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'''रोहित श्रीवास्तव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Rohit Srivastava'', जन्म- [[16 जून]], [[1976]]) [[भारत]] के एक प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक हैं। सार्बजनिक स्वास्थ्य हेतु डॉ. रोहित श्रीवास्तव ने भारत मे किफायती चिकित्सा उपकरणों को विकसित कर एक उत्कृष्ट योगदान दिया है। इसके लिए उन्हें मेडिकल साइंस के लिए वर्ष [[2021]] में भारत का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार मिला। रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे में बायो साइंसेज और बायो इंजीनियरिंग विभाग में एक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें मेडिकल डायग्नोस्टिक डिवाइस और नैनोइंजीनियर सामग्री के विकास तथा फोटोथर्मल कैंसर थेरेपी में विशेषज्ञता हासिल है।  
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==प्रारंभिक जीवन==
==प्रारंभिक जीवन==
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==कॅरियर==
==कॅरियर==
अमेरिका से पीएचडी प्राप्त करने के बाद डॉ. रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे में संकाय सदस्य के रूप में जुड़ गए। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे में प्रोफेसर हैं। साथ ही रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग में नैनोबायोस लैब के प्रमुख भी हैं। उन्हें नैनोइंजीनियर बायोसेंसर, कैंसर में फोटोथर्मल थेरेपी, पीओसी डायग्नोस्टिक डिवाइस, बायोमेडिकल माइक्रोसिस्टम्स डिवाइस (एमईएमएस) और नैनोइंजीनियर ऑर्थोपेडिक के विकास में विशेषज्ञता प्राप्त है।
अमेरिका से पीएचडी प्राप्त करने के बाद डॉ. रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे में संकाय सदस्य के रूप में जुड़ गए। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे में प्रोफेसर हैं। साथ ही रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग में नैनोबायोस लैब के प्रमुख भी हैं। उन्हें नैनोइंजीनियर बायोसेंसर, कैंसर में फोटोथर्मल थेरेपी, पीओसी डायग्नोस्टिक डिवाइस, बायोमेडिकल माइक्रोसिस्टम्स डिवाइस (एमईएमएस) और नैनोइंजीनियर ऑर्थोपेडिक के विकास में विशेषज्ञता प्राप्त है।

09:58, 11 जनवरी 2022 के समय का अवतरण

रोहित श्रीवास्तव
रोहित श्रीवास्तव
रोहित श्रीवास्तव
पूरा नाम रोहित श्रीवास्तव
जन्म 16 जून, 1976
जन्म भूमि पश्चिम बंगाल
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र चिकित्सा विज्ञान
शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री, विश्वेश्वरैया रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, नागपुर

मास्टर डिग्री, लुइसियाना टेक यूनिवर्सिटी, अमेरिका
पीएचडी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

पुरस्कार-उपाधि 2021 - शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार

2018 - श्रीओम प्रकाश भसीन पुरस्कार 2016 - राष्ट्रीय जैव विज्ञान पुरस्कार 2014 - ओपीपीआई युवा अन्वेषक पुरस्कार 2013 - वासविक पुरस्कार

प्रसिद्धि चिकित्सा वैज्ञानिक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी रोहित श्रीवास्तव 130 से भी अधिक भारतीय और यूएस पेटेंट दाखिल कर चुके हैं। इनके पेटेंट की सूची में 20 से अधिक स्वीकृत भारतीय पेटेंट हैं।
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रोहित श्रीवास्तव (अंग्रेज़ी: Rohit Srivastava, जन्म- 16 जून, 1976) भारत के एक प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक हैं। सार्बजनिक स्वास्थ्य हेतु डॉ. रोहित श्रीवास्तव ने भारत मे किफायती चिकित्सा उपकरणों को विकसित कर एक उत्कृष्ट योगदान दिया है। इसके लिए उन्हें मेडिकल साइंस के लिए वर्ष 2021 में भारत का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार मिला। रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे में बायो साइंसेज और बायो इंजीनियरिंग विभाग में एक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें मेडिकल डायग्नोस्टिक डिवाइस और नैनोइंजीनियर सामग्री के विकास तथा फोटोथर्मल कैंसर थेरेपी में विशेषज्ञता हासिल है।

प्रारंभिक जीवन

डॉ. रोहित श्रीवास्तव का जन्म 16 जून, 1976 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पश्चिम बंगाल के डीएवी मॉडर्न स्कूल, दुर्गापुर से हुई। दुर्गापुर के इस्पात संयंत्र में उनके पिता काम करते थे। अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा बंगाल के दुर्गापुर से पूरी करने के बाद वे नागपुर आ गए। उन्होंने नागपूर के विश्वेश्वरैया रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। डॉ. रोहित श्रीवास्तव ने सन 1999 में इस कॉलेज से बी.ई. की डिग्री हासिल की। उसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए। अमेरिका के लुइसियाना टेक यूनिवर्सिटी में उन्होंने मास्टर डिग्री प्राप्त की। उसके बाद पीएचडी के लिए शोध करने लगे। जहाँ उन्होंने 2005 में प्रो. माइकल जे. मैकशेन के मार्गदर्शन में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में शोध करते हुए डॉक्टरेट (पीएचडी) प्राप्त किया।[1]

कॅरियर

अमेरिका से पीएचडी प्राप्त करने के बाद डॉ. रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे में संकाय सदस्य के रूप में जुड़ गए। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे में प्रोफेसर हैं। साथ ही रोहित श्रीवास्तव आईआईटी बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग में नैनोबायोस लैब के प्रमुख भी हैं। उन्हें नैनोइंजीनियर बायोसेंसर, कैंसर में फोटोथर्मल थेरेपी, पीओसी डायग्नोस्टिक डिवाइस, बायोमेडिकल माइक्रोसिस्टम्स डिवाइस (एमईएमएस) और नैनोइंजीनियर ऑर्थोपेडिक के विकास में विशेषज्ञता प्राप्त है।

कार्य व योगदान

नैनोबायोस लैब के प्रमुख के रूप में आईआईटी बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग में उन्होंने कई उल्लेखनीय काम किये। उनके कार्यकाल में इस लैब द्वारा गहन चिकित्सा में पर्युक्त होने वाले कई उपकरणों का सस्ते लागत में विकास किया गया है। बहुमूल्य लेकिन किफाइती चिकित्सा उपकरणों के विकास के लिए वर्ष 2021 में उन्हें चिकित्सा विज्ञान में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 'शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार' प्रदान किया गया। यह सिर्फ नैनोबायोस लैब ही नहीं बल्कि पूरे आईआईटी बॉम्बे के लिए बड़े ही गर्व की बात थी कि मेडिकल साइंस के क्षेत्र में भारत को सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार प्रो. रोहित श्रीवास्तव दिया गया। डॉ. श्रीवास्तव ने अपने प्रयोगशाला में 'यूचेक' नामक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर आधारित एक पोर्टेबल मूत्र विश्लेषण प्रणाली यंत्र का विकास किया। जिसके लिए उन्हें 2015 में पुरस्कार मिला।

रोहित श्रीवास्तव 130 से भी अधिक भारतीय और यूएस पेटेंट दाखिल कर चुके हैं। इनके पेटेंट की सूची में 20 से अधिक स्वीकृत भारतीय पेटेंट हैं। बहुत ही कम समय में उन्होंने सफलता की ऊंचाई प्राप्त की है।[1]

सम्मान व पुरस्कार

  1. 2021 - आईएनएई का फेलो चुना जाना[1]
  2. 2021 - शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार
  3. 2019 - अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजी इनोवेशन नेशनल फेलोशिप
  4. 2019 - राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत के निर्वाचित फेलो
  5. 2019 - रॉयल सोसाइटी ऑफ बायोलॉजी के निर्वाचित फेलो
  6. 2019 - रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के निर्वाचित फेलो
  7. 2018 - श्रीओम प्रकाश भसीन पुरस्कार, चिकित्सा विज्ञान में उत्कृष्ट कार्य हेतु
  8. 2017 - डीबीटी राष्ट्रीय जैव विज्ञान पुरस्कार
  9. 2016 - जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा राष्ट्रीय जैव विज्ञान पुरस्कार
  10. 2015 - डीबीटी बायोटेक उत्पाद और विकास के लिए व्यावसायीकरण पुरस्कार
  11. 2014 - ओपीपीआई युवा अन्वेषक पुरस्कार
  12. 2013 - वासविक पुरस्कार, जैविक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान हेतु
  13. 2013 - सीनियर आईवाईबीए पुरस्कार
  14. 2013 - आईएनएई यंग एसोसिएटशिप की प्राप्ति
  15. 2011 - राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फ़ेलो निर्वाचित
  16. 2010 - प्रतिष्ठित आईएनएई यंग इंजीनियर अवॉर्ड


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 रोहित श्रीवास्तव की जीवनी (हिंदी) nikhilbharat.com। अभिगमन तिथि: 11 जनवरी, 2022।

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