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*[[व्याकरण (व्यावहारिक)|व्याकरण]] में सम्बन्धबोधक एक [[अविकारी शब्द]] है। | *[[व्याकरण (व्यावहारिक)|व्याकरण]] में सम्बन्धबोधक एक [[अविकारी शब्द]] है। | ||
*जो अविकारी शब्द [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] या [[सर्वनाम]] शब्दों के पहले या पीछे आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी अन्य [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] से कराते हैं, उन्हें सम्बन्धबोधक कहते हैं। जैसे | *जो अविकारी शब्द [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] या [[सर्वनाम]] शब्दों के पहले या पीछे आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी अन्य [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] से कराते हैं, उन्हें सम्बन्धबोधक कहते हैं। | ||
*जैसे- बिना, पूर्वक, और, वास्ते, तुल्य, समान, सरीखा, तक, सहित, लिए आदि। | |||
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*राम के बिना मेरा कार्य नहीं होगा। | *राम के बिना मेरा कार्य नहीं होगा। | ||
*सीता के समान अन्य कोई नारी नहीं है। | *सीता के समान अन्य कोई नारी नहीं है। |
08:14, 5 जनवरी 2011 का अवतरण
- सम्बन्धबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
- व्याकरण में सम्बन्धबोधक एक अविकारी शब्द है।
- जो अविकारी शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के पहले या पीछे आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी अन्य शब्द से कराते हैं, उन्हें सम्बन्धबोधक कहते हैं।
- जैसे- बिना, पूर्वक, और, वास्ते, तुल्य, समान, सरीखा, तक, सहित, लिए आदि।
- उदाहरण
- राम के बिना मेरा कार्य नहीं होगा।
- सीता के समान अन्य कोई नारी नहीं है।
- मोहन अपनी पत्नी सहित घर गया है।
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