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- अलर्क मदालसा और राजा ऋतुध्वज के सबसे छोटे पुत्र थे। अलर्क को उनकी माता ने राजधर्म की शिक्षा दी थी जबकि अन्य पुत्रों को निवृत्तिधर्म की शिक्षा दी गयी थी।
- अलर्क प्राचीनकाल के एक राजा का नाम था जिसने एक ब्राह्मण के माँगने पर अपनी आँखें निकालकर उसे दे दी थीं। पूर्वकाल में अकर्क ए अतिरिक्त और किसी ने भी 66000 वर्षों तक युवावस्था में रहकर पृथ्वी का भोग नहीं किया।[1]
- अलर्क दत्तात्रेय के एक शिष्य थे जो विष्णु की माया का रहस्य जानते थे।[2]
- अलर्क द्युतमत के एक पुत्र तथा सन्नति के पिता का नाम था जिसने 66000 वर्षों तक राज्य किया। ब्रह्माण्डपुराणानुसार अलर्क वत्स का, विष्णु पुराणानुसार प्रतर्द्धन का पुत्र था। यह काशी का राजर्षि था जिसने लोपामुद्रा की कृपा से दीर्घजीवन पाया था। क्षेमक राक्षस को मार इसने काशी में अपनी सुन्दर राजधानी बसायी थी।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विष्णु पुराण 4.8.16.18
- ↑ भागवत पुराण 1.3.11; 2.7.44
- ↑ ब्रह्माण्ड पुराण 3.6.7.69; विष्णु पुराण 4.8.16-18; भागवत पुराण 9.17.6-8