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10:15, 12 जुलाई 2017 का अवतरण

मौमिता दत्ता
मौमिता दत्ता
मौमिता दत्ता
पूरा नाम मौमिता दत्ता
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र अंतरिक्ष विज्ञान
शिक्षा एम टेक, कोलकाता विश्वविद्यालय
प्रसिद्धि भारतीय वैज्ञानिक
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
अन्य जानकारी मौमिता दत्ता के अनुसंधान के क्षेत्र हैं- गैस सूचक का लघु रूप तैयार करना, जो कि प्रकाशिकी के क्षेत्र में राज्य के अति-आधुनिक प्रौद्योगिकियों में शामिल है।
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मौमिता दत्ता (अंग्रेज़ी: Maumita Dutta) भारतीय वैज्ञानिक हैं। वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) की श्रेष्ठ महिला वैज्ञानिकों में से एक हैं। वे "मेक इन इंडिया" का हिस्सा बनकर प्रकाश विज्ञान के क्षेत्र में देश की उन्नति हेतु टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

  • मौमिता दत्ता 2006 में अहमदाबाद में मौजूद अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र[1] में शामिल हुईं। तब से वे विभिन्न प्रकार की कुलीन परियोजनाओं, जैसे- चंद्रयान-1, ओशियनसेट, रिसोर्ससैट और हाएसेट का हिस्सा रह चुकी हैं।
  • उन्हें मंगल परियोजनाओं में मीथेन सेंसर के लिए परियोजना के आयोजक के तौर पर चुना गया था और वह ऑप्टिकल प्रणाली के विकास और सूचक के लक्षण वर्णन और अंशांकन के लिए जिम्मेदार थीं।
  • इसरो की विभिन्न परियोजनाओं के लिए विभिन्न बहु-वर्णक्रमीय पेलोड और स्पेक्ट्रोमीटर के विकास में मौमिता दत्ता शामिल हैं।
  • मौमिता दत्ता के अनुसंधान के क्षेत्र हैं- गैस सूचक का लघु रूप तैयार करना, जो कि प्रकाशिकी के क्षेत्र में राज्य के अति-आधुनिक प्रौद्योगिकियों में शामिल है।
  • एक विद्यार्थी के तौर पर मौमिता दत्ता ने चंद्रयान मिशन के बारे में सब कुछ पढ़ा था और अब वह मार्स मिशन के साथ बतौर प्रोजेक्‍ट मैनेजर जुड़ी हुई हैं।
  • उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अप्‍लाइड साइंस में एम टेक किया है और अब वह ऑप्टिकल साइंस में एक टीम को लीड करती हैं। यह टीम 'मेक इन इंडिया' का हिस्‍सा है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Space Applications Centre

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