ीचे लगवाये। वे आज भी | [[1958]] में कमाल अमरोही ने कमालिस्तान स्टूडियो की नींव रखी। कमालिस्तान एक शानदार स्टूडियो के रूप में चला। इस स्टूडियो में 'रज़िया सुल्तान' की शूटिंग के लिए कमाल साहब ने बाग़-बग़ीचे लगवाये। वे आज भी फ़िल्मकारों के काम आते हैं। रेलवे स्टेशन की ज़्यादातर शूटिंग कमालिस्तान में ही होती है। कमालिस्तान हरा-भरा और खूबसूरत स्टूडियो है। यह आज भी चल रहा है। इसे उनके बेटे-बेटी चला रहे है। जाने-माने निर्माता कमाल अमरोही ने बड़े जतन से कमालिस्तान स्टूडियो बनाया था। बॉलीवुड की तमाम बेहतरीन फ़िल्में यहां शूट हुई हैं, तो बॉलीवुड वाले इसे आज भी बेहद लकी मानते हैं। | ||
==बनायी गयी फ़िल्में== | ==बनायी गयी फ़िल्में== | ||
'महल' और 'पाकीज़ा' जैसी सदाबहार | 'महल' और 'पाकीज़ा' जैसी सदाबहार फ़िल्मों के निर्माता कमाल अमरोही की आखिरी निशानी कमालिस्तान स्टूडियो का अस्तित्व मिटने के कगार पर है। खास बात यह है कि बॉलीवुड के कई जाने-माने फ़िल्म निर्माता आज भी इस स्टूडियो को बेहद भाग्यशाली मानते हैं। जहां खुद कमाल अमरोही ने अपने कॅरियर के शुरुआती दौर में बनी सुपर हिट [[अशोक कुमार]] स्टारर फ़िल्म 'महल' को इसी स्टूडियो में शूट किया था। वहीं, कमाल की आखिरी सुपर हिट फ़िल्म 'पाकीज़ा' की शूटिंग भी इसी स्टूडियो में हुई। अस्सी के दशक में [[अमिताभ बच्चन]] के साथ कई सुपर हिट फ़िल्मों के मेकर 'मनमोहन देसाई' ने इसी स्टूडियो में अमर अकबर एंथनी, धर्मवीर, सच्चा-झूठा और कुली की शूटिंग भी की। बॉलीवुड के शो मैन सुभाष घई आज भी इस स्टूडियो को बेहद भाग्यशाली मानते हैं। घई के मुताबिक, 'मेरी जिन फ़िल्मों की शूटिंग इस स्टूडियो में हुई, वे सभी सिल्वर जुबली रहीं।' | ||
मुंबई में मौजूदा स्टूडियो में से ज्यादातर को अब टीवी सीरियल, विज्ञापन | मुंबई में मौजूदा स्टूडियो में से ज्यादातर को अब टीवी सीरियल, विज्ञापन फ़िल्मों या डॉक्युमेंट्री की शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमर अकबर एंथनी, कालिया और रज़िया सुल्तान जैसी सुपरहिट फ़िल्मों को आकार देने वाले 4.5 एकड़ में फैले कमालिस्तान स्टूडियो के पास मुंबई के शूट फ्लोर एरिया का करीब एक-चौथाई हिस्सा है। | ||
12:38, 9 अप्रैल 2012 का अवतरण
कमालिस्तान स्टूडियो के मालिक कमाल अमरोही थे। कमाल अमरोही ने 1953 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी बनायी थी। मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में करीब 52 साल पहले यह स्टूडियो बना था।
कमालिस्तान स्टूडियो का निर्माण
1958 में कमाल अमरोही ने कमालिस्तान स्टूडियो की नींव रखी। कमालिस्तान एक शानदार स्टूडियो के रूप में चला। इस स्टूडियो में 'रज़िया सुल्तान' की शूटिंग के लिए कमाल साहब ने बाग़-बग़ीचे लगवाये। वे आज भी फ़िल्मकारों के काम आते हैं। रेलवे स्टेशन की ज़्यादातर शूटिंग कमालिस्तान में ही होती है। कमालिस्तान हरा-भरा और खूबसूरत स्टूडियो है। यह आज भी चल रहा है। इसे उनके बेटे-बेटी चला रहे है। जाने-माने निर्माता कमाल अमरोही ने बड़े जतन से कमालिस्तान स्टूडियो बनाया था। बॉलीवुड की तमाम बेहतरीन फ़िल्में यहां शूट हुई हैं, तो बॉलीवुड वाले इसे आज भी बेहद लकी मानते हैं।
बनायी गयी फ़िल्में
'महल' और 'पाकीज़ा' जैसी सदाबहार फ़िल्मों के निर्माता कमाल अमरोही की आखिरी निशानी कमालिस्तान स्टूडियो का अस्तित्व मिटने के कगार पर है। खास बात यह है कि बॉलीवुड के कई जाने-माने फ़िल्म निर्माता आज भी इस स्टूडियो को बेहद भाग्यशाली मानते हैं। जहां खुद कमाल अमरोही ने अपने कॅरियर के शुरुआती दौर में बनी सुपर हिट अशोक कुमार स्टारर फ़िल्म 'महल' को इसी स्टूडियो में शूट किया था। वहीं, कमाल की आखिरी सुपर हिट फ़िल्म 'पाकीज़ा' की शूटिंग भी इसी स्टूडियो में हुई। अस्सी के दशक में अमिताभ बच्चन के साथ कई सुपर हिट फ़िल्मों के मेकर 'मनमोहन देसाई' ने इसी स्टूडियो में अमर अकबर एंथनी, धर्मवीर, सच्चा-झूठा और कुली की शूटिंग भी की। बॉलीवुड के शो मैन सुभाष घई आज भी इस स्टूडियो को बेहद भाग्यशाली मानते हैं। घई के मुताबिक, 'मेरी जिन फ़िल्मों की शूटिंग इस स्टूडियो में हुई, वे सभी सिल्वर जुबली रहीं।'
मुंबई में मौजूदा स्टूडियो में से ज्यादातर को अब टीवी सीरियल, विज्ञापन फ़िल्मों या डॉक्युमेंट्री की शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमर अकबर एंथनी, कालिया और रज़िया सुल्तान जैसी सुपरहिट फ़िल्मों को आकार देने वाले 4.5 एकड़ में फैले कमालिस्तान स्टूडियो के पास मुंबई के शूट फ्लोर एरिया का करीब एक-चौथाई हिस्सा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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