गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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*[[मारीच]]-[[सुबाहु (ताड़का पुत्र)|सुबाहु]] की माता, सुकेतु नामक यक्ष की पुत्री, जो [[अगस्त्य]] ऋषि के शाप से राक्षसी हो गयी थी। | *[[मारीच]]-[[सुबाहु (ताड़का पुत्र)|सुबाहु]] की माता, सुकेतु नामक यक्ष की पुत्री, जो [[अगस्त्य]] ऋषि के [[शाप]] से राक्षसी हो गयी थी। | ||
*यह [[सरयू]] के निकट ताड़का वन में रहकर ऋषियों के यज्ञों में बाधा डालती थी। | *यह [[सरयू]] के निकट ताड़का वन में रहकर ऋषियों के यज्ञों में बाधा डालती थी। | ||
*अत्याचार से पीड़ित होकर [[विश्वामित्र]] उसके वध के लिए [[राम]]-[[लक्ष्मण]] को [[दशरथ]] से माँगकर ले गये। | *अत्याचार से पीड़ित होकर [[विश्वामित्र]] उसके वध के लिए [[राम]]-[[लक्ष्मण]] को [[दशरथ]] से माँगकर ले गये। |
07:16, 9 मार्च 2011 का अवतरण
- मारीच-सुबाहु की माता, सुकेतु नामक यक्ष की पुत्री, जो अगस्त्य ऋषि के शाप से राक्षसी हो गयी थी।
- यह सरयू के निकट ताड़का वन में रहकर ऋषियों के यज्ञों में बाधा डालती थी।
- अत्याचार से पीड़ित होकर विश्वामित्र उसके वध के लिए राम-लक्ष्मण को दशरथ से माँगकर ले गये।
- स्त्री जानकर राम उसे मारने में संकोच कर रहे थे, किन्तु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर उन्होंने उसे मार डाला।
- इसका दूसरा नाम 'सुकेतुसुता' भी है।
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