"समुच्यबोधक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*समुच्यबोधक सार्थक शब्दों के ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:हिन्दी भाषा (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 18: पंक्ति 18:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{व्याकरण}}
{{व्याकरण}}
[[Category:नया पन्ना]][[Category:व्याकरण]]
[[Category:व्याकरण]]
[[Category:हिन्दी भाषा]]
__INDEX__
__INDEX__

13:56, 30 दिसम्बर 2010 का अवतरण

  • समुच्यबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में समुच्यबोधक एक अविकारी शब्द है।
  • जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्यों खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
  • जैसे- और, या, न, पर, किन्तु, परन्तु, वरन्, लेकिन, इसीलिए, अतएव, सो, अत:, क्योंकि, कि, यदि, तो, यद्यपि-तथापि आदि। उदाहरण-
  • राम और श्याम दिल्ली जा रहे हैं।
  • या तो तुम बातें करों या सो जाओ।
  • वह यहाँ अवश्य आता, परन्तु बीमार था।
  • यदि तुम आओगे, तो मैं भी अवश्य आऊँगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख