"कृष्णा फ़िल्म कम्पनी": अवतरणों में अंतर
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'''कृष्णा फ़िल्म कम्पनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Krishna Film Company'') की स्थापना माणिकलाल पटेल द्वारा की गई थी। [[मुंबई]] के "कृष्णा फ़िल्म लेबॉरेटरी" को सन [[1924]] में बदलकर माणिकलाल पटेल ने "कृष्णा फ़िल्म कम्पनी" की स्थापना की थी। माणिकलाल पटेल एक साहित्यकार थे और कृष्ण कुमार के नाम से फ़िल्में लिखा करते थे। | '''कृष्णा फ़िल्म कम्पनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Krishna Film Company'') की स्थापना माणिकलाल पटेल द्वारा की गई थी। [[मुंबई]] के "कृष्णा फ़िल्म लेबॉरेटरी" को सन [[1924]] में बदलकर माणिकलाल पटेल ने "कृष्णा फ़िल्म कम्पनी" की स्थापना की थी। माणिकलाल पटेल एक साहित्यकार थे और कृष्ण कुमार के नाम से फ़िल्में लिखा करते थे। | ||
==फ़िल्म निर्माण== | ==फ़िल्म निर्माण== |
12:29, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
कृष्णा फ़िल्म कम्पनी
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विवरण | 'कृष्णा फ़िल्म कम्पनी' भारत की फ़िल्म निर्माण संस्थाओं में से एक थी। |
उद्योग | मनोरंजन |
स्थापना | 1924 |
संस्थापक | माणिकलाल पटेल |
कार्य | फ़िल्म निर्माण |
अन्य जानकारी | इस कम्पनी के लिए 1927 में प्रफुल्ल घोष की चार भागों में बनाई गई धारावाहिक फ़िल्म 'हातिमताई' और 'जंजीर झंकारें' ऐसी फ़िल्में थीं, जिससे यह कम्पनी काफ़ी प्रसिद्ध हुई। |
कृष्णा फ़िल्म कम्पनी (अंग्रेज़ी: Krishna Film Company) की स्थापना माणिकलाल पटेल द्वारा की गई थी। मुंबई के "कृष्णा फ़िल्म लेबॉरेटरी" को सन 1924 में बदलकर माणिकलाल पटेल ने "कृष्णा फ़िल्म कम्पनी" की स्थापना की थी। माणिकलाल पटेल एक साहित्यकार थे और कृष्ण कुमार के नाम से फ़िल्में लिखा करते थे।
फ़िल्म निर्माण
माणिकलाल पटेल फ़िल्म निर्माता भी थे और उन्होंने छोटी-बड़ी कई फ़िल्मों का निर्माण भी किया था। इस फ़िल्म कम्पनी के लिए उस समय के कई मशहूर फ़िल्म निर्माताओं ने फ़िल्मों का निर्माण किया, जिनमें हरश्राय मेहता, कांजीभाई राठोर, मोहनलाल शाह, प्रफुल्ल घोष और ए.पी.आई.आई. कपूर के नाम मुख्य थे।[1]
इस कम्पनी के लिए सन 1927 में प्रफुल्ल घोष की चार भागों में बनाई गई धारावाहिक फ़िल्म "हातिमताई" और "जंजीर झंकारें" ऐसी फ़िल्में थीं, जिससे यह कम्पनी काफ़ी प्रसिद्ध हुई। सन 1931 में सवाक् फ़िल्मों के आते ही इस कम्पनी ने भी पाँच सवाक् फ़िल्में बनाईं।
"कृष्णाटोन" नाम से कृष्णा फ़िल्म कम्पनी ने एक साउंड स्टूडियो भी विकसित कर लिया था। इस कम्पनी ने फ़िल्म निर्माण के लिए उस समय के कई बड़े गुजराती साहित्यकारों को फ़िल्में लिखने के लिए प्रेरित किया। इनमें कुछ नाम निम्न प्रकार थे-
- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
- नारायण वस्सानजी ठक्कर
- गोपालजी
- रमणलाल देसाई
अंत
44 सफल फ़िल्मों के निर्माण के बाद यह कम्पनी बंद हो गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी सिनेमा के विकास में फ़िल्म निर्माण संस्थाओं की भूमिका (हिंदी) sahityakunj.net। अभिगमन तिथि: 29 जून, 2017।