"ललितगिरि": अवतरणों में अंतर

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*यह स्‍थान चारों तरफ़ से हरियाली से घिरा हुआ है।
*यह स्‍थान चारों तरफ़ से हरियाली से घिरा हुआ है।
*इस प्राचीन स्‍थान पर ढेरों [[स्तूप]], गुफ़ाएँ और मूर्तियां हैं, जो इसे आधुनिक रूप में दिखाती हैं।
*इस प्राचीन स्‍थान पर ढेरों [[स्तूप]], गुफ़ाएँ और मूर्तियां हैं, जो इसे आधुनिक रूप में दिखाती हैं।
*ललितपुर स्थित कई पुरानी इमारतों की [[वास्तुकला]] भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहाँ का अन्‍य आकर्षण [[महावीर|भगवान महावीर]] की विशाल मूर्ति है, जो पुष्‍पागिरि पहाड़ी पर स्थित है। यह एक उत्‍कृष्‍ट काम है, जो बौद्ध काल में हुआ था।
*ललितपुर स्थित कई पुरानी इमारतों की [[वास्तुकला]] भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहाँ का अन्‍य आकर्षण [[महावीर|भगवान महावीर]] की विशाल मूर्ति है, जो पुष्‍पागिरि पहाड़ी पर स्थित है। यह एक उत्‍कृष्‍ट काम है, जो बौद्ध काल में हुआ था।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/cuttack/attractions/lalitgiri/|title=ललितगिरि, कटक|accessmonthday= 11 अक्टूबर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref>
*ललितगिरि में एक संग्रहालय भी है, जहाँ कई वस्‍तुओं को दर्शाया गया है। ये सभी वस्‍तुएँ यहाँ की खुदाई के दौरान मिली थीं।
*ललितगिरि में एक संग्रहालय भी है, जहाँ कई वस्‍तुओं को दर्शाया गया है। ये सभी वस्‍तुएँ यहाँ की खुदाई के दौरान मिली थीं।



11:36, 11 अक्टूबर 2014 का अवतरण

ललितगिरि कटक (उड़ीसा) से 55 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस स्‍थान पर बौद्ध धर्म की झलक देखने को मिलती है। तांत्रिक बौद्ध धर्म के उत्कर्ष काल के अनेक ध्वंसावशेष इस स्थान से प्राप्त हुए हैं। यह स्थान कटक के निकट है।[1]

  • ललितगिरि एक प्रसिद्ध गंतव्‍य स्‍थल होने के साथ ही एक ऐसा विख्‍यात स्‍थल है, जहाँ सुंदर बौद्ध मठ बने हुए हैं।
  • रत्नागिरि और उदयगिरि पहाड़ियों के मिलने से यहाँ 'डायमंड त्रिभुज' रूप का निर्माण हुआ है। यह तीन पहाडियाँ मिलकर आज भी बौद्ध मठों के खंडहरों की रक्षा करती हैं।
  • यह स्‍थान चारों तरफ़ से हरियाली से घिरा हुआ है।
  • इस प्राचीन स्‍थान पर ढेरों स्तूप, गुफ़ाएँ और मूर्तियां हैं, जो इसे आधुनिक रूप में दिखाती हैं।
  • ललितपुर स्थित कई पुरानी इमारतों की वास्तुकला भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहाँ का अन्‍य आकर्षण भगवान महावीर की विशाल मूर्ति है, जो पुष्‍पागिरि पहाड़ी पर स्थित है। यह एक उत्‍कृष्‍ट काम है, जो बौद्ध काल में हुआ था।[2]
  • ललितगिरि में एक संग्रहालय भी है, जहाँ कई वस्‍तुओं को दर्शाया गया है। ये सभी वस्‍तुएँ यहाँ की खुदाई के दौरान मिली थीं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 813 |
  2. ललितगिरि, कटक (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 11 अक्टूबर, 2014।

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