"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर
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||{{seealso|मौर्य साम्राज्य|मौर्य काल का शासन प्रबंध}} | ||{{seealso|मौर्य साम्राज्य|मौर्य काल का शासन प्रबंध}} | ||
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{[[कर्नाटक युद्ध प्रथम|प्रथम कर्नाटक युद्ध]] में [[फ़्राँसीसी]] सेना का नेतृत्व किसने किया था?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-565;प्रश्न-90 | {[[कर्नाटक युद्ध प्रथम|प्रथम कर्नाटक युद्ध]] में [[फ़्राँसीसी]] सेना का नेतृत्व किसने किया था?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-565;प्रश्न-90 | ||
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+[[डूप्ले]] | +[[डूप्ले]] | ||
-गोदहे | -गोदहे | ||
-काउण्ट द लाली | -काउण्ट द लाली | ||
-मार्टिन | -मार्टिन | ||
||{{seealso|कर्नाटक युद्ध|विन्दवास का युद्ध}} | ||{{seealso|कर्नाटक युद्ध|विन्दवास का युद्ध}} | ||
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||{{seealso|मौर्य साम्राज्य|मौर्य काल का शासन प्रबंध}} | ||{{seealso|मौर्य साम्राज्य|मौर्य काल का शासन प्रबंध}} | ||
{[[परीक्षित]] का उल्लेख सर्वप्रथम किसमें मिलता है?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-192;प्रश्न-313 | {[[परीक्षित]] का उल्लेख सर्वप्रथम किसमें मिलता है?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-192;प्रश्न-313 | ||
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-[[ऋग्वेद]] | -[[ऋग्वेद]] | ||
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{नीचे [[वैदिक साहित्य|उत्तर वैदिक साहित्य]] से ज्ञात राजाओं एवं राज्यों के नाम | {नीचे [[वैदिक साहित्य|उत्तर वैदिक साहित्य]] से ज्ञात राजाओं एवं राज्यों के नाम दिये गए हैं। इनमें से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-9;प्रश्न-4 | ||
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+[[अजातशत्रु]] - [[काशी]] | +[[अजातशत्रु]] - [[काशी]] | ||
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-शांकर वेदांत | -शांकर वेदांत | ||
{[[बुद्ध]] ने अपने 'अष्टांगिक मार्ग' को 'मध्यम मार्ग' कहा, क्योंकि यह एक-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-201;प्रश्न-471 | {[[बुद्ध]] ने अपने 'अष्टांगिक मार्ग' को 'मध्यम मार्ग' कहा, क्योंकि यह एक-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-201;प्रश्न-471 | ||
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-सभी [[धर्म|धर्मों]] द्वारा बताया गया मध्यम मार्ग था | -सभी [[धर्म|धर्मों]] द्वारा बताया गया मध्यम मार्ग था | ||
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-[[रॉबर्ट क्लाइव]] | -[[रॉबर्ट क्लाइव]] | ||
+विलियम हैजेज | +विलियम हैजेज | ||
-जॉब चॉरनाक | -जॉब चॉरनाक | ||
-व्रिजमैन | -व्रिजमैन | ||
||{{seealso|गवर्नर-जनरल|ईस्ट इण्डिया कम्पनी}} | ||{{seealso|गवर्नर-जनरल|ईस्ट इण्डिया कम्पनी}} | ||
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||{{seealso|सिंधु घाटी सभ्यता|मुअन जो दड़ो}} | ||{{seealso|सिंधु घाटी सभ्यता|मुअन जो दड़ो}} | ||
{[[ऋग्वेद]] में पुत्री के लिए प्रयुक्त शब्द 'दुहिता' का शाब्दिक अर्थ है-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-192;प्रश्न-317 | {[[ऋग्वेद]] में पुत्री के लिए प्रयुक्त [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] 'दुहिता' का शाब्दिक अर्थ है-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-192;प्रश्न-317 | ||
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+[[गाय]] का दोहन करने वाली | +[[गाय]] का दोहन करने वाली | ||
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{दूसरा नगरीकरण इंगित करता है-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-25;प्रश्न-22 | {दूसरा नगरीकरण इंगित करता है-(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-25;प्रश्न-22 | ||
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-[[हड़प्पा]] नगरों का | -[[हड़प्पा]] नगरों का पुनरुज्जीवन | ||
+[[गंगा]] घाटी में नगरीय संस्कृति का उत्थान | +[[गंगा]] घाटी में नगरीय संस्कृति का उत्थान | ||
-दक्कन में [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] की घाटी में नगरों का जन्म | -दक्कन में [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] की घाटी में नगरों का जन्म | ||
-[[केरल]] में '[[कोल्लम ज़िला|कोल्लम]]' नामक नगर का पुनर्निर्माण | -[[केरल]] में '[[कोल्लम ज़िला|कोल्लम]]' नामक नगर का पुनर्निर्माण | ||
||{{seealso|हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना|हड़प्पा समाज और संस्कृति}} | ||{{seealso|हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना|हड़प्पा समाज और संस्कृति}} | ||
{[[हड़प्पा संस्कृति]] के स्थलों का सर्वाधिक संकेन्द्रण निम्नांकित में से किसके किनारे प्राप्त हुआ है?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-181;प्रश्न-147 | {[[हड़प्पा संस्कृति]] के स्थलों का सर्वाधिक संकेन्द्रण निम्नांकित में से किसके किनारे प्राप्त हुआ है?(यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-181;प्रश्न-147 |
07:15, 8 नवम्बर 2014 का अवतरण
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