"दुधवा राष्ट्रीय उद्यान": अवतरणों में अंतर
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'''दुधवा राष्ट्रीय उद्यान''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[लखीमपुर खीरी ज़िला|लखीमपुर खीरी ज़िले]] में स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान एक [[बाघ]] संरक्षित क्षेत्र है। [[शिवालिक पर्वत श्रेणी]] की [[तराई]] में यह उद्यान | '''दुधवा राष्ट्रीय उद्यान''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[लखीमपुर खीरी ज़िला|लखीमपुर खीरी ज़िले]] में स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान एक [[बाघ]] संरक्षित क्षेत्र है। [[शिवालिक पर्वत श्रेणी]] की [[तराई]] में स्थित यह उद्यान राज्य में पर्यटन की दृष्टि से ख़ास महत्त्व रखता है। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान घने जंगलों से घिरा हुआ है। उद्यान [[भारत]] और [[नेपाल]] की सीमाओं से लगा हुआ एक विशाल वन क्षेत्र है, जिसमें पाली जाने वली हिरन की पांच प्रजातियों में ख़ासी वृद्धि हुयी है। | ||
*दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 614 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र को संरक्षित करके वर्ष [[1977]] में की गयी थी। | *दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 614 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र को संरक्षित करके वर्ष [[1977]] में की गयी थी। |
08:16, 30 दिसम्बर 2012 का अवतरण
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश राज्य के लखीमपुर खीरी ज़िले में स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान एक बाघ संरक्षित क्षेत्र है। शिवालिक पर्वत श्रेणी की तराई में स्थित यह उद्यान राज्य में पर्यटन की दृष्टि से ख़ास महत्त्व रखता है। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान घने जंगलों से घिरा हुआ है। उद्यान भारत और नेपाल की सीमाओं से लगा हुआ एक विशाल वन क्षेत्र है, जिसमें पाली जाने वली हिरन की पांच प्रजातियों में ख़ासी वृद्धि हुयी है।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 614 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र को संरक्षित करके वर्ष 1977 में की गयी थी।
- यह उद्यान उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है।
- उद्यान प्रमुख रूप से बाघों एंव बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उद्यान क्षेत्र में हिरनों के झुण्ड देखे जा सकते हैं।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में हिरनों की पाँच प्रजातियाँ पायी जाती है। इनमें सबसे मुख्य बारहसिंगा है। इसके अलावा काकर पाढ़ा, चीतल, सांभर भी बहुतायत रुप में पाए जाते हैं।
- इस उद्यान में पाली जाने वली हिरन की पांच प्रजातियों में खासी वृद्धि हुयी है। विभाग के वर्ष 2005 के आंकड़ों के अनुसार इनकी संख्या बढ़कर 25 हज़ार तक पहुँच गयी है।
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