"गजेंद्र सिंह शेखावत": अवतरणों में अंतर
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गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म 3 सितंबर, 1967 को जैसलमेर, राजस्थान में हुआ था। जोधपुर सीट से राजस्थान के [[मुख्यमंत्री]] रहे [[अशोक गहलोत]] के पुत्र वैभव गहलोत को हराकर सुर्खियों में आए गजेंद्र सिंह शेखावत [[1992]] में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी के रूप में [[जोधपुर]] में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के भारी मतों से अध्यक्ष चुने गए थे। इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने [[दर्शनशास्त्र]] में | गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म [[3 सितंबर]], [[1967]] को [[जैसलमेर]], [[राजस्थान]] में हुआ था। जोधपुर सीट से राजस्थान के [[मुख्यमंत्री]] रहे [[अशोक गहलोत]] के पुत्र वैभव गहलोत को हराकर सुर्खियों में आए गजेंद्र सिंह शेखावत [[1992]] में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी के रूप में [[जोधपुर]] में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के भारी मतों से अध्यक्ष चुने गए थे। इसी [[विश्वविद्यालय]] से उन्होंने [[दर्शनशास्त्र]] में एम.ए. किया है। | ||
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09:55, 13 जुलाई 2021 के समय का अवतरण
गजेंद्र सिंह शेखावत
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पूरा नाम | गजेंद्र सिंह शेखावत |
अन्य नाम | गज्जू बन्ना |
जन्म | 3 अक्टूबर, 1967 |
जन्म भूमि | जैसलमेर, राजस्थान |
अभिभावक | पिता- शंकर सिंह शेखावत |
पति/पत्नी | मोहन कंवर |
संतान | तीन |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कार्य काल | जल शक्ति मंत्री- 31 मई, 2019 से कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री- 3 सितंबर, 2017 से 30 मई, 2019 तक |
शिक्षा | एम.ए. और एम.फिल (दर्शनशास्त्र) |
विद्यालय | जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय |
चुनाव क्षेत्र | जोधपुर |
अन्य जानकारी | भारत-पाकिस्तान सीमा पर 40 स्कूल और चार छात्रवास खुलवाने में गजेंद्र सिंह शेखावत की मुख्य भूमिका रही। |
अद्यतन | 14:42, 31 मार्च 2020 (IST)
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गजेंद्र सिंह शेखावत (अंग्रेज़ी: Gajendra Singh Shekhawat, जन्म- 3 अक्टूबर, 1967, जैसलमेर, राजस्थान) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। वह सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य हैं। नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में उन्हें 'केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री' बनाया है। गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर लोकसभा से सांसद हैं। अपने चुनाव क्षेत्र जोधपुर में वह गज्जू बन्ना के नाम से प्रसिद्ध हैं।
परिचय
गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म 3 सितंबर, 1967 को जैसलमेर, राजस्थान में हुआ था। जोधपुर सीट से राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को हराकर सुर्खियों में आए गजेंद्र सिंह शेखावत 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी के रूप में जोधपुर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के भारी मतों से अध्यक्ष चुने गए थे। इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने दर्शनशास्त्र में एम.ए. किया है।
गजेंद्र सिंह शेखावत राजपूत परिवार से हैं। वह सीकर जिले के महरौली गांव से संबंध रखते हैं। उनके पिता शंकर सिंह शेखावत जनस्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारी थे। गजेंद्र सिंह शेखावत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। सांसद के रूप में सदन में सर्वाधिक बहस करने वाले सर्वश्रेष्ठ पांच सांसदों में वह शामिल रहे हैं।
राजनीतिक शुरुआत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने 1992 में छात्रसंघ का चुनाव जीतने के बाद एक साल तक जोधपुर में विश्वविद्यालय के छात्रों की सेवा की। इसके बाद 1994 में वे इथोपिया चले गए। वहां खुद की जमीन पर खेती करने लगे, लेकिन उनको राजनीति में आने की ललक थी और वे भारत वापस आ गए। 2014 में उन्हें भाजपा ने जोधपुर लाेकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। गजेंद्र सिंह शेखावत ने चार लाख से अधिक वाेटाें से चुनाव जीता और उन्हें माेदी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्यमंत्री बनाया गया।
सीकर से ख़ास सम्बंध
चुनावी राजनीति में आने से पहले गजेंद्र सिंह शेखावत कई मंचों एवं संगठनों में पदाधिकारी रहे। वह संघ परिवार की आर्थिक शाखा के स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक और राजस्थान में सीमाई क्षेत्रों में गांवों और शहरों के विकास के लिए समर्पित संगठन सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव रहे। सीमा क्षेत्र में निवासरत नागिरकों की दूसरी रक्षापंक्ति बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत-पाकिस्तान सीमा पर 40 स्कूल और चार छात्रवास खुलवाने में उनकी मुख्य भूमिका रही।
लोकप्रियता
2014 में गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर से ही चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रेश कुमारी को भारी मतों से हराया था, लेकिन लोकसभा चुनाव, 2019 में मुकाबला दमदार हो गया, क्योंकि उनके सामने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत थे। गजेंद्र सिंह शेखावत ने वैभव गहलोत को चुनाव में करारी शिकस्त दी और उन्हें अब इस जीत के इनाम के तहत प्रमाेशन देकर केबिनेट मंत्री बनाया गया है। गजेंद्र सिंह शेखावत के बोलने की शैली की काफी तारीफ की जाती है और वह अपने संसदीय क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। उन्हें उनके क्षेत्र में अक्सर 'गज्जू बन्ना' कहा जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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