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* किसी भी व्यक्तित्व के जीवन का वृतान्त 'जीवनी' कहलाता है। प्राचीन महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना जीवन-भर निरंतर बाल्यावस्था में ही रहना है। | * किसी भी व्यक्तित्व के जीवन का वृतान्त 'जीवनी' कहलाता है। प्राचीन महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना जीवन-भर निरंतर बाल्यावस्था में ही रहना है। | ||
* महापुरुषों की जीवनियाँ हमें याद दिलाती हैं कि हम भी अपना जीवन महान बना सकते हैं और मरते समय अपने पदचिन्ह समय की बालू पर छोड़ सकते हैं। | |||
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{{Headnote2| [[:श्रेणी:चरित कोश|चरित कोश]], [[:श्रेणी:जीवनी साहित्य|जीवनी साहित्य]]}} | {{Headnote2| [[:श्रेणी:चरित कोश|चरित कोश]], [[:श्रेणी:जीवनी साहित्य|जीवनी साहित्य]]}} | ||
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* तिलक ने [[वेद|वेदों]] के इतिहास के बारे में एक पुस्तक लिखी जिसे काफ़ी सराहा जाता है। उन्होंने "द आर्कटिक होम इन द वेदास" नामक पुस्तक में खगोल शास्त्र के उद्धरण देकर साबित किया कि वेद आर्कटिक क्षेत्र में लिखे गए थे। इसके अलावा उन्होंने "श्रीमद्भागवतगीतारहस्य अथवा कर्मयोगशास्त्र" और "जीवन का हिन्दू दर्शन" नामक किताबें भी लिखी हैं। | * तिलक ने [[वेद|वेदों]] के इतिहास के बारे में एक पुस्तक लिखी जिसे काफ़ी सराहा जाता है। उन्होंने "द आर्कटिक होम इन द वेदास" नामक पुस्तक में खगोल शास्त्र के उद्धरण देकर साबित किया कि वेद आर्कटिक क्षेत्र में लिखे गए थे। इसके अलावा उन्होंने "श्रीमद्भागवतगीतारहस्य अथवा कर्मयोगशास्त्र" और "जीवन का हिन्दू दर्शन" नामक किताबें भी लिखी हैं। | ||
* इनका कथन "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" बहुत प्रसिद्ध हुआ। '''[[बाल गंगाधर तिलक|.... और पढ़ें]]''' | * इनका कथन "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" बहुत प्रसिद्ध हुआ। '''[[बाल गंगाधर तिलक|.... और पढ़ें]]''' | ||
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<div style="text-align:center;">[[लाल बहादुर शास्त्री]] की प्रतिमा</div> | <div style="text-align:center;">[[लाल बहादुर शास्त्री]] की प्रतिमा</div> | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत रत्न}}{{भारत के कवि}}{{भारत के प्रधानमंत्री}}{{भारत के राष्ट्रपति}}{{स्वतन्त्रता सेनानी}} | {{भारत रत्न}}{{भारत के कवि}}{{भारत के प्रधानमंत्री}}{{भारत के राष्ट्रपति}}{{स्वतन्त्रता सेनानी}} |
14:27, 17 नवम्बर 2016 का अवतरण
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चयनित चित्र
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लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा
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